17 जुलाई को पटना के नृत्य कला मंदिर में महफिल-ए-मुशायरा का होगा आयोजन, देश-विदेश के 10 नामचीन शायर बिखेरेंगे अपनी शायरी का जादू

17 जुलाई को पटना के नृत्य कला मंदिर में महफिल-ए-मुशायरा का होगा आयोजन, देश-विदेश के 10 नामचीन शायर बिखेरेंगे अपनी शायरी का जादू

PATNA: पटना में 17 जुलाई की शाम महफिल-ए-मुशायरा का आयोजन भारतीय नृत्य कला मंदिर सभागार में किया जा रहा है। इसका आयोजन दुबई की साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था नविशता द्वारा पटना लिटरेरी फेस्टिवल (पी.एल.एफ) के साथ मिलकर किया जा रहा है। इसमें देश- विदेश के 10 नामचीन शायर शिरकत करेंगे। ये उर्दू शायरी के विविध रंगों को पेश कर इस शाम को यादगार बना देंगे। इन शायरों में शबीना अदीब, शकील आजमी, आलम खुर्शीद, अज्म शाकिरी, अजहर इकबाल, सपना मूलचंदानी, सरवर नेपाली, माधव नूर, शादाब उल्फत, अहया भोजपुरी शामिल हैं।


इसके बारे में जानकारी देते हुए नविशता के सचिव अहया भोजपुरी ने बताया कि नाविशता की ओर से होने वाले इस कार्यक्रम का मकसद पटना में साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है। पटना हमेशा से इसमें समृद्ध रहा है। पटना देश के उन पुराने शहरों में से रहा है जिसकी तहजीब की चर्चा हमेशा से होती रही है। कोरोना काल में उर्दू तहजीब से जुड़ी गतिविधियां थम सी गयी थी ऐसे में शायरी कि यह महफिल पटना में एक बार फिर से पुरानी परंपरा को आगे बढ़ाने का काम करेगी। 


उन्होंने बताया कि शायरी और कविता वह लोकप्रिय माध्यम है जिससे हम अपने हिंदुस्तानी कल्चर को लोगों तक आसानी से पहुंचा सकते हैं। यह कार्यक्रम मोहब्बत का पैगाम देगा। नविशता दुबई की साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था है जो भारत समेत दुनिया भर में उर्दू भाषा और साहित्य को बढ़ावा देने के मकसद को लेकर काम करती है। उन्होंने बताया कि वे खुद पटना के रहने वाले हैं इसलिए इस शहर के सांस्कृतिक माहौल को देखते रहे हैं और इसे कायम रखने में योगदान देने के उद्देश्य से ही पटना में महफिल-ए-मुशायरा का आयोजन किया जा रहा है। 


कोविड काल में भी नविशता की ओर से ऑनलाईन शायरी के कार्यक्रम करवाएं गये थे। संस्था की ओर से उर्दू शायरी का दुनिया का पहला दैनिक ऑनलाईन कार्यक्रम भी कराया गया है। इसमें बशीर बद्र, अब्बास ताबिश, शबीना अदीब आदि नामचीन शायरों ने हिस्सा लिया था। वहीं पटना लिटरेरी फेस्टिवल के प्रेसिडेंट डॉ एए हई ने कहा कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों से शहर में एक बेहतर माहौल कायम होता है। पटना उर्दू शायरी का हमेशा से ही देश में एक बड़ा सेंटर रहा है। यहां एक से बढ़कर एक शायर हुए हैं।


पटना लिटरेरी फेस्टिवल के आयोजन समिति के चेयरमैन फैजान अहमद ने बताया कि हमारी ओर से पिछले चार वर्षों से पटना में साहित्यिक आयोजन किए जा रहे हैं। हमारी कोशिश है कि पटना में उर्दू साहित्य खासकर शायरी को बढ़ावा दिया जाए। नविशता और पीएलएफ के इस महफिल-ए-मुशायरा कार्यक्रम से शहर में साहित्यिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का बेहतर माहौल बनाने में मदद मिलेगी।


वहीं पटना लिटरेरी फेस्टिवल के सचिव खुर्शीद अहमद ने बताया कि उर्दू अदब और शायरी से मोहब्बत करने वाले श्रोताओं के लिए यह एक बेहतरीन मुशायरा होगा। इसमें एक ही मंच पर 10 दिग्गज और मशहूर शायरों को सुनने का मौका मिलेगा। पटना लिटरेरी फेस्टिवल ने पिछले चार वर्षों में कई अलग अलग तरह के साहित्यिक आयोजन किए हैं जिनका मकसद उर्दू साहित्य और शायरी को परवान चढ़ाना और साहित्य के इस अध्याय को नई जिंदगी देना है। 


बिहार में पीएलएफ साहित्य की वो अकेली संस्था है जो लगातार साहित्यिक आयोजन करती आ रही है चाहें वो  स्टेज के आयोजन हों या कोविड और लॉकडाउन के समय सोशल मीडिया के माध्यम से और इन्हे देखने और सुनने वालों का कहना था कि पीएलएफ ने उन्हें साहित्य, शायरी और मनोरंजन का पूरा अवसर प्रदान किया। खुर्शीद अहमद ने कहा कि पीएलएफ बनाने का मकसद भी यही था क्यों कि पिछले कुछ वर्षों में बिहार की लगभग सभी साहित्यिक संगठन और गतिविधियां खत्म हो चुकी थी।


और हमलोग चाहते थे कि पटना जो शायरी में अजीमाबाद स्कूल के नाम से प्रसिद्ध था उसकी पुरानी इतिहास और साहित्यिक सरगर्मियों को फिर से जिंदा किया जाए और हमारी टीम इस में पूरी तरह सफल रही जिसका बड़ा श्रेय पटना के साहित्य प्रेमी लोगों को जाता है जिन्होंने बड़ी संख्या में पीएलएफ के आयोजनों में भाग लिया। अभी तक पीएलएफ 10 बड़े प्रोग्राम कर चुकी है जिसमें 30 नामचीन शायर एवं आर्टिस्ट भाग ले चुके हैं।


उन्होंने कहा कि पीएलएफ के सौजन्य से जो अगला कार्यक्रम होने जा रहा है वो पीएलएफ की देश से बाहर निकलती शोहरत का सुबूत है क्योंकि 17 जुलाई के मुशायरा का आयोजन दुबई की साहित्यिक संस्था नवीशता के द्वारा पीएलएफ के साथ मिल कर किया जा रहा है। मुशायरा में देश और खाड़ी देशों के शायर भाग ले रहे हैं। यह भी गौर करने की बात है कि पटना जहां लगभग हर वर्ष मुशायरा होता था पिछले कई वर्षों से कोई आयोजन नही हुआ है। हमे उम्मीद है कि पीएलएफ के पिछले आयोजनों की तरह यह मुशायरा उर्दू साहित्य और शायरी की रौशन इतिहास में नई रोशनी बिखेरेगा।


महफिल-ए-मुशायरा आयोजन समिति की बैठक संपन्न शनिवार को पटना लिटरेरी फेस्टिवल के प्रेसिडेंट डाॅ. हई की अध्यक्षता में महफिल ए मुशायरा आयोजन समिति की बैठक आयोजित की गई। इसमें पटना लिटरेरी फेस्टिवल के सचिव खुर्शीद अहमद, पटना लिटरेरी फेस्टिवल के आयोजन समिति के चेयरमैन फैजान अहमद आदि मौजूद थें। इस मौके पर आयोजन की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। 


इसमें डाॅ. हई ने कहा कि यह कार्यक्रम बकरीद के बाद 17 जुलाई 2022 को शाम 5.30 बजे से भारतीय नृत्य कला मंदिर, इंडोर आडिटोरियम, पटना में होगा। यहां 400 आदमी के बैठने की सुविधा है। कार्यक्रम में प्रवेश मुफ्त है, लेकिन इसके लिए प्रवेश कार्ड लेना होगा। प्रवेश कार्ड जुलाई के पहले सप्ताह में आपके नजदीकी काउंटर पर उपलब्ध रहेगा। इसे सुनने के इच्छुक श्रोता यहां से अपना प्रवेश कार्ड ले सकते हैं।