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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 09 Dec 2023 08:30:49 PM IST
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PATNA: बिहार के नालंदा के एक शातिर ने बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री को जान मारने की धमकी दे कर 10 लाख रूपये की रंगदारी मांगी. उसने खुद का लारेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बनाकर शातिराना तरीके से दो मेल भेजा. नालंदा के इस शातिर का पता लगाने के लिए मध्य प्रदेश की पुलिस को इंटरपोल की मदद लेनी पड़ी. आखिरकार उसे पटना से गिरफ्तार कर लिया गया है.
मध्य प्रदेश पुलिस के मुताबिक नालंदा के रहने वाले इस युवक ने आचार्य धीरेंद्र शास्त्री से 10 लाख रूपये की रंगदारी मांगी थी. पैसे नहीं देने पर जान मारने की धमकी दी गयी थी. बहुत मशक्कत के बाद पुलिस ने उसकी पहचान कर ली. वह बिहार के नालंदा जिले के शंकरडीह गांव का रहने वाला है. वैसे फिलहाल वह पटना के कंकड़बाग में रह रहा था. मध्य प्रदेश पुलिस की स्पेशल टीम ने उसे धर दबोचा. शनिवार को उसे मध्य प्रदेश की राजनगर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया.
24 घंटे में 10 लाख दो
पुलिस के मुताबिक ये सिलसिला अक्टूबर महीने से शुरू हुआ था. आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को पहला ईमेल 19 अक्टूबर 2023 को भेजा गया था. लॉरेन्स बिश्नोई गैंग के नाम से आये इस ईमेल में बाबा बागेश्वर को खुली धमकी दी गयी थी. मेल में कहा गया था कि धीरेंद्र शास्त्री को 24 घंटे में 10 लाख रूपये दे दें वर्ना उनका मर्डर कर दिया जायेगा. मेल भेजने वाले ने खुद को लारेंस बिश्नोई गैंग का मेंबर बताया था. जब पैसे नहीं दिये गये तो 22 अक्टूबर को फिर दूसरा ईमेल भेजा गया.
उधर आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने 19 अक्टूबर को पहला मेल मिलने के बाद अगले ही दिन पुलिस को इसकी जानकारी दी थी. खजुराहो के बमीठा थाना पुलिस को धमकी भरे ईमेल की कॉपी के साथ सारी जानकारी दी गयी. मामला संवेदनशील थी, लिहाजा पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद साइबर सेल को इसकी जानकारी दी. साइबर सेल ने तुरंत मामले की पड़ताल शुरू कर दी.
इंटरपोल की मदद लेनी पड़ी
छतरपुर के एसपी अमित सांघी ने बताया कि मामला बेहद पेचीदा था. धमकी देने वाला आरोपी को इंटरनेट और कंप्यूटर की काफी जानकारी थी. उसने डार्क वेब की मदद से ईमेल भेजा था. मध्य प्रदेश पुलिस के पास डार्क वेब से डेटा निकालने का कोई साधन नहीं था. इसलिए पहले सीबीआई से संपर्क साधा गया. सीबीआई के आग्रह पर इंटरपोल एक्शन में आया. इंटरपोल की मदद से डार्क वेब का डेटा निकाला गया. तब पता चला कि किसने धमकी दी है और वह कहां का रहने वाला है. उसके बाद पुलिस ने उसे धऱ दबोचा.
एसपी अमित सांघी ने बताया कि पुलिस ने पेशेवर औऱ गोपनीय तरीके से कार्रवाई की. जिस समय ये मेल भेजा गया था, उस समय मध्य प्रदेश में चुनाव चल रहे थे. पुलिस शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव कराने की तैयारी में लगी थी. हालांकि जिस दिन मेल आया उसी दिन एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी गयी थी. चुनाव के कारण पुलिस की कार्रवाई में थोड़ी देर हुई वर्ना आरोपी कुछ समय पहले ही पकड़ लिया जाता.
लारेंस बिश्नोई गैंग से कनेक्शन नहीं
छतरपुर के एसपी पुलिस की छानबीन में ईमेल भेज कर धमकी देने वाला का लॉरेंस बिश्नोई गैंग से किसी तरह का डायरेक्ट कनेक्शन नहीं मिला है. एसपी ने कहा कि छतरपुर का ये पहला मामला है जिसमें इंटरपोल यानि इंटरनेशनल पुलिस की मदद ली गई. डार्क वेब से डेटा निकाल पाना बेहद मुश्किल काम है लेकिन पुलिस ने ये काम कर दिखाया.