Bihar News: 5 जिलों में भीषण आंधी-बारिश की चेतावनी, समय रहते हो जाएं सतर्क Patna Top Girls School: पटना के टॉप 5 गर्ल्स स्कूल, जहां मंत्री-विधायक समेत IAS-IPS की बेटियां लेती हैं शिक्षा Bihar News: जारी हुआ पटना-गोरखपुर वंदे भारत का टाइम टेबल, किन-किन स्टेशनों पर ठहरेगी ट्रेन? जानें.. Bihar News: मानसून के आने से पहले मौसम का कहर, बिहार में 12 लोगों की मौत Bihar News: राज्य में बनेंगे 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट, न्याय की व्यवस्था अब तुरंत; खौफ में अपराधी Bihar Monsoon: मानसून का इंतजार हुआ ख़त्म, मौसम विभाग ने आंधी-तूफान और भीषण बारिश को लेकर जारी किया अलर्ट वैशाली में कोचिंग जा रही छात्रा से छेड़खानी, केस वापस लेने का दबाव, पूरे परिवार को जान से मारने की दी धमकी पुल निर्माण के दौरान मिट्टी धंसने से 10 वर्षीय किशोर की दर्दनाक मौत, बकरी चराने के दौरान हादसा BIHAR: निषाद आरक्षण पर राजनीति तेज, VIP ने BJP पर जनता को बरगलाने का लगाया आरोप मुजफ्फरपुर में बेपटरी हुई मालगाड़ी, बाल-बाल बचा रेल कर्मी, ट्रेनों का परिचालन बाधित
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 04 Sep 2023 02:07:26 PM IST
- फ़ोटो
BHAGALPUR : बिहार में जबसे शिक्षा विभाग का कमान के के पाठक ने अपने जिम्मे लिया है। तबसे वो आए दिन कोई न कोई नया फरमान जारी कर दी देते हैं। जिससे शिक्षकों में जमीनी स्तर पर काफी नाराजगी नजर आ रही है। कई जगहों पर तो अब टीचर सामने से विभाग के अपर मुख्य सचिव के खिलाफ सवाल उठा रहे हैं। इसी कड़ी में अब एक ताजा मामला भागलपुर से निकल कर सामने आया है। जहां के के पाठक के फरमान से नाराज 107 टीचरों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है।
दरअसल, बिहार के भागलपुर में 107 शिक्षकों ने एक साथ इस्तीफा दे दिया है। शिक्षकों का कहना है कि अपर मुख्य सचिव केके पाठक कहते हैं पढ़ाई-लिखाई के अलावा टीचर्च दूसरा कोई काम नहीं करेंगे। दूसरी तरफ हमसे लगातार बीएलओ का काम कराया जा रहा है। ऐसे में हम लोगों ने बीएलओ पद से अब इस्तीफा दे दिया है। सभी ने एकमत होकर अपना इस्तीफा अनुमंडल पदाधिकारी को मेल पर भेजा है।
शिक्षकों का कहना है कि, विभाग के एसीएस केके पाठक की ओर से कहा कहा गया है कि शिक्षकों से पढ़ाई लिखाई के अलावा कोई दूसरा काम नहीं लिया जाएगा। इसके बावजूद लगातार बीएलओ पद पर शिक्षकों की तैनाती कर दी जाती है। शाम चार बजे के बाद बीएलओ के काम में लगा दिया जाता है। शिक्षकों का कहना है कि लगातार आंदोलन के बावजूद जिला प्रशासन की ओर से जब कोई कार्रवाई नहीं की गई तो हम सभी ने एक मत होकर अपना इस्तीफा बीएलओ पद से दे दिया।
वहीं, यह मामला सामने आने के बाद इलाके के टीचरों के बीच पूरा मामला काफी चर्चा में बना हुआ है। टीचरों के बीच तरह - तरह की चर्चा की जा रही है। कई टीचर दबे जुबान से यह भी कह रहे हैं कि पाठक ने जो निर्णय लिया है वो एक हद तो सही है। लेकिन, राज्य में अभी भी कई ऐसे स्कूल हैं जहां टीचर और स्टूडेंट के बैठने की भी जगह मुहैया नहीं है। ऐसे में इन बच्चों को शिक्षा देना उनके लिए भी कठिन है। वहीं, सरकार के तरफ टीचर पर इतने काम दिए गए हैं कि उन्हें सही ढंग से उचित कार्य के लिए समय नहीं मिल पाता है।
आपको बताते चलें कि, इससे पहले शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के तरफ से टीचरों की छुट्टी रद्द की गई थी और कहा गया था कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत प्राथमिक विद्यालयों में कम-से-कम 200 दिन और मध्य विद्यालयों में कम से कम 220 दिन क्लास चलना चाहिये. लेकिन चुनाव, परीक्षा, विधि-व्यवस्था, त्योहार, अनुष्ठान संबंधी आयोजन, बाढ़, प्राकृतिक आपदाओं, विभिन्न प्रकार के आयोग की परीक्षाओं /भर्ती परीक्षाओं के कारण स्कूलों में पढाई प्रभावित हो जाती ह। इसके अलावा त्योहारों और अनुष्ठानों के मौके पर स्कूलों बंद होने की प्रक्रिया में एकरूपता नहीं है। किसी त्योहार में किसी जिले में विद्यालय चल रहे होते हैं और उसी त्योहार में अन्य जिलों में विद्यालय बंद रहते हैं।