PATNA: राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन लेने की कहानी में नये तथ्य सामने आ रहे हैं. सीबीआई ने बुधवार को इस मामले में लालू के हनुमान कहे जाने वाले भोला यादव को गिरफ्तार कर लिया है. सीबीआई ने रेलवे के खलासी रेलवे में खलासी का काम करने वाले हृदयानंद चौधरी को दबोचा है. भोला यादव और हृदयानंद चौधरी को लेकर कई नये तथ्य सामने आये हैं।
40 से ज्यादा प्रॉपर्टी खरीद में गवाह हैं भोला यादव
सीबीआई को मिली जानकारी के मुताबिक भोला यादव लालू परिवार की 40 से ज्यादा संपत्तियों की खरीद-बिक्री में गवाह बने हैं. लालू यादव के रेल मंत्री रहते या फिर उसके बाद उनके बेटों और बेटी के नाम पर जितने जमीन, मकान की रजिस्ट्री हुई उन सबों में भोला यादव गवाह बने हैं. बीजेपी सांसद सुशील मोदी ने आरोप लगाया है कि लालू यादव ने सिर्फ रेलवे में नौकरी देने के लिए ही लोगों से जमीन नहीं लिखवायी बल्कि बिहार सरकार में मंत्री बनाने के लिए अपनी पार्टी के नेताओं से भी जमीन ले लिया।
सुशील मोदी के मुताबिक लालू-राबड़ी की सरकार में मंत्री रहने वाली कांति सिंह और रघुनाथ झा जैसे नेताओं ने तेजस्वी यादव और तेजप्रताप यादव को अपनी जमीन गिफ्ट में दे दी. सुशील मोदी ने कहा है कि इन नेताओं को मंत्री या सांसद-विधायक बनाने के लिए जमीन ली गयी. ऐसे तमाम प्रॉपर्टी के कागजातों पर भोला यादव को गवाह के तौर पर रखा गया है. सुशील मोदी का आरोप है कि भोला यादव लालू परिवार के हर भ्रष्टाचार में शामिल रहे हैं।
रेलवे के खलासी ने 70 लाख की जमीन दान में दी
सीबीआई ने आज रेलवे खलासी की नौकरी करने वाले हृदयानंद चौधरी को भी गिरफ्तार कर लिया है. हृदयानंद चौधरी राजेंद्र नगर के रेलवे कोचिंग कॉम्प्लेक्स में रेलवे खलासी का काम करते हैं. सीबीआई के हाथ जो कागजात लगे हैं उसके मुताबिक हृदयानंद चौधरी ने पटना शहर का करीब ढ़ाई कट्ठा जमीन लालू परिवार को दान में दे दिया था. इस जमीन की सरकारी कीमत 70 लाख रूपये थी. पटना शहर की ढ़ाई कट्ठा जमीन का बाजार दर क्या होगा, इसका अंदाजा लोग लगा सकते हैं. सवाल ये उठ रहा है कि रेलवे में खलासी की नौकरी करने वाले हृदयानंद चौधरी के पास पटना शहर में 70 लाख की जमीन कैसे आ गयी. ये जमीन हृदयानंद चौधरी की खानदानी प्रॉपर्टी भी नहीं थी।
ऐसे हुई थी जमीन की डील
बीजेपी नेता सुशील मोदी के मुताबिक हृदयानंद चौधरी को लालू परिवार ने मोहरा बनाया था. मोदी के मुताबिक लालू यादव ने रेल मंत्री रहते 2008 में विष्णुदेव राय नाम के एक व्यक्ति के पोते पिंटू कुमार को पश्चिम रेलवे, मुंबई में नौकरी दी थी. उसी समय विष्णुदेव राय ने पटना में अपनी जमीन हृदयानंद चौधरी के नाम कर दी थी. कुछ साल के बाद हृदयानंद चौधरी ने वही जमीन लालू प्रसाद यादव की पांचवी बेटी हेमा यादव को दान में दे दी थी. जमीन के लेन देन के इस मामले में भी भोला यादव गवाह बने थे।
बता दें कि रेलवे में जमीन लेकर नौकरी देने के घोटाले में CBI ने लालू प्रसाद के ओएसडी रहे भोला यादव को गिरफ्तार कर लिया. सीबीआई ने भोला यादव को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर ले लिया है. उधर, हृदयानंद चौधरी को भी पटना के राजेंद्र नगर रेलवे टर्मिनल से गिरफ्तार किया गया है. सीबीआइ ने भोला यादव के चार अलग-अलग ठिकानों पर छापा भी मारा है. सीबीआई ने रेलवे भर्ती घोटाले को लेकर केस दर्ज किया है. इसमें लालू यादव के साथ साथ उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, हेमा यादव और जमीन देकर नौकरी लेने वाले कुछ दूसरे लोगों को आरोपी बनाया है. रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में ही इसी साल 20 मई को सीबीआई ने लालू यादव के पटना स्थित आवास के साथ ही देश के अलग-अलग 17 ठिकानों पर छापे मारे थे।