कर्पूरी जयंती समारोह रद्द करना अतिपिछड़ों का अपमान, बोली बीजेपी..भीड़ नहीं जुटने का डर..ठंड तो एक बहाना है

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 25 Dec 2023 07:04:05 PM IST

कर्पूरी जयंती समारोह रद्द करना अतिपिछड़ों का अपमान, बोली बीजेपी..भीड़ नहीं जुटने का डर..ठंड तो एक बहाना है

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 PATNA: पटना से वेटनरी कॉलेज मैदान में 24 जनवरी को आयोजित होने वाले कर्पूरी जयंती कार्यक्रम को जेडीयू ने स्थगित कर दिया है। जदयू के बिहार प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा का कहना है कि ठंड की संभावना को ध्यान में रखते हुए इस कार्यक्रम को स्थगित किया गया है। ऐसी उम्मीद थी कि इस कार्यक्रम में करीब 3 लाख लोग शामिल होते। ऐसे में इन्हें कहां ठहराया जाएगा यह समस्या थी। वही इस कार्यक्रम के रद्द होने को बीजेपी ने अतिपिछड़ों का अपमान बताया। 


पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कर्पूरी जन्म शताब्दी के अवसर पर जदयू द्वारा राज्य स्तरीय सम्मलेन स्थगित किया जाना अतिपिछड़ों का "राजकीय अपमान" है। उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति (15 जनवरी) के बाद ठंड कम होने लगती है और यदि भीड़ कम आने का आकलन था तो राज्य स्तरीय समारोह को बापू सभागार में भी किया जा सकता था, लेकिन तैयारी के बाद सीधे स्थगित कर देना कर्पूरी ठाकुर जैसे कद्दावर पूर्व मुख्यमंत्री और उनके अतिपिछड़ा समाज का " राजकीय अपमान " है।


सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की नीति और नीयत में खोट के कारण अतिपिछड़ा जनाधार जदयू से खिसक चुका है, इसलिए भीड़ न जुटने के डर से ठंड के बहाने समारोह स्थगित कर दिया गया।


उन्होंने कहा कि हाल में विकास मित्रों, टोला सेवकों को लगा कर सरकारी तंत्र के दुरुपयोग से भले ही "भीम संसद" का आयोजन करा लिया गया, लेकिन कर्पूरी जयंती समारोह में अतिपिछड़ा समाज जुटने वाला नहीं था।


उन्होंने कहा कि जदयू इस बात से भी डरी हुई हैं कि मुख्यमंत्री कब क्या बोल देंगे, इसका कोई ठिकाना नहीं। ऐसे ही कारणों से नीतीश कुमार की बनारस रैली रद्द की गई थी। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ-हानि की चिंता किये बिना जदयू कर्पूरी जयंती (24 जनवरी) पर राज्य स्तरीय सम्मलेन स्थगित करने से बच सकती थी। क्या जदयू 15-20 हजार लोगों को भी एकत्र नहीं कर सकता था?