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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 01 Aug 2023 05:53:05 PM IST
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PATNA: जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट का फैसला आने के तुरंत बाद नीतीश कुमार की सरकार एक्शन में आ गयी है. हाईकोर्ट के फैसले के कुछ ही देर बाद सरकार की ओर से आदेश जारी किया गया है. सरकारी पत्र में कहा गया है कि जातीय जनगणना शुरू करें, ये सरकार का सर्वोच्च प्राथमिकता का काम है.
बिहार सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने पत्र जारी किया है. सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि पटना उच्च न्यायालय ने बिहार जाति आधारित गणना, 2022 के खिलाफ दायर सभी रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया है. ऐसे में सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र संख्या-8527 दिनांक 04.05.2023 के द्वारा माननीय उच्च न्यायालय, पटना के आदेश के आलोक में बिहार जाति आधारित गणना, 2022 को अंतरिम रूप से स्थगित रखने संबंधी आदेश वापस लेते हुए कार्य पुनः तत्काल आरंभ कराने का निर्देश दिया गया है. सरकारी पत्र में कहा गया है कि जातीय गणना को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए.
बता दें कि आज ही पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना के खिलाफ दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया है. पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन की बेंच ने ये फैसला सुनाया है. जातीय जनगणना के मामले पर पिछले 7 जुलाई से ही पटना हाईकोर्ट की बेंच ने अपना फैसला रिजर्व रखा था. आज फैसला सुनाया गया.
इससे पहले पटना हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस पार्थ सार्थी की खंडपीठ ने 3 जुलाई से 7 जुलाई तक पांच दिनों तक जातीय गणना के खिलाफ याचिका दायर करने वालों और बिहार सरकार की दलीलें सुनी थी. इससे पहले 4 मई को पटना हाईकोर्ट ने जातीय गणना कराने के बिहार सरकार के फैसले पर रोक लगा दिया था. हालांकि ये रोक अंतरिम थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि वह 3 जुलाई को इस मामले की सुनवाई करेगी.
हाईकोर्ट की रोक के बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का भी रूख किया था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी होने का इंतजार करने को कहा था. बता दें कि नीतीश सरकार के जातिगत जनगणना कराने के फैसले के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में 6 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. इन याचिकाओं में जातिगत जनगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
गौरतलब है कि बिहार में जाति की गणना की शुरुआत सात जनवरी से हुई थी. पहले फेज का काम पूरा हो गया था. इसके बाद दूसरे फेज का काम 15 अप्रैल से शुरू किया गया था. इसी बीच चार मई को पटना हाईकोर्ट ने अपने एक अंतरिम आदेश में जाति आधारित गणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया था. सरकार ने कोर्ट में कहा था कि जातीय गणना का लगभग 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है.