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महागठबंधन सरकार का एक साल: बोली बीजेपी..घमंडी ठगबंधन के पूरे हुए 1 साल, बिहार हुआ बदहाल

1st Bihar Published by: VISHWAJIT ANAND Updated Wed, 09 Aug 2023 11:45:04 AM IST

महागठबंधन सरकार का एक साल: बोली बीजेपी..घमंडी ठगबंधन के पूरे हुए 1 साल, बिहार हुआ बदहाल

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PATNA: आज 9 अगस्त है और आज के दिन महागठबंधन की नई सरकार बिहार में बनी थी। बीजेपी से अलग होकर जेडीयू ने राजद, कांग्रेस व अन्य दलों के साथ मिलकर बिहार में महागठबंधन की सरकार बनायी थी। नई सरकार में नीतीश कुमार मुख्यमंत्री और तेजस्वी यादव उप मुख्यमंत्री बने थे। आज महागठबंधन की सरकार बने एक साल हो गये है। महागठबंधन के एक साल पूरे होने पर बीजेपी ने जोरदार हमला बोला है। बीजेपी ने नीतीश-तेजस्वी का पोस्टर जारी कर यह लिखा है कि घमंडी ठगबंधन के पूरे हुए एक साल बिहार हुआ बदहाल। बीजेपी ने महागठबंधन की सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी किया। 


भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने अपने फेसबुक पोस्ट पर इस पोस्टर को जारी करते हुए लिखा है कि " राष्ट्रकवि दिनकर जी ने लिखा था-‘जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है’. नीतीश कुमार आज इसी अवस्था से गुजर रहे हैं. विनाश के तरफ खींचते अपने कुंद विवेक के कारण ही उन्होंने आज से ठीक एक वर्ष पहले उन्होंने बिहार की जनता के आदेश को नकारते हुए लालू परिवार की गोद में बैठने का फैसला किया था. तब से लेकर आज तक गंगा में काफी पानी बह चुका है. कभी भाजपा के साथ के कारण सुशासन के प्रतीक बने नीतीश आज राजद की संगत की रंगत में रंग कर कुशासन, अवसरवादिता और पलटी मारने की मिसाल बन चुके हैं


आगे उन्होंने कहा कि इस एक साल में लोगों ने देखा है कि कैसे कोई व्यक्ति अतिमहत्वकांक्षा में पड़ कर अपने साथ-साथ 12 करोड़ बिहार वासियों के भविष्य को खतरे में डाल देता है. जनता ने देखा है कि कैसे कोई व्यक्ति पद के मद में चूर हो कर खुद को तख्त पर पहुंचाने वाली जनता की पीठ में बार-बार छूरा घोंपता है. अपने निजी स्वार्थ की पूर्ति के लिए कैसे एक दूसरे को पानी पी-पी कर कोसने वाले लोग एक हो जाते हैं, लोगों ने यह भी देखा है.


बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि इस एक साल में बढे अपराध के कारण हजारों माताओं की गोद सुनी हुई है, कितनी ही बहनों का सुहाग उजड़ा. 10 लाख सरकारी नौकरी मांगने वालों पर लाठियां बरसीं, कटिहार में बिजली की मांग करने वालों को गोलियों से भून दिया गया. बक्सर के चौसा में आधी रात में किसानों के घरों में घुस कर महिलाओं-पुरुषों को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया गया. भाजपा के शांतिपूर्ण मार्च में कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ा कर मारा गया. जहानाबाद के हमारे भाई विजय सिंह जी शहीद और सैंकड़ों की संख्या में हमारे कार्यकर्ता घायल हुए. 


इसी बीच जेहादी तत्व, शराब माफिया, रंगदार और निर्मम हत्यारों को खूब खाद-पानी मिला. बिहार पीएफआई का गढ़ बन गया.  कानून बदलकर दो दर्जन से अधिक दुर्दांत अपराधियों को जेल से रिहा किया गया. शराब माफियाओं द्वारा तकरीबन हर दूसरे दिन पुलिस को पीटा और मारा जाने लगा. बालू माफियाओं के आतंक से जनता और अधिकारी थर्रा उठे. बिहार पुलिस के मुताबिक राजधानी में लगभग हर दिन एक मर्डर होना आम हो गया. हिंदू समाज की आस्थाओं पर सरकार के बड़े नेताओं के अपमानजनक प्रहार होने लगे. शोभायात्राओं पर पथराव की घटनायें आम हो गयीं. राजनीतिक हत्याओं का दौर फिर से शुरू हो गया. यहां तक कि बेगुसराय और हाजीपुर जैसे शहरों में खुलेआम बीच सड़क पर गोलियां दागी गयी. लेकिन नीतीश जी के जमीर की नींद आज तक नहीं टूटी है.           


सम्राट चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार अपने ईमान और अपनी अंतरात्मा दोनों का गला घोंट चुके हैं. न तो राजद के युवराजों की पालकी ढ़ोने में शर्म आती है और न ही उनमें सोनिया गाँधी के सामने झुक कर जेपी के संघर्षों का मजाक उड़ाने में ग्लानी का भाव उत्पन्न होता है.कभी-कभी सोचता हूं कि क्या नीतीश जी आईने में अपनी शक्ल देखते होंगे? क्या उनकी आत्मा अकेले में उन्हें कुरेदती होगी? क्या बिहार की जनता से गद्दारी करने के लिए उन्हें पछतावा होता होगा? लेकिन अगले ही पल खींसे निपोरते हुए अपनी गलतियों को जबर्दस्ती सही ठहराते  हुए, झूठ और कुतर्कों की चाशनी में लिथराया उनका कोई बयान दिख जाता है और इनकी असलियत समझ में आ जाती है. 


बीजेपी अध्यक्ष कहते हैं कि नीतीश कुमार यह जान और मान लें कि सिर्फ ठगबंधन सरकार का एक वर्ष नहीं बीता है बल्कि हमेशा बैसाखी पर चलने वाली उनकी राजनीति का भी एक साल कम हो गया है. कुछ दिन और हैं उन्हें जितनी लाठियां और गोलियां चलवानी हों, चला लें. उनका घड़ा भर चुका है. आने वाले समय में बिहार की जनता और उनके अशुभचिंतक साथी उनका जो हाल करेंगे वह हर किसी के लिए एक उदहारण होगा. जनता हिसाब जरुर लेगी"