Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर खूनी संघर्ष, दबंगों ने पीट-पीटकर की युवक की हत्या Bihar Crime News: ‘यादवों के खिलाफ बोला तो गोली मार दूंगा’, बीजेपी सांसद रवि किशन को जान से मारने की धमकी Bihar Crime News: ‘यादवों के खिलाफ बोला तो गोली मार दूंगा’, बीजेपी सांसद रवि किशन को जान से मारने की धमकी Bihar Politics: बारिश और खराब मौसम के बीच भी RJD प्रत्याशी रामबाबू सिंह का तूफानी जनसंपर्क, क्षेत्र की जनता ने किया भव्य स्वागत Bihar Politics: बारिश और खराब मौसम के बीच भी RJD प्रत्याशी रामबाबू सिंह का तूफानी जनसंपर्क, क्षेत्र की जनता ने किया भव्य स्वागत Bihar Election 2025: चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे रीतलाल यादव, पटना हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका Bihar Election 2025: चुनाव प्रचार नहीं कर सकेंगे रीतलाल यादव, पटना हाई कोर्ट से लगा बड़ा झटका Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Bihar Politics: ‘बिहार एनडीए के साथ, विपक्ष का मैनिफेस्टो आईवॉश’, रोहित सिंह का तेजस्वी पर हमला Dharmendra Health: बॉलीवुड के दिग्गज कलाकार धर्मेंद्र की तबीयत बिगड़ी, ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुए भर्ती
1st Bihar Published by: Updated Tue, 01 Oct 2019 06:06:18 PM IST
 
                    
                    
                    - फ़ोटो
PATNA : क्या पिछले चार दिनों में पटना में जो कुछ हुआ उसे पूरा सरकारी अमला चीख चीख कर प्राकृतिक आपदा करार देने में जुटा है. लेकिन जो सरकारी सिस्टम की पड़ताल के बाद जो हकीकत सामने आ रही है वो हैरान कर देने वाली है. जब पटना डूब रहा था तो पूरा सिस्टम फेल था. सड़े हुए सरकारी सिस्टम ने राजधानी को तबाह कर दिया. देखिये हमारी खास पड़ताल
बारिश के पहले दो दिन बंद थे पटना के दो दर्जन संप हाउस
19 सितंबर को मौसम विभाग ने पहली खबर दी थी. पटना में 27 सितंबर से भारी बारिश हो सकती है. लेकिन शुक्रवार को जब भारी बारिश शुरू हुई तो जल निकासी के लिए बने दो दर्जन संप हाउस बंद पड़े थे. राजधानी में कुल 39 संप हाउस हैं. इनमें से सिर्फ 10 नगर निगम के जिम्मे है बाकी 29 को चलाने की जिम्मेवारी BUDCO की है, शुक्रवार को जब पटना डूब रहा था तो BUDCO के लगभग सारे संप हाउस बंद थे. कहीं डीजल नहीं था तो कहीं मशीन खराब था. बाकी जगहों पर ऑपरेटर पूरी रात संप मशीन को बंद कर सो रहे थे. लिहाजा पहले दिन से पूरे पटना में पानी भर गया और उसे निकालने का कोई इंतजाम नहीं थे. BUDCO के ज्यादातर संप हाउस शुक्रवार ही नहीं बल्कि शनिवार को भी बंद पड़े थे. 
डीवाटरिंग मशीन के लिए पाइप नहीं था
नगर निगम ने कुछ महीने पहले 6 डीवाटरिंग मशीन खरीदा था. ये वो मशीन होता है जो काफी तेज गति से पानी निकालता है. लेकिन डीवाटरिंग मशीन तक पानी पहुंचाने और फिर उसे निकाल कर दूर फेंकने के लिए पाइप ही नहीं था. सोमवार की सुबह दो डिवाटरिंग मशीनों ने काम करना शुरू किया. सोमवार की शाम में पाइप आया तो बाकी 4 फंक्शनल हुए.
शहर के ज्यादातर नालों में भारी कचरा जमा था
नगर निगम ने चार-पांच महीने पहले नालों की सफाई करायी थी. इसके बाद तकरीबन सभी प्रमुख नालों में कचरा भर चुका था. 7 दिन पहले जब मौसम विभाग ने भारी बारिश की आशंका जतायी भी तो नालों को साफ करने की कोई कोशिश नहीं की गयी. लिहाजा नाले पानी पानी निकालने में विफल हो गये.
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने नालों का कबाड़ा कर दिया
खास लोगों के  लिए दुधारू गाय साबित हो रहा अरबों रूपये का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने पटना के कई हिस्सों में नालों को क्षतिग्रस्त कर दिया है. जिन एजेंसियों को सड़क या नाला बनाने का काम मिला उन्होंने पहले से बने नालों को क्षतिग्रस्त कर दिया. लिहाजा उन इलाकों से पानी निकालने की कोई व्यवस्था ही नहीं बच गयी थी.
19 सितंबर को हुई भविष्यवाणी फिर भी क्यों सोयी रही सरकार
पटना का मौसम विज्ञान केंद्र उन कागजातों को जारी कर चुका है  जो उसने राज्य सरकार को भेजा था. 19 सितंबर को ही मौसम विभाग ने सरकार के साथ ही जिलाधिकारी तक को सूचित कर दिया था कि बारिश तबाही मचाने वाला है. उसके बाद मौसम विभाग ने लगातार अलर्ट जारी किया. लेकिन पूरा सरकारी अमला सोया रहा. शुक्रवार को जब पटना डूब गया तो मुख्यमंत्री से  लेकर नीचे के अधिकारियों को होश आया. नतीजा क्या हुआ ये सबके सामने है.