ब्रेकिंग न्यूज़

मोतिहारी: दर्दनाक सड़क हादसे में दो की मौत, परिजनों में मचा कोहराम प्रशांत किशोर ने लालू के साथ-साथ राहुल गांधी पर बोला बड़ा हमला, कहा..संविधान लेकर घूमने वाले क्या अंबेडकर के अपमान का जवाब देंगे? BIHAR: मिट गया माथे पर लगा कलंक: पॉक्सो एक्ट में बुरी तरह से फंस चुके केशव को मिला नया जीवन दान नीट 2025 में गोल इन्स्टीट्यूट के छात्रों ने लहराया परचम, 5400 से अधिक छात्र सफल, 527 छात्रों का सरकारी मेडिकल कॉलेज में प्रवेश की उम्मीद Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप Bihar Crime News: बिहार के पूर्व मंत्री की बहू को परिवार समेत जान से मारने की धमकी, जेठ पर गंभीर आरोप BIHAR: शादी के 3 साल बाद विवाहिता की संदिग्ध मौत, ससुरालवालों पर दहेज के लिए हत्या का आरोप KATIHAR: डॉक्टर-पुलिस की मिलीभगत से कोर्ट को गुमराह करने का मामला उजागर, 82 वर्षीया महिला को जेल भेजने की धमकी, सोशल एक्टिविस्ट ने किया पर्दाफाश BIHAR CRIME: मोतिहारी एसपी के नाम पर बनाया फेक फेसबुक अकाउंट, साइबर ठगों ने की पैसे की मांग Bihar Politics: ‘बिहार की सत्ता में लालू परिवार की कभी नहीं होगी वापसी’ बाबा साहेब के अपमान पर बोले रोहित कुमार सिंह

'शिक्षा सेवक हो जाएं सावधान! पाठक का नया आदेश- स्कूलों में अगर इतने प्रतिशत से कम मि‍ले बच्चे तो होगा एक्शन, वेतन में होगी कटौती

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Jul 2023 07:49:55 AM IST

 'शिक्षा सेवक हो जाएं सावधान! पाठक का नया आदेश-  स्कूलों में अगर इतने प्रतिशत से कम मि‍ले बच्चे तो होगा एक्शन, वेतन में होगी कटौती

- फ़ोटो

PATNA : बिहार में शिक्षा विभाग में सुधार को लेकर नए अपर मुख्य सचिव के के पाठक एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं। आए दिन वो कोई न कोई नया फरमान जारी कर रहे हैं साथ ही साथ खुद भी स्कूलों के औचक निरिक्षण पर निकल जा रहे हैं। इस दौरान उनके तरफ से राज्यभर के कई टीचरों पर एक्शन भी लिया जा चूका है। इसके बाद अब पाठक ने राज्य सरकार के बहाल टोला सेवक या शिक्षा सेवक पर सख्ती बरती है। पाठक ने यह आदेश दिया है कि, राज्य के स्कूलों में तय परसेंटेज से कम बच्चे मिलें तो इनके वेतन में कटौती की जाएगी। 


दरअसल, शिक्षा विभाग के तरफ से एक आदेश जारी किया गया है जिसमें साफ़ तौर पर यह लिखा गया है कि जिस टोले से विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति 90 प्रतिशत से कम रहेगी, उन टोला सेवकों या शिक्षा सेवकों के मानदेय में कटौती की जाएगी। जिसके बाद शिक्षा सेवक सक्रिय हो गए हैं। टोला सेवक लगातार अब घर - घर जाकर बच्चों को स्कूल भेजने का संदेश दे रहे हैं। 



मालूम हो कि, टोला सेवकों की नियुक्ति दलित परिवार के बच्चों को शिक्षा के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से की गई थी। अभिभावकों को जागरूक करते हुए बच्चों के पढ़ाने के लिए स्कूलों में नामांकन कराने की जिम्मेदारी टोला सेवकों को दी गई थी। इसके बदले में उन्हें प्रतिमाह 12 हजार रुपए मानदेय दिया जाता है,।


आपको बताते चलें कि, टोला सेवक पर विभागीय स्तर पर भी कोई खास ध्यान नहीं दिया जाता था। नियोजन के तहत वेतन तो लेते थे, लेकिन कार्य के नाम पर जमीनी स्तर पर कुछ भी नजर नहीं आता था।अब व्यवस्था को दुरुस्त करने की मुहिम में इन लोगों को भी अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन का निर्देश प्राप्त हुआ है। वेतन में कटौती के डर से वे लोग अब दलित परिवार के बीच जाकर बच्चों को स्कूल तक लाने के कार्य में जुट गए हैं।