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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 22 Jan 2024 05:35:12 PM IST
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PATNA: बिहार के शिक्षा विभाग के विवादास्पद अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने अब नया मोर्चा खोल दिया है. शिक्षा विभाग ने अब अपने जिला शिक्षा पदाधिकारियों को कहा है कि अपने डीएम का आदेश मत मानिये. उन्हें कहा गया है कि डीएम के आदेश को नकार कर शीतलहर में भी सरकारी स्कूलों को खुलवाइय़े.
दरअसल दो दिन पहले ही केके पाठक ने पत्र जारी कर शीतलहर में स्कूलों को बंद रखने के आदेश को गैरकानूनी करार दिया था. केके पाठक ने कहा था कि जो भी डीएम स्कूलों को बंद करने का आदेश दे रहे हैं वह गलत कर रहे हैं. उन्हें इसका अधिकार नहीं है और अब आगे स्कूल बंद करने का कोई आदेश जारी करना हो तो शिक्षा विभाग से पहले अनुमति ले लें.
लेकिन इसके बावजूद पटना के जिलाधिकारी ने शीतलहर को देखते हुए 23 जनवरी तक जिले के सभी स्कूलों में 8वीं तक का क्लास बंद करने का आदेश जारी कर दिया था. जिलाधिकारी ने अपने आदेश में कहा था कि शीतलहर में बच्चों को सुरक्षित रखने के लिए ये आदेश जारी किया जा रहा है. वैसे क्लास 9 से उपर के लिए स्कूल खोलने का आदेश है लेकिन उनका टाइम निर्धारित कर दिया गया है.
जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र
शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक कन्हैया प्रसाद सिंह ने पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी को पत्र लिखा है. इस पत्र में कहा गया है कि पटना के जिलाधिकारी ने जिले के सारे स्कूलों को 23 जनवरी तक बंद रखने का निर्देश दिया है. लेकिन उससे पहले 20 जनवरी को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव ने पत्र लिख कर कहा था कि किसी भी स्कूल को बंद करने से पहले शिक्षा विभाग से अनुमति ली जाये, जो कि पटना के जिलाधिकारी ने नहीं लिया.ऐसे में अपर मुख्य सचिव के निर्देशानुसार जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि वे अपने जिले के सारे स्कूलों को खुला रखने की कार्रवाई सुनिश्चित करें.
सरकारी स्कूलों को खोलने का आदेश जारी
शिक्षा विभाग के प्राथमिक शिक्षा निदेशक का पत्र मिलने के बाद पटना के जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सारे स्कूलों के हेडमास्टर से लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी और दूसरे अधिकारियों को पत्र भेजा है. उनसे कहा गया है कि वे सरकारी स्कूल को खुलवायें.
पाठक का नया मोर्चा
शिक्षा विभाग के नये आदेश से प्रशासनिक विवाद खड़ा हो सकता है. किसी जिले में जिलाधिकारी सबसे बडा पदाधिकारी होता है और जिले के सारे दूसरे अधिकारियों को डीएम का आदेश मानना जरूरी होता है. लेकिन केके पाठक ने अब जिला शिक्षा पदाधिकारियों को डीएम का आदेश नहीं मानने का निर्देश दे दिया है. ऐसे में बड़ा प्रशासनिक संकट खड़ा हो सकता है.