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एनसीआरबी ने स्कूलों को दिए सुझाव, बच्चों के बस्ते का कम हो बोझ

1st Bihar Published by: Updated Fri, 24 Jun 2022 10:00:35 AM IST

एनसीआरबी ने स्कूलों को दिए सुझाव, बच्चों के बस्ते का कम हो बोझ

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DESK: एनसीआरबी ने ‘बस्ते का बोझ’ सर्वे के आधार पर स्कूलों को बड़ा सुझाव दिया है. सभी स्कूलों को कहा गया है कि छात्रों के वजन से 10 फीसदी से कम उसके बस्ते का वजन होना चाहिए. दरअसल, एनसीआरबी ने मार्च महीने में एक सर्वे किया था. जिसमें यह बात सामने आई थी कि बच्चें अपने वजन से तीन-चार किलो अधिक वजन के बस्ते लेकर स्कूल जाते हैं. 


एनसीआरबी के सर्वे के अनुसार बच्चों के बस्ते की वजन ज्यादा होने की वजह से उनके अभिभावक उन्हें स्कूल छोड़ने जाते हैं. और इस दौरान अभिभावक ही बस्ते का बोझ उठाते हैं. वहीं, कई बच्चें को खुद ही बस्ते का बोझ उठाकर स्कूल जाना पड़ता है. छात्रों की घर से स्कूल की दूरी काफी होती है. ऐसे में बच्चें के ऊपर बस्ते का बोझ कम करने के लिए एनसीआरबी ने स्कूलों को सुझाव दिए हैं. 


बता दें कि एनसीआरबी के सर्वे में बिहार के 500 निजी स्कूलों के 26 हजार छात्र और 16 हजार अभिभाकों को शामिल किया गया था. सर्वे में 77 फीसदी अभिभावकों और 48 फीसदी स्कूल प्रसाशन ने कहा कि छात्रों के बस्ते उसके वजन से 3-4 किलो अधिक होता है. सर्वे की माने तो, 12वीं के बच्चें के बस्ते का वजन अधिक होने की कई वजह है. इसमें किताब-कॉपी के अलावा लंच बॉक्स, पानी की बोतल और रेफरेंस बुक शामिल हैं. 


सर्वे में बताया गया है कि अधिक वजन का बस्ता उठाने की वजह से बच्चों में कई विकार उत्पन्न होते हैं. एक से आठवीं कक्षा तक के बच्चें की उम्र शारीरिक विकास करने की होती है. ऐसे में गर बच्चें भारी बस्ते उठाते हैं तो इससे उनके विकास पर असर पड़ता है. कई बच्चों में देखा गया है कि भारी बस्ते उठाने की वजह से कुछ सालों बाद उन्हें सही तरीके से चलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है