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1st Bihar Published by: Updated Mon, 24 May 2021 07:46:57 AM IST
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PATNA : कोरोना काल में बंद स्कूलों के बीच सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को सबसे ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ी है। अब नीतीश सरकार इनकी परेशानी खत्म करने की तैयारी में है। बिहार के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को डिजिटल डिवाइस मिल सकती है। इसको लेकर राज्य सरकार का शिक्षा विभाग तैयारी कर रहा है। बिहार सरकार ने पिछले ही सप्ताह केन्द्रीय शिक्षा मंत्री के समक्ष पुरजोर ढंग से वर्तमान दौर में सरकारी स्कूलों के बच्चों की निरंतर प्रगति औ उनकी पढ़ाई के लिए डिजिटल डिवाइस की जरूरत को रखा था। साथ ही समग्र शिक्षा योजना के तहत डिजिटल डिवाइस को शामिल करते हुए इसके लिए राशि का प्रावधान करने की मांग रखी गयी थी। अब स्कूली बच्चों को डिजिटल डिवाइस देने को लेकर खर्च का आकलन होगा।
प्रोजेक्ट एप्रवुल बोर्ड की बैठक में बिहार द्वारा 2021-22 को लेकर रखे जाने वाले बजट में इसे शामिल किया जाएगा। केन्द्र की मंजूरी पर ही इस प्लान को जमीन पर उतारना निर्भर है। मंजूरी मिली तो इस मद में राशि के अनुसार मौजूदा सत्र में ही बच्चों को डिवाइस दिये जा सकते हैं। गौरतलब हो कि कोरोना संक्रमण की पहली और दूसरी लहर के कारण स्कूली बच्चों की पढ़ाई पिछले दो साल से बाधित है। दूरदर्शन और अन्य ई-प्लेटफॉर्म के जरिए पढ़ाई की निरंतरता बनाने की पहल जरूर की गई, लेकिन साधन मसलन फोन, टैबलेट या लैपटॉप की सुविधा नहीं रहने से बहुत कम फीसदी नामांकित बच्चे ही इसका लाभ उठा पाये। इसी माह 17 मई को कोरोना काल में शैक्षिक प्रबंधन की समीक्षा के लिए जब केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने वर्चुअल बैठक की तो बिहार के शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने समग्र शिक्षा के अंतर्गत बच्चों को डिजिटल डिवाइस देने के प्रावधान की जरूरत बतायी।
15 जून को भारत सरकार के प्रोजेक्ट एप्रूवल बोर्ड की बैठक होनी है। जानकारी के मुताबिक इस बैठक में ही शिक्षा विभाग की ओर से वर्तमान सत्र के लिए बजट का प्रस्ताव रखा जाना है। बिहार समेत कई राज्यों का मानना है कि जब कोरोना की तीसरी लहर संभावित है, ऐसे में समग्र शिक्षा में स्कूलों में सुविधा बढ़ाने से बेहतर होगा बच्चों को डिजिटल डिवाइस देना। बहरहाल यह योजना पूरी तरह 15 जून की बैठक के निर्णय पर निर्भर है।