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1st Bihar Published by: Updated Wed, 20 Jan 2021 09:17:04 PM IST
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PATNA : इस वक्त एक बड़ी खबर पटना से सामने आई है. पुलिस हेडक्वार्टर ने मद्य निषेध के DSP को शो कॉज नोटिस जारी किया है. मुख्यालय ने मद्य निषेध के DSP से इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग की है कि आखिरकार बिना विचार किये उत्पाद विभाग के अधिकारियों की संपत्ति की जांच का आदेश क्यों निकाला गया. जिस एसपी ने यह आदेश निकाला था, उनके तबादले के बाद यह मामले का खुलासा हुआ है.
दरअसल मीडिया में ये खबर सामने आई थी कि बिहार में शराबबंदी के बावजूद शराब माफिया का बड़ा खेल चल रहा है. पटना के मध्य निषेध एसपी रहते हुए राकेश कुमार सिन्हा ने राज्य के सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा था. इस पत्र में उन्होंने उत्पाद विभाग से जुड़े अधिकारियों और उनके परिजनों की संपत्ति की जांच कराने को कहा था साथ ही साथ शराब माफिया के साथ जनप्रतिनिधियों की सांठगांठ को लेकर भी उन्होंने सवाल खड़े किए थे. सभी जिलों के एसपी को पत्र लिखे जाने के बाद राकेश कुमार सिन्हा का तबादला कर दिया गया. 6 जनवरी को राकेश कुमार सिन्हा ने यह पत्र लिखा और 19 जनवरी को उनका ट्रांसफर स्पेशल ब्रांच में कर दिया गया.
बाद में इस इस मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ. पुलिस मुख्यालय ने पटना के मध निषेध एसपी रहते राकेश कुमार सिन्हा की तरफ से जारी किए गए उस आदेश को रद्द कर दिया, जो 6 जनवरी को जारी किया गया था. बिहार पुलिस मुख्यालय की तरफ से सभी एसएसपी और एसपी को बजाप्ता इसके लिए आदेश जारी किया गया. इसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि 6 जनवरी को जारी आदेश को निरस्त किया जाता है.
हैरत की बात यह है कि मंगलवार को राकेश कुमार सिन्हा के तबादले के बाद यह आदेश जारी किया गया है. अब ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर आला पुलिस अधिकारी या सरकार उत्पाद विभाग के अधिकारियों की संपत्ति जांच और शराब माफिया के साथ उनकी संलिप्तता की भूमिका की जांच कराने से क्यों भाग रहे हैं.
बुधवार को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने दोनों आदेश की कॉपी को ट्वीट करते हुए लिखा कि "पटना के एसपी मद्यनिषेध ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा कि उत्पाद और पुलिस विभाग के अधिकारी सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर शराब बिक्री करवा रहे है। CM आवास में पहुँच रखने वाले शराब माफ़िया ने CM से अब उस SP का तबादला करवा दिया। यही है नीतीश कुमार का असली चेहरा।"
अब इस मामले में भारी फजीहत के बाद सरकार एक्शन के मदद में है. पुलिस मुख्यालय की ओर से मद्य निषेध के उपाधीक्षक से जवाब माँगा गया है.
पटना के एसपी मद्यनिषेध ने सभी जिलों के एसएसपी और एसपी को पत्र लिखा कि उत्पाद और पुलिस विभाग के अधिकारी सत्ताधारी जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर शराब बिक्री करवा रहे है। CM आवास में पहुँच रखने वाले शराब माफ़िया ने CM से अब उस SP का तबादला करवा दिया। यही है नीतीश कुमार का असली चेहरा। pic.twitter.com/25ojeZFOrd
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) January 20, 2021