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1st Bihar Published by: Updated Tue, 14 Dec 2021 02:12:24 PM IST
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PATNA: मुजफ्फरपुर 'अंखफोड़वा कांड' पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जब सब इंतजाम सरकारी अस्पतालों में हैं तब प्राइवेट हॉस्पिटल में लोग क्यों जाते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच की जा रही है और कार्रवाई भी हो रही है। इस मामले में जिनकी भी लापरवाही होगी उन्हें हम छोड़ने वाले नहीं है। हम चाहेंगे की प्राइवेट हॉस्पिटल चलाने वाले भी इन बातों पर जरूर ध्यान दे। क्यों कि लापरवाही के कारण कई लोगों के आंखों की रोशनी चली गयी है। जिनकी आंखें गयी है उनकी मदद अब राज्य सरकार करेगी। स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह बातें कही।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग की 119 करोड़ की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। स्वास्थ्य विभाग के कमांड सेंटर का उद्घाटन और जमुई में मेडिकल कॉलेज का शिलान्यास किया गया। बता दें कि जमुई में 498 करोड़ की लागत से मेडिकल कॉलेज निर्माण किया जाएगा। सीएम ने फोन पर चिकित्सकीय परामर्श सुविधा का भी शुभारंभ किया। वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरीय स्वास्थ्य विभाग के योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया गया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लोगों को संबोधित करते हुए सबसे पहले यह कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की जानी चाहिए जिससे लोगों में जागरूकता आएगी। सीएम नीतीश ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर चर्चा करते हुए कहा कि पहले पीएचसी में कम लोग इलाज के लिए जाते थे लेकिन अब बड़ी संख्या में लोग पीचसी पहुंच रहे हैं। महीने में अब दस हजार लोग पीएचसी में इलाज के लिए आ रहे हैं। पीएचसी में कई सुविधाएं बहाल कराई गयी। यहां मुफ्त दवाओं की भी व्यवस्था है।
सीएम ने बताया कि बिहार पिछड़ा राज्य है लेकिन सरकार हर क्षेत्र में बेहतर काम कर रही है। एक एक चीज पर सरकार ध्यान दे रही है। बिहार के सभी अस्पतालों में हॉस्पिटल मैनेजर भी तैनात कर दी गयी है। पहले बिहार में छह सरकारी मेडिकल हॉस्पिटल और दो प्राइवेट हॉस्पिटल ही थे। लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ी है। एम्स के साथ-साथ अब कई सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल बिहार में खोले गये है। प्राइवेट मेडिकल कॉलेजों की भी संख्या बढ़ी है। पटना के आईजीआईएमएस की स्थिति क्या थी यह किसी से छिपी हुई नहीं है लेकिन अब यहां की स्थिति काफी बदली है और इलाज की सुविधा भी बेहतर हो गयी है। आने वाले समय में आईजीआईएमएस में बेडों की संख्या 2500 हो जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बताया कि बिहार के अस्पतालों में टेलिमेडिसीन की भी व्यवस्था शुरू की गयी है। मेडिसीन के क्षेत्र में आज कई काम किए जा रहे हैं। हर जिले में जीएमएम स्कूल, पारामेडिकल इंस्टीच्यूट, सभी चिकित्सा महाविद्यालय में नर्सिंग कॉलेज की स्थापना, हर अनुमंडल में एएनएम स्कूल की स्थापना की गयी है। अब तक 15 जीएमएम ट्रेनिंग संस्थान, 4 नर्सिंग कॉलेज, 40 एएनएन ट्रेनिंग संस्थान, 21 पारा मेडिकल संस्थानों का निर्माण हो चुका है और यह सब काम सात निश्चय एक में किया गया है।
सीएम नीतीश ने इस बात की भी जानकारी दी कि सभी जिला अस्पतालों में सिटी स्कैन और डायलिसिस की व्यवस्था की गयी है। बाल हृदय योजना में बड़े काम किए गये हैं। 413 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिहार में होगी। जिससे लोगों को इलाज में सुविधा होगी।पटना एम्स के बगल में रोगी परिचारी गृह का निर्माण किया जाएगा। जहां मरीज के परिजनों के रहने की व्यवस्था की जाएगी। शिशु रोग अतिविशिष्ट अस्पताल का निर्माण कराया जाएगा। पिछड़ा राज्य होने के बावजूद शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में सरकार लगातार काम कर रही है। कोरोना से मौत होने पर चार लाख रुपये मृतक के परिजन को दिया जा रहा है। संभावित तीसरी लहर पर सीएम नीतीश ने कहा कि खतरे को देखते हुए सतर्कता जरुरी है। नए वेरिएंट को लेकर बिहार में सतर्कता बरती जा रही है।
सीएम ने बताया कि अब तक कुल टीकाकरण 9 करोड़ एक लाख 56 हजार 334 हुआ है। पहला डोज 5 करोड़ 60 लाख 75 हजार 278 लोगों को दिया गया वही दूसरा डोज 3 करोड़ 40 लाख 81 हजार 56 लोगों को दिया गया। ओमिक्रॉन के खतरे को देखते हुए सीएम ने टीकाकरण पर जोर दिया। ओमिक्रॉन को लेकर स्वास्थ्य विभाग सतर्क है। उन्होंने कहा कि बचे हुए लोगों को टीकाकरण जरूर करानी चाहिए। कोरोना की जांच की भी सीएम ने अपील की है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में इसी तरह बेहतर काम किया जाएगा।