Bihar News: बेटे की मौत की खबर नहीं सुन पाई मां, सदमे से तोड़ दी दम Bihar assembly election 2025 : वोटिंग को लेकर बवाल, दबंग समर्थकों ने घर पर चढ़कर की मारपीट, एक घायल; मुख्य आरोपी गिरफ्तार Bihar election counting : मुजफ्फरपुर स्ट्रांग रूम विवाद: राजद के आरोपों पर मचा सियासी बवाल, प्रशासन ने बताया झूठ Patna Crime News: जुआ खेलने को लेकर युवकों में विवाद, आधी रात खूब हुआ ठांय-ठांय, दो गिरफ्तार Bihar Election 2025 : छोटे दलों का बड़ा इम्तिहान: NDA के लिए चिराग की रोशनी, तो तेजस्वी को चाहिए हाथ का मजबूत साथ; इसी से तय होगा सत्ता की कुर्सी Bihar News: बिहार में यहाँ पुलिस टीम पर हमला, 4 कर्मी घायल.. Patna Traffic Plan: मतगणना के दिन पटना में बंद रहेंगे यह रुट, सुरक्षा व्यवस्था भी टाइट; जाने लें वैकल्पिक मार्ग Bihar Election 2025 : मतगणना से पहले तेजस्वी का मिशन काउंटिंग, आरजेडी प्रत्याशियों को दिए सख्त निर्देश; जानिए क्या है प्लान Bihar News: बिहार से यहां के लिए स्पेशल ट्रेनों का ऐलान, भीड़ से यात्रियों को मिलेगी राहत Road Accident: शादी से लौट रहे टेंपो और ट्रक की टक्कर, मौके पर महिला की मौत; 8 घायल
1st Bihar Published by: Updated Mon, 18 Jul 2022 08:57:21 AM IST
- फ़ोटो
PATNA : बिहार में किसी को अगर कोई गंभीर बिमारी हो जाए तो उनके दिमाग में पटना एम्स का नाम सबसे पहले आता होगा। लेकिन, अब आपको एमआरआइ की जांच कराने के लिए डेढ़ से दो साल तक का इंतजार करना पड़ सकता है। दरअसल, एम्स में मरीज़ों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि अब यहां एमआरआइ जांच के लिए लंबी वेटिंग चल रही है, जिसके कारण कई मरीज़ों को अस्पताल और एमआरआइ सेंटर में जांच कराना पड़ रहा है।
लंबी वेटिंग लिस्ट के कारण मरीज़ों को बाहर में 6 से 10 हजार रुपये तक चुकाने पड़ रहे हैं। आपको बता दें कि एम्स में एमआरआइ जांच के लिए 2500 से लेकर 5000 तक देने पड़ते हैं। लेकिन अभी मरीज़ो को बाहर जांच करवाने पर छह से 10 हजार रुपये तक का भुगतान करना पड़ रहा है। एम्स में सुबह नौ बजे से शाम छह बजे तक 20 से 25 मरीजों की एमआरआइ जांच की जा रही है। एक एमआरआइ के लिए लगभग 40 मिनट से एक घंटे तक का समय लग रहा है, जबकि रोजाना 100 से भी ज्यादा मरीज एम्स ओपीडी में जांच के लिए आते हैं और उन्हें निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
बताया जा रहा है कि स्टाफ की कमी के कारण एमआरआइ जांच की लंबी वेटिंग आ रही है। जानकारी के मुताबिक़, फिलहाल एमआरआइ जांच करने और उसकी रिपोर्ट करने के लिए एम्स में चार ही स्टाफ मौजूद हैं। वहीं, रेडियोग्राफर स्टाफ की भी कमी है। परिजनों की शिकायत है कि वार्ड में भर्ती मरीजों को भी 10 से 15 दिन तक इंतज़ार करना पड़ रहा है।
पटना एम्स के निदेशक डॉ जीके पाल की मानें तो मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण वेटिंग मिल रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इसका समाधान कर लिया जायेगा। एम्स में अलग से एमआरआइ यूनिट की स्थापना की करने की तैयारी चल रही है। इससे मरीज़ों को बड़ा फायदा मिलेगा और उन्हें जांच के लिए इंतज़ार नहीं करना पड़ेगा।