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जज से मारपीट मामले में सौंपी गई रिपोर्ट, कोर्ट ने कहा- लोडेड पिस्टल के साथ जज के कमरे में कैसे घुस सकता है कोई?

1st Bihar Published by: Updated Mon, 29 Nov 2021 01:41:23 PM IST

जज से मारपीट मामले में सौंपी गई रिपोर्ट, कोर्ट ने कहा- लोडेड पिस्टल के साथ जज के कमरे में कैसे घुस सकता है कोई?

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PATNA: झंझारपुर कोर्ट के एडीजे अविनाश कुमार पर किये गए कथित मारपीट की घटना के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। जस्टिस राजन गुप्ता की खंडपीठ के समक्ष सुनवाई के दौरान बंद लिफाफा में रिपोर्ट सौंपी गई।  


कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा कि आखिर पुलिस अधिकारियों ने लोडेड हथियार के साथ एक जज के चैम्बर में प्रवेश कैसे किया ? कोर्ट ने इस मामले में सहयोग के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त करने का निर्णय लिया है। 


इस मामले पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने कहा कि राज्य की पुलिस दोनों पक्षों के मामलों को निष्पक्ष और पारदर्शी ढंग से अनुसंधान करने में सक्षम है। दोनों पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। एडवोकेट जनरल ने कहा कि यदि चाहे तो कोर्ट सीबीआई समेत किसी भी एजेंसी से मामले की जांच करवा सकता है। 


मधुबनी के डिस्ट्रिक्ट एन्ड सेशंस जज अविनाश कुमार द्वारा 18 नवंबर, 2021 को भेजे गए पत्र पर हाईकोर्ट ने 18 नवंबर को ही स्वतः संज्ञान लिया है। साथ ही कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव, राज्य के डीजीपी, गृह विभाग के प्रधान सचिव और मधुबनी के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किया था। 


मधुबनी के प्रभारी डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज द्वारा अभूतपूर्व और चौंका देने वाली इस घटना के संबंध में भेजे गए रिपोर्ट के मद्देनजर राजन गुप्ता की खंडपीठ ने 18 नवंबर 2021 को सुनवाई की। 


ज़िला जज,मधुबनी के द्वारा भेजे गए रिपोर्ट के मुताबिक घटना के दिन तकरीबन 2 बजे दिन में एसएचओ गोपाल कृष्ण और घोघरडीहा के पुलिस सब इंस्पेक्टर अभिमन्यु कुमार शर्मा ने एडीजे अविनाश कुमार के चैम्बर में जबरन घुसकर गाली दिया था। उनके द्वारा विरोध किये जाने पर दोनों पुलिस अधिकारियों ने दुर्व्यवहार करने और हाथापाई करने का काम किया था। 


इतना ही नहीं, दोनों पुलिस अधिकारियों ने उनपर हमला किया और मारपीट करने का काम किया था। पुलिस अधिकारियों ने अपनी सर्विस रिवॉल्वर निकालकर आक्रमण करना चाहा।  पटना हाईकोर्ट ने 18 नवंबर को कहा था कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि यह प्रकरण न्यायपालिका की स्वतंत्रता को खतरे में डालता है। मामले की गंभीरता को देखते हुए राज्य के डीजीपी को अगली सुनवाई में भी उपस्थित रहने को कहा गया है। अब इस मामले पर अगली सुनवाई 01 दिसम्बर 2021 को होगी।