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खेला करने वाले NDA के पांचों विधायकों के होश उड़े:मीडिया के सामने रोते-गाते दी सफाई, सम्राट चौधरी ने दी है इलाज करने की चेतावनी

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 12 Feb 2024 05:13:30 PM IST

खेला करने वाले NDA के पांचों विधायकों के होश उड़े:मीडिया के सामने रोते-गाते दी सफाई, सम्राट चौधरी ने दी है इलाज करने की चेतावनी

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PATNA: बिहार विधानसभा में आज हुए खेला में जीत आखिरकार जेडीयू-बीजेपी की ही हुई. लेकिन भाजपा और जेडीयू के पांच विधायकों ने खेला कर दिया था. पहले से सर्तक हुई भाजपा ने अपने मैनेजमेंट से इज्जत बचा ली. लेकिन अब खेला करने वाले एनडीए विधायकों के होश उड़ गये हैं. विधानसभा की कार्यवाही समाप्त होने के बाद इन विधायकों ने रोते गाते जो सफाई दी है, वह दिलचस्प है. उनके होश इसलिए भी उड़े हुए हैं क्योंकि डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने सदन में खड़े होकर इन पाचों विधायकों का इलाज करने की खुली चेतावनी दे दी है.


ऐसे हुआ खेला

दरअसल भाजपा और जेडीयू के पांच विधायक सीधे राजद के संपर्क में थे. इनमें बीजेपी के मिश्रीलाल यादव, रश्मि वर्मा और भागीरथी देवी थीं. वहीं, जेडीयू की बीमा भारती और दिलीप राय. राजद से हुई डील के मुताबिक इन सबों को विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ हुए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान गायब रहना था. प्लानिंग ये थी कि विधानसभा में जब स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर जाता यानि अवध बिहारी चौधरी कुर्सी पर बने रह जाते तो ये सारे विधायक सदन में पहुंचते. फिर सरकार गिराने का खेल होता. 


पहले ही खेल में हो गया गड़बड़

राजद ने जो खेला की तैयारी की थी उसमें सबसे अहम था, स्पीकर के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव. पहले इस अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कराना था और फिर सरकार को गिराने की तैयारी थी. लेकिन पहले खेल में ही गड़बड़ हो गया. रविवार की देर रात बीजेपी को भरोसा हो गया था कि उसके तीन और जेडीयू के दो विधायक अब मैनेज नहीं होंगे. लिहाजा बीजेपी ने अपना जोर राजद में सेंधमारी करने में लगा दिया था. पूरी रात मेहनत के बाद बीजेपी ने राजद के तीन विधायकों चेतन आऩंद, नीलम देवी और प्रह्लाद यादव को मैनेज कर लिया था. 


सदन में जब अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी थी तो राजद के तीनों विधायक सत्ता पक्ष की बेंच पर जा बैठे. उसी समय ये तय हो गया कि राजद की रणनीति फेल हो गयी है. विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया. लालू-तेजस्वी की प्लानिंग फेल हुई और एनडीए के पांचों विधायक बुरी तरह फंस गये.


भागते दौड़ते विधानसभा पहुंचे

विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद बारी थी नीतीश कुमार द्वारा पेश किये गये विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा और वोटिंग की. बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में पार्टी का व्हीप लागू नहीं होता. लेकिन सरकार के विश्वास प्रस्ताव पर पार्टी का व्हीप लागू होता है. इसे नहीं मानने वालों की विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी जाती है. 


विधानसभा में जब अध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव पास हो गया तो पार्टी को गच्चा देने वाले बीजेपी और जेडीयू के विधायकों को समझ में आय़ा कि वे फंस गये हैं. अब उनकी विधायिकी खत्म होने वाली है. दिलचस्प बात ये थी कि जिन पांच विधायकों को बीजेपी और जेडीयू के नेता पिछले 48 घंटों से हर कोशिश कर तलाश नहीं कर पाये थे, वे सब पटना में ही मौजूद थे. 


जैसे ही विधानसभा अध्यक्ष को हटाने का फैसला हुआ. एनडीए को गच्चा देने वाले पांच विधायकों में से चार भागते दौड़ते विधानसभा पहुंच गये. वे सदन के भीतर सरकार के पक्ष में वोट देने आये थे ताकि विधायिकी न खत्म हो जाये. जो विधायक अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद विधानसभा पहुंचे उनमें बीजेपी की भागीरथी देवी, रश्मि वर्मा, मिश्रीलाल यादव औऱ जेडीयू की बीमा भारती शामिल हैं. 


सम्राट ने दे दी खुली चेतावनी

उधर, आरजेडी के तीन विधायकों को तोड़ने के बाद चैन में आयी बीजेपी ने अपने तेवर सख्त कर लिये. विधानसभा में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कहा-एनडीए के जिन पांच विधायकों ने खेल करने की कोशिश की है, उन सबों का इलाज किया जायेगा. एक-एक का इलाज कर दिया जायेगा. सम्राट चौधरी की इस खुली चेतावनी के बाद खेल करने वाले एनडीए विधायकों के होश उड़ गये हैं.


रो-गा कर सफाई देते रहे विधायक

विधानसभा अध्यक्ष की किस्मत पर फैसले के बाद दौड़ते भागते पहुंचे विधायकों ने सदन में आकर सरकार के विश्वासमत का समर्थन किया. हालांकि सदन में हालत ये थी कि सत्ताधारी विधायक उनसे बात करने से भी परहेज कर रही थी. विधानसभा से बाहर निकले तो मीडिया ने घेर लिया. कोई भी सही से सफाई देते नहीं दे पा रहा था.


पतोहू के इलाज कराबे गइल रहीं

पश्चिम चंपारण के रामनगर से बीजेपी की विधायक हैं भागीरथी देवी. लंबे समय से बीजेपी की विधायक रही हैं लेकिऩ इस बार खेला में शामिल हो गयीं. मीडिया ने उनसे सवाल पूछा कि खेला क्यों कर रही थीं. भोजपुरी में बोलने वाली भागीरथी देवी ने कहा-हम त पतोहू के इलाज कराबे गोरखपुर चल गइल रहीं. लौट के विधानसभा पहुंच गइनी. भागीरथी देवी के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि पार्टी के नेता जब पिछले 48 घंटे से उनसे संपर्क साध रहे थे तो वे फोन पर भी बात करने को क्यों तैयार नहीं हुईं. भागीरथी देवी मीडिया के सामने बार-बार दुहराती रहीं कि वे पार्टी से नाराज नहीं हैं.


रश्मि वर्मा के पास जवाब नहीं

फर्स्ट बिहार ने बीजेपी को गच्चा देने वाली एक और महिला विधायक रश्मि वर्मा से बात कीं. रश्मि वर्मा बोलीं-आने में कुछ देर हुई लेकिन विधानसभा पहुंच गये न. रश्मि वर्मा को भी पिछले तीन दिनों से बीजेपी के नेता तलाश रहे थे लेकिन वे मुलाकात करने को तैयार नहीं थी. मीडिया के सामने उन्होंने कहा-मेरी तो बात हो ही रही थी बीजेपी के नेताओं से. इससे ज्यादा किसी सवाल का जवाब नहीं था.


मिश्रीलाल बोले-तबीयत खराब थी 

दरभंगा के अलीनगर से बीजेपी के विधायक मिश्रीलाल यादव पिछले तीन दिनों से अपने फोन को बंद करके बैठे थे. लेकिन आज अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास होने के बाद तुरंत विधानसभा पहुंच गये. उनसे सवाल पूछा गया कि कहां थे तो जवाब मिला-तबीयत खराब थी इसलिए कहीं बाहर नहीं निकल रहे थे. पार्टी से कोई नाराजगी नहीं है. पार्टी के तो साथ ही खड़े हैं.


बीमा भारती का अलग बहाना

जेडीयू की विधायक बीमा भारती पिछले चार दिनों से फोन बंद करके बैठी थीं. आज वे तब पकड़ में आयीं जब मोकामा के पास पुलिस ने उनकी गाड़ी को ट्रेस कर लिया. उस गाड़ी में विधायक के बाहुबली पति अवधेश मंडल भी बैठे थे. बीमा भारती बोलीं-हम तो लगातार मीडिया से बात कर रहे थे. आज भी सरकार के लिए वोट करने आ रहे थे कि रास्ते में मोकामा के पास मेरी गाड़ी को रोक लिया गया. मेरे पति और बच्चे को पुलिस ने पकड़ लिया. मैं तो हमेशा से नीतीश जी के साथ हूं.


ये विधायक अब जो सफाई दें, उनका इलाज तो तय है. बीजेपी विधायक मिश्रीलाल यादव के बेटे के खिलाफ दरभंगा के केवटी थाने में प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. दरअसल राजद से मिश्रीलाल यादव को मंत्री बनाने का ऑफर मिला था. पिता को मंत्री बनाने का सपना देख रहे मिश्रीलाल के बेटे धीरेंद्र यादव ने दरभंगा के केवटी थानेदार को जान मारने की धमकी दे दी. इसके बाद धीरेंद्र के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है. बाकी के विधायकों का भी इलाज होना. सत्तारूढ कैंप बता रहा है कि इसमें कुछ वक्त लग सकता है लेकिन इलाज तो होना ही है.