जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा मधुबनी में दहेज दानवों की करतूत: दो लाख रूपये के लिए 2 बच्चों की मां की पीट-पीटकर हत्या Pahalgam Attack: ‘हर आतंकवादी के चुन-चुनकर मारेंगे’ आतंक के आकाओं को अमित शाह का सख्त मैसेज Pahalgam Attack: ‘हर आतंकवादी के चुन-चुनकर मारेंगे’ आतंक के आकाओं को अमित शाह का सख्त मैसेज
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 02 Mar 2025 06:45:18 AM IST
Amalaki Ekadashi 2025 - फ़ोटो Amalaki Ekadashi 2025
Amalaki Ekadashi 2025: सनातन धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व माना गया है। हर साल कुल 24 एकादशी व्रत होते हैं, जो भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित होते हैं। इन तिथियों पर श्रद्धालु व्रत रखते हैं और भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना करते हैं। फाल्गुन माह में शुक्ल पक्ष की एकादशी को आमलकी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत और पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि आती है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं कि आमलकी एकादशी 2025 कब है और इसकी पूजा विधि क्या है।
आमलकी एकादशी 2025 की तिथि एवं शुभ मुहूर्त
अयोध्या के ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 9 मार्च को रात्रि 7:45 बजे होगी और यह 10 मार्च को सुबह 7:44 बजे समाप्त होगी। पंचांग के अनुसार, व्रत 10 मार्च को रखा जाएगा।
आमलकी एकादशी पर क्या करें?
स्नान और वस्त्र धारण: ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ पीले रंग के वस्त्र धारण करें।
पूजा विधि: एक चौकी पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित करें।
दीप प्रज्वलन: देसी घी का दीपक जलाएं और श्री हरि का अभिषेक करें।
सामग्री अर्पण: भगवान को पीले फूल, तुलसी पत्र, गोपी चंदन और पंचामृत अर्पित करें।
भोग अर्पण: भगवान को फल, पंचामृत और मखाने की खीर का भोग लगाएं।
मंत्र जाप: भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें और आमलकी एकादशी व्रत कथा का पाठ करें।
भूलकर भी न करें ये कार्य
चावल का सेवन न करें: एकादशी के दिन चावल खाने से पाप का भागी बनना पड़ता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन चावल खाने से व्रत का फल प्राप्त नहीं होता है।
क्रोध और गलत आचरण से बचें: इस दिन मन को शांत रखें और किसी के प्रति बुरा व्यवहार न करें।
आमलकी एकादशी का महत्व
आमलकी एकादशी को विशेष रूप से आंवला वृक्ष की पूजा के साथ जोड़ा जाता है। मान्यता है कि इस दिन आंवले के वृक्ष के नीचे भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है और जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। आशा है कि यह जानकारी आपको आमलकी एकादशी व्रत करने में सहायक होगी। इस पावन तिथि पर व्रत और पूजन कर भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करें।