PATNA : लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद चिराग पासवान को पहली हार का सामना करना पड़ा है। झारखंड चुनाव बतौर राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान के लिए पहला चुनाव था लेकिन उनकी पार्टी वहां कुछ खास नहीं कर पायी। एलजेपी ने बीजेपी से अलग जाकर झारखंड चुनाव में 21 सीटों पर अपने उम्मीदवार दिए थे लेकिन सभी को बुरी तरह से हार झेलनी पड़ी है।
रामविलास पासवान की तरह परफॉर्म करने की चुनौती
हालांकि झारखंड में एलजेपी को पहले से ही ज्यादा उम्मीद नहीं थी लेकिन चिराग पासवान ने झारखंड चुनाव को गंभीरता से लिया था। चिराग ने ना केवल उम्मीदवारों का चयन खुद किया बल्कि वह प्रचार के लिए भी गए। स्थापना के बाद से ही पार्टी की कमान संभाल रहे रामविलास पासवान ने अपने स्वास्थ्य को देखते हुए बेटे चिराग पासवान को नेतृत्व सौंप दिया।
अब चिराग पासवान के सामने अपने पिता जैसा परफॉर्मेंस दुहराने की चुनौती है। एलजेपी भले ही बिहार की सियासत करती रही हो लेकिन रामविलास पासवान ने बिहार के अलावे अन्य राज्यों में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों को ना केवल चुनाव में उतारा है बल्कि कभी राज्यों में उन्हें जीत भी मिलती रही है।