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1st Bihar Published by: Updated Sat, 30 Jul 2022 03:22:58 PM IST
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DESK : भारत में पहली बार हुए ऑल इंडिया डिस्ट्रिक लीगल सर्विस अर्थोरिटी मीट में भाग लेने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे. यह पहला मौका था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीफ जस्टिस एनवी रमना ने एक साथ कोई मंच शेयर किया. उद्घाटन कार्यक्रम के बादचीफ जस्टिस एनवी रमना अपना संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि देश के बहुत कम लोग ही अदालतों में पहुंच पाते हैं. अधिकतर लोग जागरूकता एवं आवश्यक माध्यमों के अभाव में मौन रहकर पीड़ा सहते रहते हैं.
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना प्रत्येक भारतीय से सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय का दावा करती है. लोकतंत्र का मतलब सभी की भागीदारी के लिए स्थान मुहैया कराना है. सामाजिक उद्धार के बिना यह भागीदारी संभव नहीं होगी. न्याय तक पहुंच सामाजिक उद्धार का एक साधन है. जिन पहलुओं पर देश में कानूनी सेवा अधिकारियों के हस्तक्षेप और विचार किए जाने की आवश्यकता है, उनमें से एक पहलू विचाराधीन कैदियों की स्थिति भी है.
वहीं, इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि न्याय का भरोसा हर देशवासी को यह एहसास दिलाता है कि देश की व्यवस्थाएं उसके अधिकारों की रक्षा कर रही हैं. इसी सोच के साथ देश ने राष्ट्रीय कानूनी सेवा प्राधिकरण की स्थापना भी की. ताकि कमजोर से कमजोर व्यक्ति को भी न्याय का अधिकार मिल सके. आम नागरिक संविधान में अपने अधिकारों और कर्तव्यों से परिचित हो. उसे अपने संविधान, और संवैधानिक संरचनाओं की जानकारी हो, नियम और समाधान की जानकारी हो. इसमें भी टेक्नोलॉजी एक बड़ी भूमिका निभा सकती है.