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1st Bihar Published by: Updated Mon, 03 Oct 2022 11:23:05 AM IST
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PATNA : नवादा एसपी गौरव मंगला द्वारा थाने के लॉकअप में पुलिसकर्मियों को बंद करने के मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने संज्ञान लेते हुए बिहार सरकार से 21 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है। आयोग ने सरकार को पत्र लिखकर इस मामले में की गई कार्रवाईयों का ब्योरा मांगा है। बता दें कि घटना के करीब एक महीने होने को हैं लेकिन इस मामले में अबतक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी है। पूरे मामले पर पुलिस मुख्यालय ने चुप्पी साध रखी है। ऐसे में मामले पर संज्ञान लेते हुए राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने सरकार से रिपोर्ट की मांग की है।
दरअसल, कार्य में लापरवाही बरतने वाले दारोगा समेत पांच पुलिसकर्मियों को एसपी गौरव मंगला ने नगर थाने के हाजत में घंटों बंद कर दिया था। स्टेशन डायरी अपडेट नहीं रहने से नाराज एसपी गौरव मंगला आपे से बाहर हो गए थे और थाने में मौजूद पुलिस कर्मियों को ही हाजत में डाल दिया था। इस दौरान एसआई से लेकर एएसआई करीब दो घंटे तक थाने की हाजत में बंद रहे थे। इसको लेकर बिहार पुलिस एसोसिएशन ने कड़ी नाराजगी जताई थी और जांच की मांग की थी।
मामले को गंभीरता को देखते हुए एडीजी कमजोर वर्ग अनिल किशोर यादव ने मगध रेंज के आईजी को जांच का जिम्मा दिया था। बिहार पुलिस एसोसिएशन के महामंत्री कपिलेश्वर पासवान की शिकायत पर एडीजी ने जांच के आदेश दिये थे और एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। बावजूद इसके इस मामले में अब तक न तो किसी प्रकार की ठोस जांच हो सकी है और ना ही कोई कार्रवाई। एसपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होता देख राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने मामले पर संज्ञान लिया है।
इस मामले को लेकर आयोग ने गृह विभाग को पत्र लिखाकर पूछा है कि मामले में क्या कार्रवाई हुई है और रिपोर्ट को 21 दिनों के भीतर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। जिसके बाद गृह विभाग के विशेष सचिव विकास वैभव ने डीजीपी एसके सिंघल को मामले में की गई कार्रवाईयों की जानकारी राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को उपलब्ध कराने को कहा है। बता दें कि एसपी ने जिन पांच पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान हाजत में बंद कर दिया था उसमें दो SC-ST और एक आदिवासी समाज से आते हैं।