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1st Bihar Published by: Updated Wed, 04 Jan 2023 06:50:30 PM IST
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RANCHI: झारखंड के दुमका में सरकारी पॉलिटेकनिक कॉलेज में बडा घोटाला सामने आया है. पॉलिटेकनिक कॉलेज प्रशासन ने एक ब्लैकलिस्टेड कंपनी और उससे संबंधित कंपनियों को करोड़ों के सामान की सप्लाई का ठेका दे दिया. झारखंड सरकार ने पहले ही इस कंपनी को कोई आर्डर नहीं देने का आदेश जारी किया था. लेकिन, कॉलेज प्रशासन ने उस कंपनी से संबंधित कंपनियों को ठेका देने के साथ साथ आनन फानन में पेमेंट भी कर दिया. मामले के खुलासे के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिये हैं.
मोटे कमीशन का खेल
दरअसल झारखंड सरकार ने 2019 में ही सूबे के सभी तकनीकी संस्थानों को पत्र जारी किया था. झारखंड के तकनीकी शिक्षा निदेशक डॉ अरूण कुमार की ओर से जारी पत्र में कहा गया था कि पंजाब की कंपनी क्रियेटिव लैब ना तो तकनीकी शिक्षा के लिए जरूरी उपकरणों की निर्माता कंपनी है या ना ही कोई ऑथराइज्ड डीलर है. इसके बावजूद उसे बड़े पैमाने पर ठेका दिया जा रहा है. जबकि इस कंपनी के द्वारा आपूर्ति किया गया सामान बेहद घटिया है और सरकार द्वारा तय मानकों को पूरा नहीं करते. ऐसे में सरकार ने सभी तकनीकी शिक्षण संस्थानों को ये निर्देश दिया था कि वे इस कंपनी से किसी सामान की खरीद नहीं करें. अगर किसी ने सामान खरीद लिया है तो उसे भुगतान नहीं किया जाये.
तीन साल पहले सरकार की ओर से जारी हुए इस पत्र के बावजूद दुमका के सरकारी पॉलिटेकनिक कॉलेज ने पंजाब की कंपनी क्रियेटिव लैब को लाभ पहुंचाने का दूसरा रास्ता निकाला. दुमका पॉलिटेकनिक कॉलेज ने क्रियेटिव लैब के मालिकों के संबंधित दूसरी कंपनियों को सामान की खरीद का आर्डर दे दिया. क्रियेटिव लैब से संबंधित कंपनियों को दुमका पॉलिटेकनि कॉलेज में लगभग दो करोड़ रूपये के सामान की सप्लाई का आर्डर दे दिया गया. आनन फानन में आर्डर देने के साथ साथ उसका भुगतान भी कर दिया गया.
जांच के आदेश
दुमका पॉलिटेकनिक कॉलेज में हुए इस खेल की जानकारी अब झारखंड सरकार के तकनीकी शिक्षा विभाग को मिली है. तकनीकी शिक्षा विभाग को मिली शिकायत के मुताबिक सामान खरीद में लगभग 40 प्रतिशत का कमीशन लिया गया है. इसके बाद तकनीकी शिक्षा विभाग ने मामले की जांच के आदेश दे दिये हैं. विभागीय सूत्रों ने बताया कि प्राथमिक तौर पर इस मामले में दुमका पॉलिटेकनिक कॉलेज में सामान खरीदने के लिए अधिकृत अधिकारी की भूमिका संदिग्ध नजर आ रही है. हालांकि पूरी जांच के बाद मामला स्पष्ट हो पायेगा.