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1st Bihar Published by: Updated Wed, 15 Jun 2022 04:17:48 PM IST
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PATNA : जेडीयू नेतृत्व में अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए पार्टी के कुछ नेताओं के ऊपर मंगलवार को एक्शन लिया था। जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक समेत कई नेताओं को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से निष्कासित करने का आदेश जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने जारी किया था। इन नेताओं को आरसीपी कैंप का माना जा रहा है और इस बात की भी चर्चा है कि यह नेता लगातार राष्ट्रीय नेतृत्व की चिंता किए बगैर आरसीपी सिंह के पक्ष में आवाज बुलंद कर रहे थे। अजय आलोक के अलावे सेवा दल से जुड़े रहे अनिल कुमार और समाज सुधार प्रकोष्ठ के प्रमुख रह चुके जीतेंद्र नीरज को भी पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया गया। लेकिन अब इस कार्रवाई के बाद आरसीपी सिंह के करीबी माने जाने वाले नेताओं ने जवाब देना शुरू कर दिया है।
जेडीयू के इन नेताओं के ऊपर जब एक्शन हुआ तो ज्यादातर नेता पटना से बाहर थे। पार्टी के प्रवक्ता रह चुके अजय आलोक विदेश दौरे पर थे। उन्होंने थैंक्यू कह कर फैसले का स्वागत किया लेकिन दिल्ली से पटना पहुंचे जीतेंद्र नीरज ने आज प्रदेश नेतृत्व से लेकर पार्टी के नेता नीतीश कुमार तक को आईना दिखा दिया। फर्स्ट बिहार के साथ एक्सक्लूसिव बातचीत में जीतेंद्र नीरज ने कहा है कि पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने वाले प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने इस बात की जानकारी नहीं दी है कि आखिर उनके ऊपर एक्शन क्यों लिया गया? उन्होंने कौन सा ऐसा कसूर किया है कि पार्टी से निष्कासित करना पड़ा? ना तो कोई शो कॉज जारी किया गया और ना ही यह बताने की कोशिश की गई कि उनका अपराध क्या है! जितेंद्र नीरज ने कहा है कि प्रदेश अध्यक्ष मनमाना फैसला कर रहे हैं और जितने अरसे से वह पार्टी के साथ जुड़े हुए हैं उससे पुराने दौर का रिश्ता हम जैसे नेताओं का जेडीयू और समता पार्टी से रहा है। जितेंद्र नीरज ने प्रदेश नेतृत्व की मौजूदा कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए नीतीश कुमार तक को लपेटे में ले लिया है। जितेंद्र नीरज ने कहा है कि क्या वाकई नीतीश कुमार धृतराष्ट्र बन गए हैं? उन्हें कुछ भी दिखाई नहीं पड़ रहा।
आरसीपी कैंप से जुड़े इन नेताओं में खुला ऐलान कर दिया है कि वह कभी जेडीयू के लिए पार्टी जोड़ो का अभियान चलाते थे लेकिन अब पार्टी छोड़ो का अभियान चलाएंगे। जेडीयू का भविष्य अंधेरे में जा रहा है और कुछ नेता पार्टी को लगातार नुकसान पहुंचा रहे हैं यह आरोप भी जितेंद्र नीरज ने लगाया है। जितेंद्र ने कहा है कि आरसीपी सिंह ने पार्टी के फैसले को हंसते-हंसते स्वीकार किया उन्हें जहर दिया गया लेकिन उन्होंने विष पान किया।