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1st Bihar Published by: Updated Tue, 08 Oct 2019 12:26:17 PM IST
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PATNA : आज पूरे देश में दशहरे का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है. बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाए जाने वाले दशहरे का पुरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी के साथ आज दूर्गा मां की विदाई भी की जा रही है. पटना में भी महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सिंदूर खेला की रस्म निभाते हुए मां को विदा कर रही हैं. मौके पर काफी संख्या में शादीशुदा महिलाओं ने हिस्सा लिया।
सिंदूर खेला का क्या है महत्व ?
बंगाली परंपरा का बेहद ही खास पर्व है सिंदूर खेला। मां दुर्गा विसर्जन के दिन महिलाएं एक-दूसरे के साथ मां दुर्गा के लगाए सिंदूर से सिंदूर खेला खेलती हैं। इस खास दिन विवाहित महिलाएं मां दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी की पूजा के बाद उनका श्रंगार करती हैं और सिंदूर भी लगाती है। इसके साथ ही महिलाएं एक-दूसरे को भी सिंदूर लगाकर अपनी सुहाग की कामना करती हैं। इस त्योहार की मान्यता है कि इससे भगवान प्रसन्न होकर सभी महिलाओं को वरदान देते हैं। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा 10 दिन के लिए अपने मायके आती हैं इसलिए जगह-जगह उनके पंडाल सजते हैं. इन नौ दिनों में मां दुर्गा की पूजा और अराधना की जाती है और दशमी पर सिंदूर की होली खेलकर मां दुर्गा को विदा किया जाता है.
450 साल पुरानी परंपरा
450 साल पहले सिंदूर खेला पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के कुछ हिस्सों में पहली बार शुरू हुई थी। पहले वहां की महिलाओं ने माँ दुर्गा, सरस्वती, लक्ष्मी, कार्तिकेय और भगवान गणेश की पूजा के बाद उनके विसर्जन से पूर्व उनका श्रृंगार किया और मीठे व्यंजनों का भोग लगाया। खुद भी सोलह श्रृंगार किया। इसके बाद मां को लगाए सिंदूर से अपनी और दूसरी विवाहिताओं की मां भरी। तब से यह परंपरा चलती आ रही है.