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1st Bihar Published by: Updated Mon, 14 Dec 2020 07:31:41 AM IST
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PATNA : राज्य के छोटे पुलिस पदाधिकारियों को लेकर आवाज बुलंद करने वाले बिहार पुलिस एसोसिएशन को फर्जी और गैर कानूनी संगठन करार दिया गया है। बिहार पुलिस एसोसिएशन को लेकर पुलिस मुख्यालय ने आला पुलिस अधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। बिहार पुलिस मुख्यालय ने इसके लिए गृह विभाग के एक पत्र का हवाला दिया है और कहा है कि बिहार पुलिस एसोसिएशन एक फर्जी और गैर कानूनी संगठन है।
बिहार के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) ने गृह विभाग के पत्र का हवाला देते हुए इसको लेकर राज्य के पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण तथा बिहार सैन्य पुलिस, सभी अपर पुलिस महानिदेशक, सभी पुलिस महानिरीक्षक समेत सभी वरीय अधिकारियों को एक पत्र लिखते हुए विधि सम्मत कार्रवाई करने को कहा गया है। पत्र में स्पष्ट तौर पर यह जानकारी दी गई है कि एसोसिएशन के स्वीकृति के संबंध में सरकार ने कभी किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया। साथ ही एसोसिएशन के संविधान और नियमावली का अनुमोदन भी नहीं किया गया है। बिहार पुलिस सहित देश के सभी पुलिस बल (अधिकार का निबंधन) अधिनियम 1966 लागू होता है जिसकी धारा 3 के तहत कोई भी पुलिसकर्मी बिना राज्य सरकार की अनुमति के किसी संघ का सदस्य नहीं हो सकता। राज्य के सभी सेवा संघ पर बिहार सरकारी सेवक नियमावली 1960 भी लागू है। इन तमाम नियमों की अनदेखी होने के कारण अब एसोसिएशन और मुख्यालय आमने-सामने है।
दरअसल एडीजी के पत्र के जवाब में गृह विभाग आरक्षी शाखा के विशेष सचिव ने इस बात की जानकारी दी है कि बिहार पुलिस एसोसिएशन के गठन के लिए राज्य सरकार की स्वीकृति एवं इसके संविधान और नियमावली के अनुमोदन से संबंधित अभिलेख विभाग में उपलब्ध नहीं है। पुलिस एसोसिएशन ने मुख्यालय के आदेश के बाद सख्त एतराज जताया है। बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार सिंह ने कहा है कि एसोसिएशन पूरी तरह से विधि एवं नियत सम्मत है। मुख्यालय को सभी दस्तावेज भी उपलब्ध करा दिए गए हैं। इधर इस पूरे विवाद को देखते हुए पुलिस मेंस एसोसिएशन का चुनाव स्थगित कर दिया गया है। आपको बता दें कि बिहार में क्राइम से निपटने में नाकामयाब रहने वाले कनीय पुलिस अधिकारियों पर जब भी कार्रवाई होती है तब एसोसिएशन मुखर होकर वरीय पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग करता रहा है।