BIHAR CRIME: बांका में युवक की बेरहमी से हत्या, शव पर नमक डालकर फेंका बक्सर में सनातन जोड़ो यात्रा का तीसरा दिन, राजकुमार चौबे ने किया वादा, कहा..बक्सर को धार्मिक राजधानी बनाकर रहेंगे बड़हरा से तीर्थयात्रा पर रवाना हुए 300 से अधिक श्रद्धालु, अजय सिंह ने दिखाई हरी झंडी पटना के वर्मा फाउंडेशन ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स में शिक्षक दिवस की धूम, शिक्षकों को किया गया सम्मानित Bihar Crime News: बिहार में घर में घुसकर महिला की बेरहमी से हत्या, खून से सना शव मिलने से सनसनी Bihar Crime News: बिहार में घर में घुसकर महिला की बेरहमी से हत्या, खून से सना शव मिलने से सनसनी Araria News: अररिया के फुलकाहा में ईद मिलादुन्नबी पर निकली गई मोहम्मदी जुलूस, अमन और इंसानियत का दिया पैगाम Araria News: अररिया के फुलकाहा में ईद मिलादुन्नबी पर निकली गई मोहम्मदी जुलूस, अमन और इंसानियत का दिया पैगाम Purnea Crime News: पूर्णिया में 12 साल के छात्र की बेरहमी से हत्या, नशे के खिलाफ आवाज उठाना पड़ा भारी Purnea Crime News: पूर्णिया में 12 साल के छात्र की बेरहमी से हत्या, नशे के खिलाफ आवाज उठाना पड़ा भारी
1st Bihar Published by: Updated Sun, 12 Jun 2022 09:03:50 AM IST
- फ़ोटो
PATNA: बिजली कंपनियों ने लगभग 10% बिजली दर बढ़ाने की मांग को लेकर बिहार विद्युत विनियामक आयोग में दायर पुन समीक्षा याचिका को बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने स्वीकार कर लिया है। ऐसे में इच्छुक व्यक्ति या संगठन पांच जुलाई की शाम पांच बजे तक विद्युत भवन स्थित बिहार विद्युत नियामक आयोग के सचिव के सामने अपना सुझाव दे सकते हैं। इस मामले में आयोग के कोर्ट रूम में 12 जुलाई, 2022 की सुबह 11.30 बजे सुनवाई होगी। अगर सब कुछ सकारात्मक रहा तो इस दिन याचिका पर निर्णय भी लिया जा सकता है।
आम लोग दे सकेंगे सुझाव
विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष शिशिर सिन्हा और सदस्य एससी चौरसिया ने दोनों बिजली आपूर्ति कंपनियों साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन और नॉर्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को निर्देश देते हुए कहा है कि वे याचिका को व्यापक रूप से विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित करें। और कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट पर भी इसे अपलोड करते हुए आम जनता से सुझाव ले।
बिजली कंपनी ने दायर की समीक्षा याचिका
मार्च में बिजली दर की याचिका पर फैसला होने के बाद बिजली कंपनियों ने एक बार फिर से याचिका दायर की गई थी। कंपनी का कहना था कि बिजली दर पर निर्णय सुनाते समय विनियामक आयोग से कई तथ्य छूटे हुए जिसके आधार पर ही बिजली दरों में वृद्धि की जाये। अधिकारियों के अनुसार विनियामक आयोग ने अपने निर्णय में राज्य सरकार की ओर से मिले 1200 करोड़ के अनुदान की गणना नहीं की है, जिससे कंपनी की आमदनी बढ़ गई है। अगर इसे शामिल कर लिया जाये, तो कंपनी घाटे में रहेगी। इसी तरह बिजली संकट होने पर कंपनी बाजार लागत से काफी अधिक मूल्य पर खरीद कर लोगों को बिजली आपूर्ति की है। आयोग ने कंपनी को 15% के नुकसान को देखते हुए बिजली दर सुनाया है, जबकि केंद्र की आरडीएसएस योजना में बिहार को 19.50% तक का नुकसान रखना है।
आने वाले सालों में राशि समायोजित कर सकती है आयोग
सूत्रों के मुताबिक विनियामक आयोग चाहे तो समीक्षा याचिका की सुनवाई के बाद आने वाले सालों में उस राशि को समायोजित भी कर सकती है। इससे पहले के सालों में एक बार विनियामक आयोग ने एप्टेल के निर्देश पर बिजली कंपनी की याचिका पर सुनवाई की थी। लेकिन उस वर्ष बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं करते हुए कंपनी को अतिरिक्त राशि खर्च करने की अनुमति दे दी है।