1st Bihar Published by: Updated Sat, 14 Jan 2023 07:27:00 AM IST
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JAMUI : बिहार का नाम हमेशा से अपने अजीबों- गरीब मामलों को लेकर सुर्ख़ियों में रहा है। राज्य के अंदर शायद ही कोई ऐसी शाम गुजरती हो जब किसी न किसी जिले से कुछ अलग तरह का मामला निकल कर सामने नहीं आई हो। इसी कड़ी में अब एक बार फिर से बिहार पुलिस की टीम द्वारा एक अजीबों- गरीब कारनामों को अंजाम दिया गया है। बिहार पुलिस के उत्पाद विभाग की टीम द्वारा एक पांच साल के बच्चे के ऊपर एफआईआर दर्ज किया गया है।
दरअसल, बिहार के जमुई में एक पांच साल के बच्चे ने दो पुलिसकर्मियों को पत्थर मारकर घायल कर दिया गया, इसके साथ ही इन पत्थरों क जरिए पुलिस की तीन गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया। जिसके बाद अब इस पांच साल के बच्चे के खिलाफ इन पुलिसकर्मियों द्वारा एफआईआर दर्ज कराई गई है। यह पूरा मामला जमुई जिले के लछुआड़ थाना इलाके का बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार, उत्पाद विभाग के सिकंदरा प्रखंड के अंचल में पदस्थापित अवर निरीक्षक संगम कुमार विद्यार्थी ने एक पांच वर्षीय एक बच्चे एफआईआर दर्ज कराई है। उनके मुताबिक 8 जनवरी की रात उन्हें गुप्त सूचना मिली थी कि लछुआड़ मिडिल स्कूल के समीप गिरधारी चौधरी, सुधीर चौधरी मास्टर के घर अवैध शराब बनाकर उसकी बिक्री की जा रही है, जिसके बाद इनके द्वारा एक टीम तैयार कर उक्त जगह पर छापेमारी की गई, जिसमें कई तस्कर को शराब के साथ पकड़ा था। इसी दौरान पुलिस के कहे अनुसार , उनपर 5 वर्षीय नाबालिग द्वारा हमला बोल दिया गया, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए और तीन गाड़िया भी क्षतिग्रस्त हो गई। जिसके बाद अब उनके द्वारा इस मामले में थाने पहुंच एफआईआर दर्ज कराई गई है।
वहीं,इस पुरे मामले को लेकर उत्पाद अधीक्षक संजीव ठाकुर का कहना है कि, छापेमारी करने गई उत्पाद पुलिस की टीम पर हमला करने की बात सामने आई थी, जिसमें तीन वाहन का शीशा टूट गया था, जबकि दो जवान भी घायल हुए थे। इसको लेकर कुछ लोगों पर प्राथमिकी दर्ज कराया गया था, लेकिन नाबालिग को आरोपी बनाए जाने का मामले की जानकारी नहीं मिली है। पूरे मामले की जांच की जाएगी।
इधर, इस मामले को लेकर ग्रामीणों और सामाजिक कार्यकर्ता द्वारा इसे पुलिस महकमे का बचकाना हरकत बताया जा रहा है। उनका कहना है कि, जिस तरह से उत्पाद विभाग की टीम के द्वारा एक 5 वर्षीय नाबालिग को भी आरोपी बनाते हुए उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। इससे साफ प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं उत्पाद विभाग की टीम के द्वारा झूठा प्राथमिकी दर्ज कराया गया है, जिसमें किसी के बहकावे पर 5 वर्षीय नाबालिग का भी आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी में दर्ज करा दिया गया है।