ब्रेकिंग न्यूज़

Life Style: गर्मियों में इसके पत्तों का सेवन क्यों है जरूरी? जानिए.. इसके 5 चमत्कारी फायदे Samastipur Snake Catcher: नहीं रहे 'सांपों के मसीहा' जय सहनी, जिनकी जिंदगी बचाने को रहते थे हमेशा तत्पर, उन्हीं में से एक ने ले ली जान Parent-child relation: बच्चों को शर्मिंदा कर देती हैं पैरेंट्स की ये आदतें, जानिए क्यों बच्चे बनाने लगते हैं दूरियां Bihar Assembly Election 2025: जहानाबाद में बिछने लगी बिसात...NDA में किसके खाते में जाएगी सीट ? दर्जन भर हैं दावेदार..किनका टिकट होगा फाइनल,जानें... IPL2025: "हमें विनम्र बने रहने की जरुरत", अंकतालिका में टॉप पर जाने के बाद हार्दिक और सूर्या का बड़ा बयान, फैंस बोले "ये दोनों MI के पिलर हैं" Made in India: डोनाल्ड ट्रम्प के टैरिफ वॉर के बाद अमेरिका में 'मेड इन इंडिया' की गूंज! Gold theft jewellery shop: थानेदार बनकर आया, लाखों के गहने ले उड़ा, CCTV फुटेज देख दंग रह गया दुकानदार! Bihar Politics: "नीतीश को साइडलाइन करने की हिम्मत किसी में नहीं": मनोज तिवारी.. चिराग के भविष्य और पवन सिंह के BJP में आने पर भी बोले Road Accident Death : कुछ महीने पहले हुई थी शादी, अब सड़क हादसे में सुप्रीम कोर्ट के वकील की मौत,पत्नी घायल Caste Census: बिहार चुनाव और पहलगाम हमले से है जातीय जनगणना का कनेक्शन? विपक्ष के तीखे सवालों के बाद जनता सोचने पर मजबूर

Motihari News: सिकरहना नदी में तेजी से कटाव, नदी में समायी मुख्य सड़क, अधिकारियों पर मनमानी का आरोप

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 11 Oct 2024 05:31:26 PM IST

Motihari News: सिकरहना नदी में तेजी से कटाव, नदी में समायी मुख्य सड़क, अधिकारियों पर मनमानी का आरोप

- फ़ोटो

MOTIHARI: पूर्वी चंपारण जिला से होकर बहने वाली सिकरहना नदी में पानी कम होने के साथ तेजी से कटाव शुरू हो गया है। सुगौली और बंजरिया प्रखंड इस  कटाव से ज्यादा प्रभावित हो रहा है। बंजरिया प्रखंड से जो तस्वीर सामने आई है। उसे देखकर यही लगता है कि सिकरहना नदी कई सड़कों को अपनी आगोश में ले लेगी। बंजरिया से रामगढ़वा जाने वाली सड़कों पर सिकरहना नदी ने कई जगहों पर कटाव शुरु कर दिया है। कई फीट सड़क नदी में समा गयी है। जिस कारण दर्जनों गांव का सम्पर्क प्रखंड और जिला मुख्यालय से कट गया है। 


सिकरहना के कटाव को लेकर स्थानीय विधायक और पूर्व मंत्री ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अभियंताओं की मनमानी से नदी कई जगह पर तेजी से कटाव कर रही है। जिसकी जानकारी विभाग के अधिकारियों को दी गई थी लेकिन अधिकारियों ने कटाव रोधी कार्य नहीं किया। बाढ़ का पानी उतरने के बाद सिकरहना नदी का तांडव शुरु हो गया है। बंजरिया के चैलाहा से रामगढ़वा प्रखंड के बेला चौक तक जाने वाली सड़क को जोड़ने वाली रोड पर सिकरहना नदी ने कई जगह कटाव शुरु कर दिया है। इसके अलावा लगभग दस अन्य जगहों पर सिकरहना विभिन्न जगहों पर लगातार कटाव जारी है। 


बंजरिया प्रखंड में कपरसंडी गांव के उत्तर, मोखलिसपुर गांव के मध्य विद्यालय के समीप गोबरी मंदिर के पास, सिसवनिया पुल के बायें और दाहिने तरफ, महम्मदपुर के उत्तर दिशा, जनेरवा महादलित बस्ती, जनेरवा कब्रिस्तान के पश्चिम, जटवा मदरसा नया टोला के समीप, खैरी गांव के दक्षिण, सुंदरपुर पकड़िया टोला के उत्तर और सुंदरपुर मस्जिद के समीप सिकरहना नदी तेजी से कटाव कर रही है। वहीं सिकरहना नदी ने बंजरिया के चैलाहा से सुगौली प्रखंड के करमवा बाजार होते हुए रामगढ़वा प्रखंड के बेला तक जाने वाली सड़क पर बुढ़वा गांव के पास पुल बन रही है। जिसके डायवर्सन पर पानी का बहाव काफी तेज है। 


जिस कारण बंजरिया,सुगौली और रामगढ़वा के लोग वैकल्पिक मार्ग के रुप में जटवा से जनेरवा सड़क का उपयोग करते थे। जो तीनों प्रखंड को जोड़ती थी लेकिन सिकरना नदी ने उस सड़क पर जटवा और जनेरवा के पास कई जगह कटाव शुरु कर दिया। कहीं-कहीं आधा सड़क नदी में समा गई है तो एक जगह पूरी पक्की सड़क नदी के गर्भ में समा गई। जिस कारण लगभग एक दर्जन से ज्यादा गांवों का सम्पर्क कट गया है। बुढ़वा डायवर्सन से आवागमन बाधित होने के कारण बंजरिया प्रखंड के फुलवार उतरी,फुलवार दक्षिणी, रोहिनिया और जनेरवा के अलावा कई पंचायत के लोग इसी मार्ग से प्रखंड व जिला मुख्यालय आते जाते रहे हैं। 


जिस सड़क के नदी द्वारा काट लिए जाने कारण कई प्रखंड के लोग भी प्रभावित होंगे। इस संबंध में पूछे जाने पर स्थानीय विधायक व पूर्व मंत्री शमीम अहमद ने कहा कि जल संसाधन विभाग के अलावा मुख्यमंत्री को भी सिकरहना नदी के कटाव से संबंधित जानकारी लिखित रुप में देकर कटावरोधी कार्य चलाने का आग्रह किया था लेकिन अधिकारियों की मनमानी है। नदी जिस तेजी से कटाव कर रही है। उससे नए इलाकों में फिर से पानी फैलेगा जबकि बंजरिया प्रखंड के कई गांव अभी भी पानी में डूबे हुए हैं।पूरा बंजरिया प्रखंड हर साल बाढ़ का दंश झेलता है और अधिकारियों के अलावा सरकार से आग्रह करके थक गया।लेकिन बाढ़ निरोधक कार्य केवल कागजों पर अधिकारी करते हैं और लोगों को अपने हाल पर छोड़ देते हैं।