Bihar News: वाल्मीकि टाइगर रिजर्व में एक और बाघिन की मौत, पिछले कुछ वर्षों में हुआ इतने बाघों का नुकसान Bihar crime news: पटना में फिल्मी अंदाज में मर्डर... बाइक से घेरकर युवक को गोली मारी Bihar News: 32 साल पुराने मामले में पूर्व आयकर इंस्पेक्टर भगोड़ा घोषित, कोर्ट ने जारी किया स्थायी लाल वारंट Bihar Monsoon 2025: राज्य में मानसून की दस्तक जल्द, IMD की नई अपडेट जारी Bihar crime : मुजफ्फरपुर में व्यवसायी से 15 लाख की लूट, CCTV में कैद हुई वारदात MIvsDC: दिल्ली को रौंद मुंबई ने हासिल किया प्लेऑफ टिकट, यह खिलाड़ी रहा जीत का असली हीरो Bihar News: बिहार के विभिन्न जिलों में खुलेंगी 644 फैक्ट्रियां, 37 हजार करोड़ होंगे खर्च, 55 हजार लोगों को रोजगार Bihar Police: बिहार में अब थानाध्यक्ष नहीं बन सकेंगे ऐसे पुलिस अफसर, मुख्यालय ने जारी किया नया फरमान Bihar Teacher: महीनों से ऑनलाइन हाजिरी में जारी भारी फर्जीवाड़ा, राज्य के इन जिलों के गुरु जी सबसे आगे BPSC पेपर लीक मामला: DSP रंजीत रजक को मिली बड़ी राहत
1st Bihar Published by: Updated Fri, 13 Aug 2021 05:08:01 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : दुनिया की सबसे बड़ी पद्य रचना में एक शाहनामा के लेखक फिरदौसी एक बार बादशाह महमूद के खिलाफ ही विद्रोह का बिगुल बजा दिए थे। शायरी के माध्यम से वो बादशाह के कारनामें लोगों के सामने पेश करने लगे। उन्हें डराने का काफी प्रयास हुआ, लेकिन वो डरे नहीं। आख़िरकार बादशाह को झुकना पड़ा। हालांकि तब तक काफी देर हो चुकी थी। फिरदौसी दुनिया को अलविदा कह चुके थे।
ये कहानी शायद आपने इतिहास में नहीं पढ़ी होगी, लेकिन यह साहित्य में जिंदा है और इसे पटना लिटरेरी फेस्टिवल के जश्न-ए-आजादी कार्यक्रम में गुरुवार की शाम सैयद साहिल आगा ने पेश किया। चार दिनों तक चलनेवाले इस कार्यक्रम का पहला दिन स्टोरी टेलिंग, दास्तान- ए-गोई और क्लासिकल हिन्दुस्तानी पोइट्ररी के नाम रहा। सैयद साहिल आगा ने तीन दास्तां सुनाई, जिसके एक में सरहदी गांधी अर्थात खान अब्दुल गफ्फार खान के स्वतंत्रता संग्राम में संघर्ष की कहानी थी। सैयद साहिल आगा ने बताया कि कैसे सरहदी गांधी ने फिरंगियों से मुकाबला किए। हालांकि आजादी के बाद उन्हें जेल में बीताने पड़े। उन्होंने अमीर खुसरों की भी कहानी सुनाई।
एक साथ निभाए कई किरदार, उनके लिए निकाली आवाजें
कार्यक्रम का आगाज स्टोरी टेलिंग व किस्सा गोई से हुई। वरुण नारायण ने अंग्रेजी में ‘रेनबो टेबल‘ कहानी पेश की। इस कहानी के कहने में खास बात थी, चरित्र के अनुसार कठपुतली और हर चरित्र के प्रकृति के अनुसार आवाज। पांच से ज्यादा चरित्र इस कहानी में थे। वरुण नारायण सबके लिए अलग-अगल किस्म की आवाजें निकाल रहे थे। सभी कठपुतली के होठ की एक्टिविटी वरुण नारायण के उच्चारण से मेल खा रही थी। इस कहानी की खासियत इसका प्रोगे्रसिव एप्रोच था। संदेश प्रगतिशीलता का था।
नज्म को भारतीय और पाश्चात्य संगीत के साथ पेश किया
कार्यक्रम के आखिरी हिस्से में लखनऊ की शदज टीम ने एक अनोखी प्रस्तुती दी। अनोखी इस मामले में की, इसमें नज्म तो जॉन एलिया के थे लेकिन प्रस्तुति का तरीका संगीतमय था। टीम के शिवेंद्र नज्म पढ़ रहे थे। फिर गायक कार्तिक उसे पॉप व पाश्चात्य तरीके से गा रहे थे। किसी को अपने अमल का हिसाब क्या देताय सवाल सारे गलत थे, जवाब क्या देता...। किसी को याद रखना हो किसी को भूल जाना हो...। जरूरी बात कहनी हो, कोई वादा निभाना हो, उसे आवाज देनी हो, उसे वापस बुलाना हो... सहित कई नज्म शदज की टीम ने पेश किए।
डॉ. ए.ए. हई ने की अध्यक्षता
कार्यक्रम के शुरुआत में पटना लिटरेरी फेस्टिवल के सदस्य और जश्न-ए-आजादी की अध्यक्षता कर रहे प्रसिद्ध सर्जन डॉ. ए.ए. हई ने लोगों को संबोधित किया। कहा, आज की यह महफिल आजादी की महफिल है। आज से 75 साल पहले एक फकीर ने देश को अंग्रेजों के गुलामी से बिना गोली-बंदूके के ही आजाद करा दिया था। लेकिन आज कोविड ने पूरी दुनिया को हिला दिया है। लोगों के बीच दूरियां बढ़ा दी है जबकि मानव सामाजिक प्राणी है। अधिकांश परिवार ने इस कोविड में अपनों को खोया है। जो बचे हैं वो भी परेशान हैं। बच्चे दो कमरों में सिमट गए हैं। खुर्शीद अहमद ने इस परेशानी में लोगों को हंसने-मुस्कुराने का मौका दिया है। जश्न ए आजादी कार्यक्रम में किस्सा गोई, मुशायरा और संगीतमय प्रस्तुती होगी। वहीं सलील भंडारी ने कहा कि खुर्शीद अहमद की वजह से उदयपुर टेल्स को पटना लिटरेरी फेस्टिवल में लेकर आए हैं। उन्होंने हमलोेगों को मौका दिया जश्न ए आजादी में हिस्सा लेने का। खुर्शीद अहमद ने भी कार्यक्रम के अंत में अपना उद्गार व्यक्त किया। कहा, सब कुछ ठीक रहा तो दिसंबर में पटना में मंचीय कार्यक्रम होगा।
इस पूरे कार्यक्रम का संचालन यूएई से वहां के प्रसिद्ध नाट्यकर्मी गगन मुदगल ने किया। कार्यक्रम को शुरू और अंत में उदयपुर टेल्स की सह संस्थापक व पटना निवासी सुष्मिता सिंघा ने भी संबोधित किया। उन्होंने एडवांटेज सपोर्ट के सचिव खुर्शीद अहमद का शुक्रिया अदा किया। गौरतलब है कि पटना लिटरेरी फेस्टिवल एडवांटेज सपोर्ट की ही पहल है। यह पूरा कार्यक्रम उदयपुर टेल्स के संयोजन में प्रस्तुत किया गया जबकि पूरे जश्न में शो क्राफ्ट सहयोगी की भूमिका निभा रहा है।
14 अगस्त- ई-मुशायरा की दूसरी सीरिज होगी। आठ बजे से कार्यक्रम शुरू होगा। इसकी भी अध्यक्षता डॉ. एए हई करेंगे। मोईन शादाब, शबीना अदीब, इकबाल अशरार, हसन काजमी, शकील मोईन, सागर त्रिपाठी और कासिफ अदीब लोगों को अपनी शायरी से मनोरंजन करेंगे।
15 अगस्त- 12 से डेढ़ बजे तक टॉक शो होगा। इसमें जेएनयू के प्रो. अनवर पाशा, वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र नाथ श्रीवास्तव, जेएनयू के प्रो. आनंद कुमार, विश्व समन्वय संघ के अतुल प्रभाकर और ब्यूटीफूल माइंट की प्रमोटर शाइस्ता एस हैदर हिस्सा लेंगी। कार्यक्रम का संचालन टीवी एंकर अफशां अंजुम करेंगी। शाम सात बजे से 10 बजे तक संगीतमय कार्यक्रम होगा। डॉ. सोमा घोष, शादाब फरीदी, शिखर कुमार और डॉ. ममता जोशी शास्त्रीय, फिल्मी और सूफी गायन पेश करेंगे।
मुफ्त में कराएं रजिस्टे्रशन और जश्न का लुत्फ उठाएं
खुर्शीद अहमद ने बताया कि जश्न का लुत्फ कोई भी व्यक्ति उठा सकता है। जो लोग कार्यक्रम देखना चाहते हैं, वो मुफ्त में समय से इस लिंक https://us02web.zoom.us/webinar/register/WN_Tl7AxqvbSUWICaeE7W721g पर रजिस्ट्रेशन करा लें। जूम पर 1000 लोग ही कार्यक्रम देख सकेंगे। रजिस्टे्रशन कराने के इच्छुक एडवांटेज सपोर्ट के वोलिंटियर रवि कुमार से मोबाइल नंबर 82103 00764 पर लोग संपर्क कर सकते हैं। यह कार्यक्रम विभिन्न पोर्टल और यूट्यूब चैनल पर भी प्रसारित किया जा रहा है।