PATNA : लोक जनशक्ति पार्टी में तख्ता पलट की भूमिका रचने के बाद आज जब पशुपति पारस पटना की धरती पर रामविलास पासवान की विरासत संभालने उतरे तो सियासी लोग ये जानने को बेताब थे कि वे कैसे अपनी ताकत दिखाते हैं. करीब सौ समर्थक औऱ उतने ही पुलिस वालों के साथ पशुपति कुमार पारस ने अपनी ताकत का इजहार भी किया. पटना एय़रपोर्ट से लेकर लोजपा कार्यालय तक जो नजारा दिखा उसमें तीन ही खास बातें थी-नीतीश कुमार की पुलिस, सूरजभान समर्थक कुछ भूमिहार औऱ एक जेडीयू नेता की ओर से बुलाया गया बैंड बाजा.
पशुपति पारस का शक्ति प्रदर्शन
लोक जनशक्ति पार्टी में तख्ता पलट का एलान कर चुके पशुपति कुमार पारस बुधवार की शाम की पटना पहुंचने वाले हैं इसकी खबर एक दिन पहले ही पटना समेत बिहार के दूसरे जिलों में बड़ी संख्या में लोजपा नेताओँ को दे दी गयी थी. स्वागत के लिए तैयार रहने का फरमान भी मिला था. लिहाजा ये उम्मीद की जा रही थी कि बहुत ज्यादा नहीं तो भी पार्टी के कुछ नेता तो पारस के स्वागत में पहुंचेंगे ही. लेकिन फर्स्ट बिहार की टीम वैसे नेताओं को तलाशती ही रह गयी जो लोजपा की बैठकों में पहले दिखते थे.
सूरजभान के भूमिहार
पटना एयरपोर्ट पर पारस औऱ उनके खेमे द्वारा कार्यकारी अध्यक्ष चुने गये सूरजभान के पहुंचने के लगभग एक घंटे पहले से समर्थक पहुंचने लगे. नेताओं की फ्लाइट पहुंचने तक लगभग सौ समर्थक जुट गये थे. उनमें से कुछ एय़रपोर्ट पर थे तो कुछ दो-तीन सौ मीटर आगे लोजपा कार्यालय के पास. एयरपोर्ट के पास नारेबाजी कर रहे एक युवक को हमारी टीम ने रोका. नाम पूछा- रविशंकर शर्मा, घर-वारसलीगंज, नवादा. किसके लिए आय़े हैं-सूरज दा के लिए. हमने युवके से पूछा कि उसके कितने साथी आये हैं. युवक थोड़ा ज्यादा ही उत्साह में था. तुरंत जवाब मिला-ऐजा जेतना अदमी देखो हू न सब नवादे से अइलो हे. हमनी सूरज दा के अदमी हीअई. (यहां जितना आदमी देख रहे हैं सब नवादा से ही आय़े हैं, हम सूरजभान सिंह के समर्थक हैं.
लोजपा ऑफिस में ड्रामा
खैर, एयरपोर्ट से बाहर निकले पारस औऱ सूरजभान का स्वागत हुआ. औऱ 9-10 गाडियों का काफिला लोजपा दफ्तर की ओऱ चल पडा. वहां भी कुछ सूरजभान समर्थक जमा थे. लेकिन उससे पहले वहां चिराग पासवान समर्थक जुट चुके थे. हाथों में काले झंडे औऱ लगातार चिराग पासवान के लिए नारेबाजी. उनकी तादाद बहुत ज्यादा नहीं थी लेकिन हौंसले बुलंद थे. लोजपा दफ्तर में मौजूद सूरजभान समर्थक उनसे दूर ही खडे थे. नारेबाजी कर रहे एक युवक से हमने नाम पता पूछा. जवाब मिला-सरोज पासवान औऱ पारस के संसदीय क्षेत्र हाजीपुर से पटना पहुंचे हैं. किसी ने बुलाया नहीं लेकिन पशुपति पारस ने जो किया है उसका विरोध करने खुद पहुंचे हैं.
नीतीश की पुलिस
लोजपा प्रदेश कार्यालय में चिराग समर्थकों की तादाद तकरीबन दो दर्जन ही थी. लेकिन उनके हौंसले के सामने पारस-सूरजभान समर्थक पस्त थे. पारस का काफिला जब लोजपा दफ्तर पहुंचा तो चिराग समर्थकों ने रास्ता रोक लिया. काले झंडे औऱ नारेबाजी हो रही थी औऱ पारस का काफिला दफ्तर के बाहर रूका पड़ा था. समर्थक जुटे थे लेकिन वे साहस नहीं जुटा पा रहे थे कि चिराग पासवान समर्थकों को जवाब दें. लोजपा दफ्तर में काफी देर तक ये हंगामा चलता रहा.
तब बारी आयी नीतीश की पुलिस की. नीतीश की पुलिस इस तरह वहां मौजूद थी मानो आतंकवादी हमला होने वाला है. पुलिस की कौन कहे स्टेट रैपिड एक्शन फोर्स भी वहां तैनात थी. पुलिस ने चिराग समर्थकों को हटाने की कोशिश की तो वे पुलिस से भी भिड गये. कुछ देर तक भिड़ंत चलती रही. लेकिन चिराग समर्थकों की तादाद ज्यादा नहीं थी और पुलिस वालों की तादाद तो पारस समर्थकों की तादाद से भी ज्यादा. लिहाजा पुलिस ने काला झंडा दिखा रहे चिराग समर्थकों को वहां से खदेड़ दिया. पुलिस के संगीन के साये में पशुपति कुमार पारस लोजपा के प्रदेश कार्यालय में घुसे. बाहर पुलिस का पहरा लगा रहा और अंदर पारस ने अपने समर्थकों के साथ मीटिंग औऱ प्रेस वालों से बातचीत की.
पारस को आगे भी डर
लोजपा के 99 फीसदी नेताओं-कार्यकर्ताओँ के समर्थन का दावा कर रहे पशुपति कुमार पारस का डर आज ही खत्म नहीं हो गया है. डर इतना है कि उन्होंने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की जो बैठक बुलायी है वह पार्टी दफ्तर के बजाय सूरजभान के घऱ पर बुला ली गयी है. शायद इसलिए कि सूरजभान के घर पर चिराग समर्थक पहुंचने की हिम्मत नहीं जुटा पायें.
वैसे पारस के पटना पहुंचने के बाद अब तक लोजपा की प्रदेश कमेटी का शायद ही कोई नेता उनके स्वागत समर्थन में दिखा. हमारी टीम ने बहुत तलाशा लेकिन कोई प्रमुख चेहरा नजर नहीं आया. लेकिन पारस राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक करने का दावा कर रहे हैं. देखना होगा गुरूवार को उनकी राष्ट्रीय कार्यसमिति में कौन से नेता शामिल होते हैं.