DELHI : लोक जनशक्ति पार्टी में टूट की जो पटकथा रविवार को लिखी गयी उसकी इनसाइड स्टोरी फर्स्ट बिहार के पास आ गयी है. तैयारी तो पहले से थी लेकिन रविवार को इसे अंजाम तक पहुंचाया गया. हम आपको बताते हैं कि रविवार को क्या हुआ.
सांसद वीणा देवी के घर हुई बैठक
लोजपा में टूट की सारी तैयारी पहले ही कर ली गयी थी. पार्टी के सभी सांसद पिछले काफी दिनों से बिहार में ही थे. खुद पारस शनिवार तक पटना में थे. सूत्रों के मुताबिक शनिवार की शाम बीजेपी से ग्रीन सिग्नल मिला. इसके बाद पारस समेत लोजपा के सांसद दिल्ली रवाना हो गये. रविवार की शाम वैशाली से सांसद वीणा देवी के घर पर लोजपा के पांचों सांसदों की बैठक हुई. दिल्ली के बीडी मार्ग पर सरस्वती अपार्टमेंट में वीणा देवी का फ्लैट है. वहीं पारस समेत सभी सांसद जुटे.
पारस बन गये नेता, कैसर, चंदन सिंह को भी रेवड़ी
वीणा देवी के घर हुई इस बैठक में लिये गये फैसले की कॉपी फर्स्ट बिहार के पास है. इसमें लोजपा के पांच सांसदों ने पारस को पार्टी के संसदीय दल का नया नेता चुन लिया. महबूब अली कैसर को संसदीय दल का उपनेता चुना गया. वहीं चंदन सिंह को संसदीय दल का मुख्य सचेतक बनाया गया.
जानकारों की मानें तो लोजपा की इस बैठक में जेडीयू के नेता ललन सिंह भी मौजूद थे. इसके बाद ही लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला से मिलने का टाइम मांगा गया. आनन फानन में टाइम मिल भी गया. जानकार ये भी बता रहे हैं कि लोकसभा अध्यक्ष के घर पर पहले से ही बीजेपी के नेता भूपेंद्र यादव मौजूद थे. रविवार यानि छुट्टी के दिन रात में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला लोजपा सांसदों से मिले और उनसे वो पत्र लिया जिसमें पारस को लोजपा संसदीय दल का नेता चुनने की जानकारी दी गयी थी.