Bihar News: जैसलमेर में शहीद हुए बिहार के जवान का पार्थिव शरीर पहुंचा गांव, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई Chandan Mishra Murder Case: पारस अस्पताल में चंदन मिश्रा की हत्या के वक्त कमरे में 2 अन्य साथी थे, एक को लगी थी गोली...दूसरा बाथरूम में बंद हो गया था Bihar Crime News: बिहार में अब चर्चित डॉक्टर को अपाचे सवार बदमाशों ने जबड़े में मारी गोली, हालत गंभीर Bihar News: बिहार में बढ़ते अपराध के बीच CM नीतीश पर हमलावर हुए चिराग, पुलिस को भी कटघरे में खींचा Bihar Co: महिला सीओ...पुरूष मित्र के साथ जंगल में क्या कर रही थीं ? स्थानीय लोगों ने घेर लिया और पूछा- यही काम करते हो ? वीडियो वायरल...तीन धराए Bihar Crime News: सहरसा में बालू-गिट्टी व्यवसायी को मारी गोली, छापेमारी में जुटी पुलिस Bihar News: नालंदा में कर्ज से त्रस्त परिवार ने खाया जहर, 4 की मौत INDvsENG: ऋषभ पंत के निशाने पर 3 बड़े रिकॉर्ड, चौथे टेस्ट में रोहित शर्मा और सहवाग को छोड़ सकते हैं पीछे Bihar Flood Alert: पटना में उफान पर गंगा नदी, कई इलाकों में बाढ़ का खतरा Patna Crime News: पटना में अब महिला को मारी गोली, बदमाशों की तलाश में जुटी पुलिस
1st Bihar Published by: Updated Thu, 24 Jun 2021 09:03:29 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : राजनीति में दिल टूटने के बाद इंसान क्या कर सकता है. ये जानना हो तो बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का हाल देख लीजिये. नेता बनने के लिए समय से पहले ही नौकरी छोड़ दी लेकिन गच्चा खा गये. चुनाव तो छोड़िये चुनाव के बाद भी किसी पार्टी ने कोई तवज्जो नहीं दी. लिहाजा अब गुप्तेश्वर पांडेय कथावाचक बन गये हैं. वर्चुअल तरीके से आज से उन्होंने लोगों के बीच कथा बाचना शुरू कर दिया है.
आज से शुरू हुआ गुप्तेश्वर पांडेय का कथावाचन
बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने आज से वर्चुअल तरीके से कथावाचन शुरू कर दिया है. दरअसल 24 जून को ज्येष्ठ शुक्ल पंचमी है. शुभ तिथि देखकर उन्होंने कथावाचन की शुरूआत की है. ये कथावाचन चलता रहेगा. गुप्तेश्वर पांडेय के मुताबिक कथावाचन तब तक चलता रहेगा जब तक ईश्वर यानि हरि की इच्छा होगी. हालांकि सोशल मीडिया पर आकर कथा वाचन के बजाय उन्होंने जूम एप का सहारा लिया है. जूम एप के जरिये वे कथावाचन करेंगे. जिन्हें उनकी कथा सुननी हो उनके लिए आईडी औऱ पासवर्ड जारी किया गया है. उनकी कथा का नाम भागवत वचन अमृत रखा गया है.
दो-दो दफे टूटा नेताओं से दिल
ये वही गुप्तेश्वर पांडेय हैं जो 23 सितंबर 2020 तक बिहार के डीजीपी हुआ करते थे. उनका कार्यकाल फरवरी 2021 तक था लेकिन अचानक से उन्होंने सितंबर 2020 में वीआरएस ले लिया. इसके साथ ही उन्होंने साफ भी कर दिया था कि वे अक्टूबर-नवंबर में होने जा रहे बिहार विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार भी बनेंगे. लेकिन उनके दिल के अरमान पूरे नहीं हो पाये. गुप्तेश्वर पांडेय बक्सर से जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते थे. लेकिन ऐन वक्त पर नीतीश कुमार ने उन्हें टिकट देने से साफ इंकार कर दिया.
सूत्र तो ये भी बताते हैं कि चुनाव के वक्त नीतीश कुमार ने गुप्तेश्वर पांडेय की अपने आवास में एंट्री भी रोक दी थी. उससे पहले पांडेय जी बक्सर में अपना चुनाव कार्यालय खोल चुके थे. बक्सर सीट जब बीजेपी के कोटे में गयी तो पांडेय जी ने वहां भी दौड लगायी लेकिन बीजेपी ने भी कोई तवज्जो नहीं दी. जानकारों के मुताबिक गुप्तेश्वर पांडेय ने जेडीयू से गुहार लगायी कि उन्हें किसी औऱ सीट पर एडजस्ट कर दिया जाये पर वह भी नहीं हुआ.
2009 में खा गये थे गच्चा
दिलचस्प बात ये है कि गुप्तेश्वर पांडेय 2009 में भी नेताओं से गच्चा खा गये थे. उन्होंने उस समय भी नौकरी से वीआरएस ले लिया था. उन्हें बीजेपी ने बक्सर संसदीय सीट से टिकट देन का भरोसा दिलाया था. लेकिन ऐन वक्त में उनका टिकट कटा औऱ लालमुनि चौबे वहां से उम्मीदवार बना दिये गये.
सेटिंग कर फिर से नौकरी में वापस आये थे
गुप्तेश्वर पांडेय ने 2009 में वीआरएस तो ले लिया लेकिन टिकट नहीं मिला. वीआरएस लेने के 9 महीने बाद उन्होंने सरकार में सेटिंग लगायी और उन्हें नौकरी में वापस आने की मंजूरी मिल गयी. वे फिर से नौकरी में आये औऱ बिहार के डीजीपी तक बने. डीजीपी रहने के दौरान सरकार की सेवा के उनके किस्से लगातार आम होते रहे लेकिन सरकार ने चुनाव में काम नहीं दिया.
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब वह सुर्खियों में रहे हों या अपनी मौजूदगी दर्ज करवाई हो. इससे पहले भी पांडे ने अपनी नौकरी से वीआरएस ले ली थी और बिहार डीजीपी के पद से इस्तीफा देने के बाद जेडीयू की सदस्यता ले ली थी. लेकिन, टिकट नहीं मिला तो वह चुनाव नहीं लड़ सके. अब वो कथावाचक बन गए हैं.