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1st Bihar Published by: Updated Sat, 11 Dec 2021 04:28:05 PM IST
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PATNA : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा है कि राज्य के जिला अस्पतालों में दुर्घटनाग्रस्त मरीजों का आपात स्थिति में बेहतर उपचार होगा. आपातकालीन सेवाओं और इमरजेंसी पेशेंट केयर सर्विसेस को सुदृढ़ करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रयत्नशील है. ऐसे में अस्पताल के कर्मचारियों को गंभीर रूप से घायल एवं आकस्मिक अवस्था में आए मरीजों को समुचित इलाज मुहैया कराने के लिए विभाग ने अस्पताल के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने की पहल की है. इस पहल से अस्पतालों में आपातकालीन सेवा को और ज्यदा मजबूती मिलेगी.
उन्होंने आगे कहा कि इस योजना के तहत प्रारंभ में पांच जिलों को कवर किया जाएगा. जिसमें गोपालगंज, समस्तीपुर, सहरसा, आरा और जमुई शामिल हैं. प्रशिक्षण देने के लिए डॉक्टरों और नर्सों की टीम छह महीने तक इन जिलों में रहेगी. उसके बाद अगले पांच जिलों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा. डॉक्टरों और नर्सों को प्रशिक्षित करने के अलावे उनके कौशल को उन्नत किया जाएगा. इससे उन्हें अपनी सेवाएं देने में और भी सहूलियत होगी. वहीं दुर्घटनाओं, सांप के काटने या कार्डियक अरेस्ट जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित रोगियों का प्रबंधन करने का व्यावहारिक प्रशिक्षण भी उनको मिलेगा.
पांडेय ने यह भी कहा कि प्रशिक्षण देने की इस परियोजना में स्वास्थ्य विभाग केयर इंडिया एवं हॉबर्ड ह्यूमैनिटेरियन इनिशिएटिव (एचएचआई) से सहयोग ले रहा है. यह दोनों टीम मिलकर अस्पतालों को तकनीकी सहयोग देगी और संकट से निपटने के लिए उन्हें प्रशिक्षित भी करेगी. ऑन ग्राउंड सेवाएं 1 जनवरी, 2022 से शुरू होंगी. हालांकि प्रशिक्षकों (टीओटी) को प्रशिक्षण दने का कार्य पहले ही शुरू हो चुका है. दिल्ली एम्स के डाक्टर्स को भी इस प्रशिक्षण प्रोग्राम में शामिल किया जा रहा है. इससे संबंधित एक वर्कशाप का भी आयोजन 10 दिसंबर को आयोजित किया गया था, जिसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई.