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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 10 Feb 2024 04:10:56 PM IST
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PATNA: बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह एवं महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने संयुक्त प्रेस वार्ता की। पत्रकारों को बताया कि बिहार विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 के प्रावधानों के विरूद्ध शिक्षा विभाग द्वारा बार-बार निराधार निर्देश देकर शिक्षकों को डराया और धमकाया जा रहा है और उन्हें गुमराह किया जा रहा है। शिक्षकों को धमकाना, फुसलाना पूर्णतः गैरकानूनी और अनैतिक है। तमाम नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को किसी भी पदाधिकारी की ऐसी धमकी से घबराने की जरूरत नहीं है। वो जल्दबाजी में कोई भी आत्मघाती फैसला नहीं लेंगे।
उन्होंने नियोजित शिक्षक एवं पुस्कालयाध्यक्षों से अपील की है कि पहले से भी ज्यादा सांगठनिक एकता, संघीय निष्ठा और राज्य संघ के निर्णयों का मजबूती से पालन करते रहें। आपकी एकता से ही आपको सारी उपलब्धियाँ प्राप्त होंगी। बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ ने हर मुसीबतों और कठिनाईयों का मुकाबला किया है और आगे भी हम लड़ेंगे और जीतेंगे।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों का उल्लेख करते हुए जो पदाधिकारी नियोजित शिक्षकों एवं पुस्कालयाध्यक्षों को कम्प्यूटर सीखने का दवाब दे रहे है, उन्हें 2006 से लेकर 2020 तक की नियमावलियों के संशोधनों, परिवर्द्धनों एवं अर्हता की शर्त्तों का अध्ययन करना चाहिये जिनमें कम्प्यूटर ज्ञान की अर्हता निर्धारित नहीं है। मुख्यमंत्री की सार्वजनिक घोषणा में भी इस शर्त्त का कोई उल्लेख नहीं है।
शत्रुघ्न प्रसाद प्रसाद सिंह ने कहा है कि हमलोगों ने नियोजित शिक्षकों के लिए बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होने का विरोध किया था। तत्कालीन पक्ष एवं विपक्ष के माननीय विधायकों ने नियोजित शिक्षकों की न्यायोचित माँगों का भरपूर समर्थन किया था। जिसके चलते मुख्यमंत्री ने मामूली परीक्षा लेकर शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को राज्यकर्मी का दर्जा देने की घोषणा की थी। परंतु अधिकारियों द्वारा सक्षमता परीक्षा में भाग लेने की शर्त्त के साथ तीन जिले का विकल्प, सामूहिक तबादले और ऑनलाईन परीक्षा की शर्त्त लाद दी गई।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बताया कि जब बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शामिल होने वाले नवयुवक, शिक्षित बेरोजगारों की कम्प्यूटर आधारित परीक्षा नहीं ली गई तो अधिकतम 20 वर्षों एवं न्यूनतम 15-16 वर्षों के अनुभवी शिक्षकों से बिना ज्ञान के कम्प्यूटर आधारित परीक्षा लेना और उसमें शामिल नहीं होने के कारण सेवा से हटा देने की गैरकानूनी धमकी देना मुख्यमंत्री की घोषणा का अपमान है।
शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि अभी जबकि राज्य में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। माननीय मंत्रियों के स्थायी विभागों का आवंटन नहीं हुआ है। सरकार को 12 फरवरी को विश्वास मत प्राप्त करना है। ऐसी स्थिति में नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों को डराना, धमकाना अधिकारियों का अमर्यादित, अशोभनीय और अनैतिक आचरण है। अधिकारी शिक्षकों को धमकी और प्रलोभन से विचलित करना बंद करें।