सजायाफ्ता लालू के लिए छाता उठाने वाले डीएसपी को सस्पेंड करे सरकार: सुशील मोदी ने पूछा-किसके आदेश से अपने क्षेत्र से बाहर जाकर की सेवा

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 22 Aug 2023 07:05:52 PM IST

सजायाफ्ता लालू के लिए छाता उठाने वाले डीएसपी को सस्पेंड करे सरकार: सुशील मोदी ने पूछा-किसके आदेश से अपने क्षेत्र से बाहर जाकर की सेवा

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PATNA: गोपालगंज दौरे पर गये राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की डीएसपी द्वारा सेवा किये जाने पर सियासी घमासान बढ़ता जा रहा है. लालू यादव के लिए छाता लेकर चलने वाले डीएसपी के बारे में कई नयी जानकारियां भी सामने आयी हैं. आरोप है कि लालू जहां गये थे वह क्षेत्र उस डीएसपी का नहीं था. इसके बावजूद डीएसपी लालू की सेवा में लगे थे. बीजेपी कह रही है कि आरोपी डीएसपी लालू यादव के करीबी बालू माफिया सुभाष यादव के दामाद हैं. किसी सरकारी सेवक के लिए लोकसेवर आचार संहिता है. बीजेपी पूछ रही है कि उसका उल्लंघन करने वाले डीएसपी को सस्पेंड क्यों नहीं किया जा रहा है.


पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार में हिम्मत है तो उन्हें  फुलवरिया में लालू प्रसाद के मंदिर जाने के समय उन पर छाता लगाने वाले एसडीपीओ को लोकसेवक आचार संहिता का उल्लंघन करने के कारण निलम्बित करना चाहिए. नीतीश कुमार बतायें कि उस अधिकारी ने किसके आदेश पर अपने अनुमंडल से बाहर जाकर लालू प्रसाद की ऐसी सेवा की? 


सुशील मोदी ने कहा है कि लालू प्रसाद जब मुख्यमंत्री थे, तब आइएएस अफसर से अपना पीकदान उठवाते थे. उन्होंने कहा कि यदि राजद सत्ता में रही तो बिहार में डीजीपी और चीफ सेक्रेटरी को भी लालू प्रसाद या उनके परिवार के किसी व्यक्ति का पीकदान उठाना पड़ सकता है. लालू प्रसाद किसी संवैधानिक पद पर नहीं, बल्कि चारा घोटाला में सजायाफ्ता मुजरिम हैं. फिलहाल जमानत पर बाहर हैं, फिर भी उनकी निजी यात्रा के दौरान स्थानीय प्रशासन राजद प्रमुख की सेवा में नतमस्तक रहा.  


बालू माफिया का है दामाद

सुशील मोदी ने कहा है कि लालू प्रसाद के साथ फुलवरिया में  बालू माफिया सुभाष यादव भी था. छाता लगाने वाला एसडीपीओ उनका करीबी रिश्तेदार बताया जाता है. ये वही सुभाष यादव है, जिसने एक ही दिन में राबड़ी देवी के चार फ्लैट खरीद लिए थे। सुभाष के यहाँ आयकर का छापा पड़ने पर करोड़ों रुपये की अवैध सम्पत्ति का पता चला था. सुशील मोदी ने कहा है कि लालू और बालू का रिश्ता काफी पुराना है, इसलिए नीतीश सरकार बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने में हिचकती है.