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उत्पाद विभाग की फर्जी टीम लेकर छापेमारी करने पहुंचा सिपाही, ग्रामीणों ने बंधक बना कर दी पिटाई

1st Bihar Published by: Updated Wed, 04 Jan 2023 02:09:10 PM IST

उत्पाद विभाग की फर्जी टीम लेकर छापेमारी करने पहुंचा सिपाही, ग्रामीणों ने बंधक बना कर दी पिटाई

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BAGAHA  : छपरा में जहरीली शराबकांड में 70 से अधिक लोगों की हुई मौत के बाद पुरे राज्य में शराबियों को अवैध धंधेबाजों के खिलाफ उत्पाद विभाग काफी अलर्ट मोड पर है। इसको लेकर जगह - जगह छापेमारी की जा रही है। इसी बीच अब बिहार के पश्चिम चंपारण के बगहा से बड़ी खबर निकल कर सामने आ रही है। यहां  उत्पाद विभाग की फर्जी टीम के पकड़े जाने की खबर सामने आई है। 


मिली जानकारी के अनुसार, बगहा थाना क्षेत्र के मच्छरगांवा मटियरिया गांव में पुलिस के कुछ जवान प्राइवेट लोगों के साथ टीम बनाकर शराब के खिलाफ छापेमारी करने गए थे। इस टीम का नेतृत्व सिपाही भानु प्रताप सिंह कर रह था। इस दौरान टीम द्वारा एक युवक के साथ मारपीट शुरू कर दी गई, जिसके बाद ग्रामीण भड़क गए। इसके बाद इसको लेकर ग्रामीणों द्वारा नजदीकी उत्पाद विभाग को यह जानकारी दी गई की उनके तरफ से भेजी गई टीम द्वारा ग्रामीणों पर हमला किया जा रहा है  और सबसे बड़ी सच्चाई यही से निकल कर सामने आई।  उत्पाद विभाग के तरफ से कहा गया कि, हमारे तरफ से कोई भी टीम छापेमारी के लिए नहीं भेजी गई है। 


बता दें कि, इस पूरे मामले में सबसे बड़ी बात यह है कि, गांव में छापेमारी करने आई उत्पाद विभाग की इस फर्जी टीम का नेतृत्व पुलिस में तैनात एक असली सिपाही कर रहा था। गांव वालों को जैसे ही इस बात की भनक लगी तो बवाल मच गया। गांव में शराब के खिलाफ छापामारी करने पहुंची नकली टीम में शामिल पुलिस के जवान को पकड़कर ग्रामीणों ने जमकर पिटाई कर दी। घंटों तक सभी को बंधक बनाकर रखा। इसके बाद इस पुलिसकर्मी को बास्थानीय पुलिस को सौंप दिया। 


इधर, पुलिस महकमे में भी फर्जी छापामारी की खबर मिलते ही हड़कंप मच गया है। इस मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस अधीक्षक किरण कुमार ने आरोपित सिपाही को निलंबित कर दिया है। मामले की जांच एसडीपीओ कैलाश प्रसाद को सौंप दी है। इस संबंध में एसपी किरण कुमार गोरख जाधव का कहना है कि, मामले की जानकारी सिपाही को निलंबित कर एसडीपीओ को जांच सौंप गई है। इसमें जो भी जवान शामिल होगा, उन पर भी कार्रवाई की जाएगी। आरोपित सिपाही की पहचान भानु प्रताप सिंह के तौर पर हुई। वहीं, ग्रामीणों ने बताया जाता है कि छापामारी के नाम पर पुलिस के जवान स्थानीय युवकों के साथ मिलकर इसी तरह अवैध वसूली करते हैं।