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No Detention Policy: नो डिटेंशन पॉलिसी, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला; 3000 से अधिक स्कूलों पर पड़ेगा असर

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 24 Dec 2024 11:41:07 PM IST

No Detention Policy: नो डिटेंशन पॉलिसी, केंद्र सरकार का बड़ा फैसला; 3000 से अधिक स्कूलों पर पड़ेगा असर

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No Detention Policy: केंद्र सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव करते हुए नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया है। इस निर्णय का प्रभाव केंद्रीय विद्यालय, सैनिक स्कूल और अन्य केंद्र सरकार द्वारा संचालित 3000 से अधिक स्कूलों पर पड़ेगा। अब छात्रों को कक्षा 5वीं और 8वीं में फेल किया जा सकेगा।


पॉलिसी खत्म होने का प्रभाव

फेल होने का प्रावधान:

कक्षा 5वीं और 8वीं में फेल होने पर छात्रों को अगली कक्षा में प्रोन्नत नहीं किया जाएगा।

छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा।

यदि छात्र दोबारा भी फेल हो जाता है, तो उसे उसी कक्षा में पूरा साल पढ़ना होगा।


छात्रों पर ध्यान:

शिक्षकों को छात्रों की कमजोरियों की पहचान करनी होगी।

फेल होने के बावजूद छात्रों को प्रारंभिक शिक्षा से वंचित नहीं किया जाएगा।

स्कूल छात्रों को निष्कासित नहीं कर सकेंगे।


क्या यह सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लागू होगा?

यह निर्णय केंद्र सरकार का है, लेकिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसे लागू करने का अधिकार है।

यदि कोई राज्य इसे लागू नहीं करना चाहता, तो यह बाध्यकारी नहीं होगा।

किन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पॉलिसी खत्म की गई है?

अब तक 18 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इसे लागू किया है:


राज्य: असम, बिहार, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश, मेघालय, नागालैंड, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तमिलनाडु, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल।

केंद्र शासित प्रदेश: दिल्ली, दादरा और नगर हवेली, जम्मू और कश्मीर।


नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म करने का कारण

छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन में सुधार लाने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।

इस पॉलिसी के कारण छात्रों में परीक्षा का महत्व कम हो गया था।


आरटीई 2019 में संशोधन के बाद निर्णय

यह फैसला शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2019 (RTE Act 2019) में संशोधन के बाद लिया गया है।


महत्वपूर्ण प्रश्न (FAQs)

प्रश्न: केंद्र सरकार ने नो डिटेंशन पॉलिसी को क्यों खत्म किया?

उत्तर: छात्रों के अकादमिक प्रदर्शन में सुधार लाने के लिए।


प्रश्न: क्या यह पॉलिसी सभी राज्यों में लागू होगी?

उत्तर: राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए इसे लागू करना वैकल्पिक है।


प्रश्न: छात्रों पर इसका क्या असर पड़ेगा?

उत्तर: छात्र कक्षा 5वीं और 8वीं में फेल हो सकते हैं। उन्हें अगली कक्षा में प्रमोट नहीं किया जाएगा।


प्रश्न: फेल छात्रों के लिए क्या विकल्प हैं?

उत्तर: फेल छात्रों को दो महीने के भीतर दोबारा परीक्षा देने का अवसर मिलेगा। अगर वे इसमें भी असफल रहते हैं, तो उसी कक्षा में पढ़ाई करनी होगी।


यह निर्णय छात्रों की शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने और शैक्षणिक मानकों को सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है।