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1st Bihar Published by: Updated Tue, 30 Nov 2021 06:47:54 AM IST
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PATNA : शराब पकड़ने में मशगूल बिहार की पुलिस को सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी परवाह नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश की पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करने से लेकर कार्रवाई के लिए जो दिशा निर्देश दिये हैं, बिहार पुलिस उसे ही खारिज कर दे रही है. बिहार पुलिस के इस खेल पर पटना हाईकोर्ट ने कडी नाराजगी जतायी है. कोर्ट के पास ये मामला आया था कि जमीन के विवाद के मामले में बिहार पुलिस केस ही दर्ज नहीं करती. हाईकोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताते हुए पुलिस से जवाब मांगा है.
जमीन विवाद में एफआईआर दर्ज करनी ही होगी
सोमवार को पटना हाईकोर्ट ने सूबे में जमीन के विवाद की प्राथमिकी दर्ज नहीं किये जाने पर पुलिस को जमकर फटकार लगायी. कोर्ट ने कहा कि भूमि विवाद में पुलिस को एफआईआर दर्ज करनी ही होगी. पटना हाईकोर्ट की जस्टिस संदीप कुमार की बेंच ने पूर्वी चंपारण जिले के अमरजीत राय और दूसरे लोगों की अर्जी पर सुनवाई के दौरान ये निर्देश दिया. कोर्ट ने कहा कि बिहार पुलिस शिकायत लेकर आय़े लोगों को जमीन विवाद की बात कह प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर देती है. कोर्ट ने कहा कि पुलिस का पहला काम एफआईआर दर्ज करना है. एफआईआर दर्ज नहीं करने का मतलब यही निकलता है कि पुलिस अपराधियों को संरक्षण दे रही है.
शिकायत पर पहले एफआईआर करें औऱ तब जांच
हाईकोर्ट ने बिहार पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े किये. दरअसल बिहार में शिकायत लेकर थाने पहुंचे फरियादी की शिकायत पर पुलिस पहले जांच करती है औऱ फिर दर्ज करने की बात कहती है. हाईकोर्ट ने कहा कि जब कोई भी व्यक्ति थाने में शिकायत लेकर आता है तो पुलिस सबसे पहले प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए. कानूनन ये सही नहीं है कि पहले शिकायत की जांच की जाये और फिर पुलिस शिकायत को सही पाकर एफआईआर दर्ज करे. कोर्ट ने कहा कि पुलिस को चाहिए कि शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच प्रारंभ करे. एफआईआर के बाद जांच में आऱोप सही पाए जाने पर अभियुक्तों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करे.
एसपी से मांगा जवाब
पटना हाईकोर्ट की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के ललिता कुमारी केस का हवाला देते हुए कहा कि इस मामले में पूरे देश में पुलिस को कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिये गये थे. लेकिन बिहार पुलिस सुप्रीम कोर्ट के आदेश का ही पालन नहीं कर रही है. हाईकोर्ट ने पूर्वी चंपारण के एसपी को सहा कि वे अपने जिले के सभी थानेदारों को निर्देश दें कि थानेदार सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी दिशा-निर्देश का पालन करें. कोर्ट ने पुलिस की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए एसपी से जवाब भी मांगा है. मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.