RRB Group D Exam: रेलवे ग्रुप डी भर्ती परीक्षा पर कोर्ट का फैसला, 10वीं पास भी होंगे पात्र Bihar Election Counting 2025 : मतगणना के दिन बिहार पुलिस का सख्त पहरा, डीजीपी की चेतावनी– कानून तोड़ने वालों को सीधे जेल भेजा जाएगा Bihar Crime News: प्राइवेट स्कूल के हॉस्टल में तीसरी कक्षा के छात्र की संदिग्ध मौत, परिजनों ने प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप Bihar Crime News: प्राइवेट स्कूल के हॉस्टल में तीसरी कक्षा के छात्र की संदिग्ध मौत, परिजनों ने प्रबंधन पर लगाए गंभीर आरोप Bihar MLA flat system : पटना में विधायकों के फ्लैटों की नई व्यवस्था, अब निर्वाचन क्षेत्र के हिसाब से होगा आवंटन; जानिए क्यों आया यह आदेश Bihar Election 2025: बिहार के इस विधानसभा सीट का अलग है समीकरण, हर बाद बदल जाते हैं विधायक; जानिए आखिर ऐसा क्यों... bihar assembly election : कल पटना के सभी स्कूलों में रहेगी छुट्टी, डीएम ने जारी किया आदेश; जानिए क्या है वजह Love Marriage: मुस्लिम SI ने हिंदू टीचर को इश्क के जाल में फंसाकर की शादी, ससुराल पहुंचने के बाद सामने आई बड़ी सच्चाई; अब हो गया बड़ा कांड Bihar News: बिहार में नशे में धुत कार ड्राइवर ने कई लोगों को रौंदा, बाइक सवार महिला और बच्चा घायल; भीड़ ने जमकर पीटा Mahila Rojgar Yojana : 40 फीसदी महिला वोटरों के हाथ में ‘10 हजारी चाबी’, क्या एनडीए की वापसी की बन सकती है सबसे बड़ी ताकत
1st Bihar Published by: Updated Mon, 23 Nov 2020 07:16:37 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में नई सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी की मुसीबत और बढ़ती दिख रही है। बिहार कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और उनके खिलाफ मामला न्यायालय में चल रहा है। तारापुर से विधायक मेवालाल चौधरी के ऊपर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप होने के बावजूद नीतीश कैबिनेट में उन्हें जगह दी गई थी लेकिन मामले ने इतना तूल पकड़ा कि आखिरकार मेवालाल चौधरी को इस्तीफा देना पड़ा। मेवालाल चौधरी के खिलाफ केस में पुलिस भी एक्टिव हो गई है और मामला एक बार फिर राजभवन तक जा सकता है।
दरअसल मेवालाल चौधरी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एसएसपी आशीष भारती ने अभियोजन की स्वीकृति के लिए बिहार कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति को पत्र लिखा है। एसएसपी के पत्र के बाद कुलपति डॉ एके सिंह ने राजभवन से निर्देश लेने के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं। कुलपति डॉ ए के सिंह राजभवन के साथ-साथ कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने की तैयारी में हैं। मेवालाल चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने कुलपति रहते बीएयू में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में अनियमितता की।
कानूनी जानकारों के मुताबिक कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के पहले अभियोजन की स्वीकृति जरूरी है। इसी सिलसिले में एसएसपी ने मेवालाल चौधरी और बीएयू के तत्कालीन सहायक निदेशक डॉ एमके वाधवानी के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के लिए आदेश की मांग की है। माना जा रहा है कि बीएयू की तरफ से आज इस पत्र का जवाब दिया जाएगा। कुलपति डॉ एके सिंह ने कहा है कि इस मामले में वह कानूनी विशेषज्ञों से राय लेने के निर्देश के बाद ही कोई कदम उठाएंगे। कानूनी जानकारों के मुताबिक अब कुलपति को कुलाधिपति सह राज्यपाल से अभियोजन की स्वीकृति का आदेश लेना होगा। कुलाधिपति के आदेश के बाद ही पुलिस चार्जशीट दायर कर पाएगी और उसके बाद निगरानी कोर्ट में ट्रायल की शुरुआत होगी। फिलहाल हाईकोर्ट से मेवालाल चौधरी और डॉ एमके वाधवानी जमानत पर हैं।