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1st Bihar Published by: Updated Thu, 01 Oct 2020 10:25:56 PM IST
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PATNA : जेडीयू विधायक अमरनाथ गामी ने चुनाव के ठीक पहले पार्टी को अलविदा कह दिया है। अमरनाथ गामी आरजेडी का दामन थामने जा रहे हैं. वह तेजस्वी यादव के भरोसे अब विधानसभा चुनाव में उतरेंगे.
अमरनाथ गामी लगातार नीतीश सरकार और मुख्यमंत्री की आलोचना करते रहे हैं और अब उन्होंने एक के सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए ऐलान किया है कि वह जेडीयू किन हालातों में छोड़ रहे हैं.
अमरनाथ गामी ने अपने लंबे चौड़े पोस्ट में लिखा है कि नीतीश कुमार ने किस कदर उनकी अनदेखी की है. लगातार वह नीतीश कुमार से मुलाकात का वक्त मांगते रहे लेकिन उन्हें समय नहीं दिया गया.
विधायक अमरनाथ गामी ने लिखा है कि "मैं दिल्ली से दौलता बाद तक नेताओ से संपर्क किया कि मै लोकसभा में आपके उमीदवार के लिये दिन रात एक किया. मुझे आप अपने यहां स्थान दे टिकट भी नही मांगा था. केवल स्थान मांगा था. सबके पास अर्जी दी. प्रभु (नीतीश कुमार) के मर्जी के खिलाफ आप लोग निर्णय नही किये. नीतीश कुमार का लगातार हम छौ महीना से जयकारा लगा रहा हूँ. कारण उन्होंने मुझसे बात कर मुझे सक्रिय किये.
इस बिच अनेको बार विकास संबंधी बात हुई ,आपने बात किया भी और मेरा काम भी किया. फिर जब मैं सीट गठवन्धन में चली जायेगी ऐसी चिंता व्यक्त किया तो आपने कहा हम सिटिंग सीट नही छोड़ने जा रहे है. फिर मैं पूरी मुस्तैदी से क्षेत्र विकास में लगा रहा. हमे क्या मालूम आपने हमे देख लेने की बात कही थी उसी के प्रमाण स्वरूप मुझे पार्टी में सक्रिय कर इस तरह का बदला लेने का प्लान रच रखे थे.
श्रीमान मैंने आपके कहने पर भरचुअल रैली में 175 बैनर लगा कर tv लैपटॉप led स्क्रीन पर प्रसारण करवाया. फेस बुक लाइव के माध्य्म से आपका झूठा सच्चा गुणगान किया. मैं स्वभाव के बिपरीत प्रस्थिति से समझौता किया लोग ये नही कहे कि मैं पार्टी के साथ गलत किया. मैं आपके बारे में भला बुरा बोलकर राजनीति नही करूँगा.
श्रीमान हम आभार व्यक्त करते है डिप्टी सीएम साहब का उन्होंने भी मेरी बातों को पूरा गंभीरता से सुना. मैंने उन्हें कहा था कि मुझे टिकट नही चाहिये दल में राजनीति के लिये स्थान चाहिए. उन्होंने सीधा कहा कि वो (नीतीश कुमार) नाराज हो जाएंगे उनको नाराज कर पार्टी में हम नही ले सकते है. जिनके लिये लोकसभा में काम किये वो भी मेरे लिये प्रयास किये वो भी बिफल हो गए.
मेरा गलती क्या था कि लोकसभा चुनाव में मुझे क्षेत्र में लोजपा चुनाव कार्य से अलग रखा था. मैंने पत्र लिखकर सूचना दिया आपकों. दल के आदेश पर दरभंगा में भाजपा के लिये काम किया। उसमे भी मुझे शहर से अलग रखा गया. आपने लोजपा नेता के शिकायत पर मुझसे पूछा मैंने स्पस्ट कहा सड़क का शिलापट पर मेरा नाम नही देकर हारा हुआ प्रत्यासी का नाम दिये है. जो उनके दल का है मतलब ये था कि 2020 का साइन उस समय दिखा रहे थे. मतलब लोजपा का ही उमीदवार 2020 चुनाव लड़ेगा.
इतना सुनने के बाद भी आपने मुझसे सवाल किया की अपने विधानसभा क्षेत्र में क्यों नही सक्रिय है. फिर मैंने इस्तफ़ा देने की बात की फिर आक्रोश में बाद विबाद हुआ. मैं हमेशा दल में रहने की बात की आपने मुझे दल के बैठक से पोस्टर से फोटो हटवा दिया. फिर भी मैं अपना गलती स्वीकार कर पार्टी में सक्रिय हुआ.
आज सुबह से सभी नेताओ के दरबार मे स्वभाव विपरीत हाजरी लगाई की हमे टिकट नही चाहिये केवल राजनीति पूर्व विधायक के प्रतिष्ठा के साथ राजनीत में स्थान मिले। आपलोग निर्दय हो गये. देर शाम तक निर्णय करने का बात इसलिये किया कि कही आप लोग का दिल पसीज जाए. आपके दरबार मे कई बार फोन किया जवाब मिलती थी साहब खाली होंगे तो बात करवाते है. तीन दिन में वो दिन आज तक नही आई.
डिप्टी cm साहब तो इतना डर गये की मेरा फोन कई बार जाने करे बाद फोन से बात करना उचित नही समझे. जैसे दल से भगाने का ये अवसर उनके लिये अनुकूल मिला हो. मालूम है केवल मेम्बर सिप मांगी थी टिकट नही मांगा था. इस बात को जब कहे हम प्रूफ कर देंगे. मेरे पास दो ही चारा है सन्यास या संघर्ष.