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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 16 Dec 2023 06:33:21 AM IST
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PATNA : ससंद की सुरक्षा में सेंध लगाने की घटना के मास्टरमाइंड ललित झा के कारनामे ने बिहार के दरभंगा जिले के रामपुर उदय गांव के लोगों को हैरान कर दिया है. ललित झा दरभंगा के बहेड़ा थाने के रामपुर उदय गांव का ही मूल निवासी है. उसके पिता पंडित का काम कर रोजी-रोटी चलाते हैं, भाई बिजली मिस्त्री का काम करता है. संसद में घुसपैठ के बाद जब ललित झा का नाम और चेहरा सामने आया तो न परिवार के लोगों को इसका यकीन हुआ और ना ही गांव के लोगों को. वैसे बिहार की पुलिस ने ललित झा के घर पहुंच कर उसके संबंध में छानबीन शुरू कर दिया है.
शुक्रवार को दरभंगा पुलिस ललित झा के पैतृक घर पहुंची. घर में उसके पिता देवानंद झा और परिवार के कुछ और लोग मौजूद थे. पुलिस ने देवानंद झा के साथ साथ गांव के लोगों से भी ललित झा के बारे में जानकारी हासिल की. दरभंगा के SSP अवकाश कुमार ने मीडिया को बताया कि ललित की पारिवारिक पृष्ठभूमि बेहद सामान्य है. पुलिस ने उसके घर और आसपास के लोगों से भी उसके बारे में पूछताछ की लेकिन अब तक कोई खास जानकारी नहीं मिल पायी है.
दरभंगा के रामपुर उदय गांव के लोगों ने बताया कि ललित और उसके परिवार के पास बहुत कम धन संपत्ति है. गांव में रहकर रोजी-रोटी चलाना संभव नहीं था इसलिए पूरा परिवार पश्चिम बंगाल में रहने लगा था. पर्व त्योहार और खेती के मौके पर ललित झा और उसके परिवार का गांव में आना-जाना होता है. ललित झा के पिता देवानंद झा पंडित हैं और बंगाल में ही पूजा-पाठ कर अपना परिवार चलाते हैं. ललित झा का छोटा भाई बंगाल में ही बिजली मिस्त्री का काम करता है. एक और भाई कपड़े की दुकान में काम करता है.
मीडिया के लोग जब ललित झा के पैतृक घर पहुंचे तो उसके पिता देवानंद झा वहां मौजूद थे. देवानंद झा अपने बेटे ललित झा के कारनामे से हैरान दिखे. उन्होंने बताया कि उनका परिवार पिछले 10 दिसंबर को खेती-बाड़ी के काम से गांव आए थे. गांव में थोड़ी बहुत जमीन है, धान की कटनी के कारण यहां आये थे. पहले से ये तय था कि ललित भी गांव आयेगा. लेकिन जिस दिन गांव आना था उसी दिन ललित झा बिना कोई जानकारी दिए अचानक दिल्ली चला गया. देवानंद झा ने कहा कि उन्हें ललित झा के संसद मामले में शामिल होने की जानकारी अखबार- टीवी से मिली.
ललित झा के पिता देवानंद झा ने बताया कि उनका परिवार गरीबी से जूझता रहा है. ललित झा ने जब इंटर की पढ़ाई पूरी कर ली तो उसे मेडिकल परीक्षा की तैयारी करने को कहा गया था. लेकिन गरीबी के कारण वह कोचिंग और आगे की पढ़ाई नहीं कर सका. इसके बाद वह बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगा था. रामपुर उदय गांव में ललित झा का परिवार गरीबी में रहता है. यहां इस परिवार का एक छोटा सा घर है.
ललित झा के पिता देवानंद झा ने कहा कि वे खेती-बाड़ी के काम से गांव आते रहते हैं. उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि बेटा ऐसी घटना को अंजाम दे रहा है. देवानंद झा ने कहा कि बेटे की करतूत से परिवार मर्माहत और सकते में है. गांव के लोग भी हैरान हैं. ललित झा के गांव के लोगों ने पुलिस को जानकारी दी कि ललित के पिता देवानंद झा पश्चिम बंगाल में रहकर पूजा-पाठ कराते हैं. ललित तीन भाइयों में मंझला है. उसका बड़ा भाई सोनू झा बंगाल में ही कपड़े की दुकान में नौकरी करता है. एक छोटा भाई शंभू झा है जो बिजली मिस्त्री का काम करता है.
बता दें कि 13 दिसंबर को लोकसभा में दो व्यक्ति दर्शक दीर्घा से सदन में कूद गए थे. टीवी सामने आई तस्वीरों और वीडियो में दोनों को केन से पीली गैस उडाते औऱ नारेबाजी करते दिख रहे थे. बाद में उन्हें पकड़ लिया गया था.सदन में घुसने वाले उन दोनों की पहचान सागर शर्मा और मनोरंजन डी के रूप में की गई. वहीं, अमोल शिंदे और नीलम देवी ने भी संसद परिसर के बाहर इसी तरह के केन से लाल-पीली गैस उड़ाई थी औऱ नारेबाजी की थी. वे दोनों भी पकड़े गये थे. बाद में पता चला कि इस घटना का मास्टरमाइंड कोई और है.
पुलिस जांच में पता चला कि इस मामले का मास्टरमाइंड ललित झा नाम का व्यक्ति है. ललित झा इस घटना के वक्त संसद के बाहर था. वह बाद में वहां से निकल भागा था. हालांकि बाद में वह गिरफ्तार कर लिया गया. ललित झा ने इस घटना को अंजाम देने के लिए संसद के भीतर और बाहर जिन चार लोगों को भेजा था, उनके मोबाइल फोन अपने पास रखे थे. वह चारो फोन लेकर फरार हो गया था. बाद में जब वह पुलिस के हत्थे चढ़ा तो चारो मोबाइल फोन गायब थे.
पुलिस को शक है कि ललित झा ने पूरी प्लानिंग के तहत इस घटना को अंजाम दिया है. वह एक एनजीओ के लिए काम करता है और उस एनजीओ की भूमिका संदिग्ध है. पुलिस ने ललित झा को अदालत में पेश कर सात दिनों के रिमांड पर ले लिया है.