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1st Bihar Published by: 7 Updated Thu, 18 Jul 2019 08:37:27 AM IST
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PATNA : संघ और उसके सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों की मॉनिटरिंग स्पेशल ब्रांच से कराए जाने के मामले में नया सवाल खड़ा हो गया है। 28 मई को पटना स्पेशल ब्रांच के एसपी की तरफ से पत्र जारी करते हुए संघ और उसके 19 सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों का विस्तृत ब्योरा इकट्ठा करने का आदेश दिया गया था। 48 दिन बाद यह पत्र सामने आने के बाद बिहार की सियासत में नया बवंडर खड़ा हो गया। मामला संघ से जुड़ा था लिहाजा आनन-फानन में स्पेशल ब्रांच के एडीजी ने प्रेस वार्ता बुलाकर इस पर सफाई दी स्पेशल ब्रांच के एडीजी जीएस गंगवार ने यह खुलासा कर दिया कि बिहार के अंदर संघ और उसके सहयोगी संगठनों के पदाधिकारियों की सुरक्षा को लेकर खतरे का इनपुट मिला था। एडीजी की प्रेस वार्ता से ठीक पहले डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ट्वीट किया कि बिहार के मुख्यमंत्री, डीजीपी और एडीजी को स्पेशल ब्रांच के आदेश के बारे में कोई जानकारी नहीं है। सुशील मोदी ने लिखा कि शरारत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। स्पेशल ब्रांच के आदेश को लेकर सुशील मोदी और एडीजी जीएस गंगवार के बयान अलग-अलग हैं। एडीजी जहां इसे संघ के पदाधिकारियों पर खतरे का इनपुट बता रहे हैं तो वहीं डिप्टी सीएम शरारत। अब ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि दोनों में से सच कौन और झूठ कौन बोल रहा है? दोनों के परस्पर विरोधी बयान इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि कोई न कोई जो जरूर बोल रहा है। जाहिर है मामला सियासी है। बीजेपी भले ही बिहार में सत्ता की भागीदार हो लेकिन उसके नेताओं को भी पता है कि जब मामला संघ का हो तो फिर बात बिगड़ने में देर नहीं लगती।