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1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Wed, 12 Jun 2024 08:09:11 PM IST
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PATNA: लंबे समय से शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच चल रहा विवाद अब खत्म होता दिख रहा है। केके पाठक की जगह शिक्षा विभाग के नए एसीएस एस. सिद्धार्थ ने बुधवार को विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की बैठक बुलाई जिसमें सभी कुलपति और विश्वविद्यालयों के अन्य अधिकारी शामिल हुए। इससे पहले केके पाठक ने कई बार बैठक बुलाई थी लेकिन राजभवन से स्वीकृति नहीं मिलने के कारण कोई भी कुलपति पाठक की बैठक में शामिल नहीं हुए थे लेकिन केके पाठक के लंबी छुट्टी पर जाने के बाद हालात बदलते दिख रहे हैं।
दरअसल, केके पाठक के एसीएस रहते हुए अधिकार क्षेत्र को लेकर शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच विवाद बढ़ गया था। केके पाठक ने अपने कार्यकाल के दौरान राजभवन के अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप करते रहे। बिना राजभवन की अनुमति के केके पाठक ने विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और परीक्षा कंट्रोलर की आधा दर्जन से अधिक बार बैठकें बुलाई लेकिन राजभवन से अनुमति नहीं मिलने के कारण कोई भी वीसी केके पाठक की बैठक में शामिल नहीं हुआ था।
इस बात से नाराज होकर शिक्षा विभाग ने विश्वविद्यालयों के खातों को सीज करने के साथ ही कुलपतियों के खिलाफ केस तक दर्ज करा दिया था। अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर केके पाठक लगातार विश्वविद्यालों के कामकाज में हस्तक्षेप करते रहे लेकिन राजभवन भी अपनी बात पर अड़ा रहा और कुलपतियों को केके पाठक की बैठक में जाने की अनुमति नहीं दी। अब जब केके पाठक लंबी छुट्टी पर भेज दिए गए हैं शिक्षा विभाग और राजभवन के बीच कड़वाहट दूर होती दिख रही है।
शिक्षा विभाग के नए अपर मुख्य सचिव एस.सिद्धार्थ ने बुधवार को सभी कुलपतियों की बैठक बुलाई, जिसमें सभी कुलपति शामिल हुए और बैठक में विश्वविद्लयों के बजट पर भी चर्चा हुई। जिसमे तय हुआ कि दो दिन के भीतर राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को चार महीने की वेतन राशि भेज दी जाएगी। फरवरी महीने के बाद सभी विश्वविद्यालयों के वेतन और पेंशन की राशि बंद कर दी गई थी। आज की बैठक के बाद उन सभी विश्वविद्यालयों के बैंक खातों जिनके संचालन पर रोक लगा दिया गया था उसे फिर से पटा लिया गया है। शिक्षा विभाग ने इसको लेकर आदेश जारी कर दिया है।