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लालू-तेजस्वी पर JDU का पलटवार, गद्दारों और मतलबी लोगों को जनता पहचानती है

1st Bihar Published by: Updated Fri, 07 May 2021 06:09:32 PM IST

लालू-तेजस्वी पर JDU का पलटवार, गद्दारों और मतलबी लोगों को जनता पहचानती है

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PATNA : बिहार में कोरोना के साथ-साथ राजनीति भी चरम पर है. राजनेता एक दूसरे पर लगातार हमला बोल रहे हैं. जेडीयू नेताओं ने तेजस्वी यादव और उनके पिता लालू यादव को करारा जवाब दिया है. जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने तेजस्वी को जवाब देते हुए कहा कि जनता ने भ्रष्टाचारियों को फिक्स्ड कर दिया और जनादेश के साथ स्पष्ट कर दिया कि घोटालेबाजों के साथ उसे फ्रेंडली नहीं रहना है. उधर जेडीयू एमएलसी और बिहार सरकार में मंत्री रहे नीरज कुमार ने लालू को जवाब देते हुए कहा कि न मन से सोचे और न जन की सोचे लालू जेल में सीखा सिर्फ अपभ्रंश.


जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने लिखा कि "लालू ने जेल से छूटते ही ट्विटर थामा, लिखा गद्दारी शब्द. न मन से सोचे और न जन की सोचे, जेल में सीखा सिर्फ अपभ्रंश. वेद-पुराण पढ़ते, गुणियों की संगत करते. या रमाते धुन, घोटालों के गुरूजी हो गए राजनीति के घुन."  दरअसल नीरज कुमार लालू के उस बयान पर जवाब दे रहे हैं, जो उन्होंने सुबह ट्ववीट कर लिखा. लालू ने लिखा कि "सरकार की जनता के साथ ग़द्दारी कोविड से भी बड़ी महामारी है."


नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव को मुहतोड़ जवाब देते हुए जेडयू के मुख्य प्रवक्ता और विधान पार्षद संजय सिंह ने कहा है कि बिहार में जंगलराज वापसी ना हो इसलिए जेडीयू और बीजेपी ने सोच समझकर गठबंधन किया. बिहार की जनता ने एनडीए को जनादेश दिया तो इसके पीछे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नेतृत्व और NDA की विकास नीति थी. जनता ने भ्रष्टाचारियों फिक्स्ड कर दिया और जनादेश के साथ स्पष्ट कर दिया कि घोटालेबाजों के साथ उसे फ्रेंडली नहीं रहना है. जनता ने आपको विपक्ष में इसलिए नहीं बैठाया तेजस्वी की आप केवल सरकार पर छींटाकशी करें.


संजय सिंह ने कहा कि "तेजस्वी यादव यानी ट्विटर बबुआ, आप जिन्हें ज्वलंत मुद्दे बता रहे दरसअल उसे नाकारात्मक राजनीति कहा जाता है। नेता प्रतिपक्ष होने के बावजूद आप जिस तरह बिहार से भाग खड़े हुए हैं उसकी नाकामी छिपाने के लिए आप आधारहीन बयानबाजी करते हैं। जनता का ध्यान इस बात से भटकाना चाहते हैं कि आप कहाँ छिपे बैठे हैं। अब तो आप वर्चुअल मीटिंग के जरिये लिए सियासी नौटंकी करने जा रहे हैं। जबकि माननीय नीतीश कुमार वर्चुअल मीटिंग के जरिये पूरे बिहार में कोरोना को लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे रहे है।"


"ट्विटर बबुआ, बिहार का सबसे बड़ा बेशर्म नेता कौन है अगर इस बात का सर्वे करा लिया जाए तो आपके नाम कम से कम एक नया रिकॉर्ड तो दर्ज हो ही जाएगा। आपको बेड, डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मियों, ऑक्सीजन, वैक्सीन, दवा की कोई परवाह नहीं है। आपको बिहार की जनता की भी कोई फिक्र नहीं है। आप केवल अपना स्वार्थ देखते हैं। अवसरवादी लोगों को माहमारी में जनता राजनीति करते देख रही है। माननीय नीतीश कुमार इस आपदा में टेक्नोलॉजी के माध्यम लोगो से जुड़ रहे है।"


जेडीयू प्रवक्ता ने कहा कि "बिहार को डेढ़ दशक तक जिस परिवार ने संक्रमित कर रखा उसे अब जनता मौका नहीं देने वाली। तेजस्वी, नूराकुश्ती के इंतजार में बिल्ली बनकर बैठे रहिये। यहीं कोई छींका नहीं टूटने वाला है। सरकार का ध्यान माहमारी नियंत्रित करने में है। NDA बिहार की जनता के लिए भरोसे का नाम है। जनता को उनके बारे में मालूम है जो शासन में बैठकर कामचोरी करते रहे और धूर्तता के साथ अपनी संपत्ति बनाते रहे। आप बिहार का नेतृत्व करने का दावा करते हैं लेकिन आपके पास ना दिल है, ना दिमाग, ना लगन और ना ही संवेदना। आप केवल जिम्मेदारियों से भाग सकते हैं।"


"ट्विटर बबुआ , बिहार को महामारी के इस दौर से केवल ड़बल इंजन की सरकार ही निकाल सकती है और इस दिशा में लगातार काम हो रहा है। बिहारवासियों को जंगलराज की वापसी नही चाहिए। आप सबसे पहले यह बताएं कि इस महामारी के वक्त जनता को आपने क्या मदद पहुंचायी? आपकी अंधी, गूंगी और बहरी सियासत से इसके अलावे कोई और उम्मीद भी नहीं कि जा सकती जो आप महामारी में कर रहे हैं। अगर है हिम्मत  तो वर्चुअल मीटिंग करने की बजाय जमीन पर उतरकर लोगों का दुख दर्द साझा करें।"