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1st Bihar Published by: Updated Thu, 20 May 2021 05:57:08 PM IST
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PATNA : कोरोना महामारी के बीच बिहार में सियासत भी खूब हो रही है. तेजस्वी यादव ने अपने सरकारी आवास पर जिस तरह अस्पताल खोलने की पेशकश की उसके बाद बीजेपी भी नेता प्रतिपक्ष पर हमलावर है. इस बीच बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने राजधानी पटना का नाम बदलने की बात कर सनसनी मचा दी है.
दरअसल डॉ संजय जायसवाल ने कहा है कि राजनैतिक तौर पर पटना शहर का नाम बदलकर विरोधी नेता सेवा शहर कर देना चाहिए. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि राघोपुर की जनता तेजस्वी को विधायक बनाती है, फिर भी अस्पताल पटना में ही खोलेंगे. भाई के मंत्री रहते एक मेडिकल कॉलेज ही राघोपुर में खोल देते या मंत्री रहते एक पुल ही बना देते तो पैंटुन पुल पर लोगों की मौतें नहीं होतीं. यहां तो मूल उद्देश्य सेवा नहीं, छपास है. छपास के लिए तो सेवा पटना में ही करना पड़ेगा.
संजय जायसवाल ने कहा कि "परिवार के पद चिन्हों पर चल रहे हैं. मुख्यमंत्री रहते परिवार का सिद्धांत था कि विकास से कभी वोट नहीं मिलता है और महोदय ने भी मंत्री रहते इसका ईमानदारी से पालन किया. उद्देश्य अस्पताल खोलना होता तो सिविल सर्जन एवं जिलाधिकारी को सूचना देते पर उद्देश्य तो छपना है. इसलिए ये मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को सूचित करेंगे."
संजय जायसवाल ने एक लंबा सोशल मीडिया पोस्ट लिखते हुए तेजस्वी पर हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि तेजस्वी जी 3 दिन पहले मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखते हैं कि सेवा करना चाहते हैं. लगता है कि सेवा करने में भी रोक है और मुख्यमंत्री से ही इसकी परमिशन लेनी पड़ती है. इसके साथ ही बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने पप्पू यादव पर तंज कसते हुए कहा है कि हमारे दूसरे नेता जी विधायक और सांसद पूर्णिया और मधेपुरा से रहे पर समाज सेवा तो पटना में ही करेंगे नहीं तो रोज छपास कैसे होगा. दोनों का उद्देश्य कभी सेवा रहा ही नहीं. सारा कमाल उस 30% वोट का है जो बिना कुछ किए एक को मिल जाता है और दूसरा उसके लिए लप-लपा रहा है.
भाजपा नेता ने आगे कहा कि "मैंने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर अपने सभी विधायक ,सांसद और मंत्रियों को निर्देशित किया है कि अपने गृह जिले की चिंता करें और प्रभारी जिले का ध्यान रखें. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद मैं खुद भी अपने लोकसभा में हूं. वैसे इन नेताओं में एक और जबरदस्त समानता है। 3 साल नेताजी जेल में थे तब अस्पताल में बीमार थे. बेल मिलते ही घर आ गए. कल तक दूसरे नेता जी कैमरा के साथ करोना वार्ड घूमते थे और बाढ़ में कमर तक पानी में फोटो भी खींचाते थे ,पर जेल मिलते ही बीमार हो गए. आजकल जेल और बेल के बीच में अस्पताल का कमाल खेल है. जैसे बेल मिल जाएगी वैसे नेता जी स्वस्थ होकर कैमरा के साथ घूमना शुरू कर देंगे. इसलिए इनके समर्थकों से अनुरोध है कि इनके स्वास्थ्य की नहीं बल्कि बेल की प्रार्थना करें. बेल के साथ स्वस्थ यह खुद ही हो जाएंगे."