कितनी बड़ी तबाही मचा सकता है 300 किलो अमोनियम नाइट्रेट? जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में किया था बरामद, आतंकी साजिश का पर्दाफाश कितनी बड़ी तबाही मचा सकता है 300 किलो अमोनियम नाइट्रेट? जम्मू-कश्मीर पुलिस ने हाल ही में किया था बरामद, आतंकी साजिश का पर्दाफाश Bihar election violence : मोकामा में नहीं थम रहा बाहुबलियों के आंतक का राज ! अब निर्दलीय कैंडिडेट के ऊपर थाने से महज कुछ मीटर की दूरी पर जानलेवा हमला ; जानिए किस पर लग रहा आरोप Bihar Election 2025: बिहार में दूसरे चरण के सियासी रण कल, वोटिंग से पहले भारत-नेपाल सीमा सील; बरती जा रहे विशेष सतर्कता Bihar Election 2025: बिहार में दूसरे चरण के सियासी रण कल, वोटिंग से पहले भारत-नेपाल सीमा सील; बरती जा रहे विशेष सतर्कता Bihar News: बिहार राज्य महिला आयोग करेगा गर्ल्स हॉस्टलों का औचक निरीक्षण, सुरक्षा और पोषण व्यवस्था पर रहेगी खास नजर Land for Job case : बिहार चुनाव के बीच लैंड फॉर जॉब केस में लालू परिवार को बड़ी राहत, जानिए कोर्ट में आज क्या कुछ हुआ Bihar News: बिहार में चोरों का आतंक! बंद घरों से तीन करोड़ के गहने उड़ाए, पुलिस ने शुरू की जांच Bihar Election : दुसरे चरण की वोटिंग से पहले तेजस्वी यादव ने लिखा भावुक संदेश, कहा– जनता का जनादेश मिला तो प्राण झोंक कर निभाऊंगा वादा Success Story: गरीबी और सामाजिक बंधन को तोड़ पूजा जाट बनीं DSP, हैरान कर देगी सफलता की कहानी
1st Bihar Published by: Updated Fri, 18 Jun 2021 06:46:28 PM IST
- फ़ोटो
PATNA : शुक्रवार को पटना के एसएसपी उपेंद्र शर्मा को ट्रैफिक रूल समझाने में एक सिपाही के पसीने छूट गए. वरीय पुलिस अधीक्षक ने पटना पुलिस के कांस्टेबल से तोते की तरह सवाल किया. उन्होंने कांस्टेबल से ये कहा कि ट्रैफिक रूल को बताइये. साहब का सवाल सुनते ही सिपाही की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई. वह एसएसपी के सामने एक लफ़्ज़ भी नहीं बोल पाया. उसके पसीने छूट गए. और ये पूरा वाकया वहां मौजूद मीडियाकर्मियों के कैमरे में कैद हो गया.
दरअसल शुक्रवार को पटना ट्रैफिक पुलिस के दर्जनों जवानों को पुलिसिंग में सहयोग करने के लिए स्पेशल गाड़ियां मुहैया कराई गईं. ट्रैफिक पुलिस के सिपाहियों को मॉडिफाइड दोपहिया वाहन दिए गए, जिसमें कलर कोड से लेकर सायरन तक कई सुविधाएं दी गई हैं. ताकि ट्रैफिक पुलिस के जवानों की मौजूदगी दर्ज हो सके. पटना पुलिस की मॉडिफाइड दोपहिया वाहनों में व्हीकल लाइट और माइकिंग की भी सुविधा दी गई है. जिसके माध्यम से सिपाही पब्लिक को एड्रेस करेंगे, उन्हें नियम कानून समझायेंगे.
जब ये गाड़ियां पटना पुलिस के ट्रैफिक जवानों को दी जा रही थीं. इस दौरान एसएसपी उपेंद्र शर्मा वहां खुद मौजूद थे. मीडियाकर्मियों का भी जमावड़ा लगा था. पुलिस के जवान पूरे लाव-लश्कर के साथ नई-नई मॉडिफाइड दोपहिया वाहन पर सवार थे. इस दौरान पटना के एसएसपी ने मॉडिफाइड वाहन में लगे माइकिंग की भी सुविधा को टेस्ट करना चाहा.
लाइन में सबसे आगे खड़े पुलिस जवान से एसएसपी उपेंद्र शर्मा ने पूछा कि "मान लीजिये आप पटना हड़ताली चौक पर खड़े हैं. पब्लिक को ट्रैफिक संबंधी नियम कानून समझाना है. बताइये कि क्या कहियेगा?" अचानक से एसएसपी का सवाल सुनकर ट्रैफिक जवान दंग रह गया. उसे समझ में नहीं आया कि साहब के सवाल का उत्तर क्या देना है? इसपर एसएसपी ने सिपाही से कहा कि "डरिये मत, सोच लीजिये. कठिन सवाल थोड़ी किया! हड़ताली मोड़ पर मान लिए आपकी ड्यूटी लगा दी. ट्रैफिक में क्या-क्या लोगों को करना चाहिए. लोगों को सीट बेल्ट लगाकर चलना चाहिए. बाइक सवार को हेलमेट लगानी चाहिए. पीछे बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट लगानी चाहिए. यही सब तो बताना है."

तोता की तरह समझाने के बावजूद भी ट्रैफिक पुलिस का जवाब पटना एसएसपी को ट्रैफिक रूल ही नहीं समझा पाया. फिर एसएसपी ने कहा सिर्फ आवाज चेक करनी है. जब सामने वाले सिपाही के गले से एक शब्द भी नहीं निकला तो एसएसपी ने कहा कि "कौन बोलेगा? कौन बोलना चाहेगा? अच्छा आइये डीएसपी साहब, आइये बोलिये तो. आइये इधर. हम आवाज खाली चेक करना चाहते हैं. माइक में आवाज कैसी आ रही है?"

इस तरह जिले के पुलिस कप्तान उपेंद्र शर्मा के सामने पटना पुलिस के एक ट्रैफिक जवान की सिट्टी पिट्टी गुम गई. वह एसएसपी को ट्रैफिक रूल जैसा बेसिक सा नियम समझाने में नाकाम रहा.