Bihar: शादी में नर्तकियों के बीच हर्ष फायरिंग करना पड़ गया महंगा, वीडियो वायरल होते ही पुलिस ने युवक को दबोचा वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने किया एलान, हमारी आगे की लड़ाई ‘गिनती के बाद हिस्सेदारी’ की जाकिर बन गया जगदीश: 8 मुसलमानों ने हिन्दू धर्म को अपनाया, हवन और वैदिक मंत्रोच्चारण से हुआ शुद्धिकरण HAJIPUR: जननायक एक्सप्रेस से 8 किलो अफीम बरामद, महिला समेत दो तस्कर गिरफ्तार ISM में वेदांता इंटरनेशनल और ICICI बैंक के कैंपस प्लेसमेंट ड्राइव 2025 का आयोजन, कई छात्र-छात्राओं का हुआ चयन Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. Indian Air Force: एक्सप्रेसवे पर वायुसेना दिखाएगी ताकत, राफेल-जगुआर और मिराज जैसे फाइटर जेट करेंगे लैंड; जानिए.. वक्फ बोर्ड बिल के विरोध में मुंगेर में शरारती तत्वों ने चलाया बत्ती गुल अभियान, डॉक्टर ने लाइट्स बंद नहीं किया तो जान से मारने की दी धमकी Bihar News: वज्रपात की चपेट में आने से दो लोगों की दर्दनाक मौत, बारिश के दौरान हुआ हादसा मधुबनी में दहेज दानवों की करतूत: दो लाख रूपये के लिए 2 बच्चों की मां की पीट-पीटकर हत्या
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 12 Jan 2025 08:45:02 AM IST
Butati Dham - फ़ोटो Butati Dham
Butati Dham: राजस्थान के नागौर जिले के देगाना तहसील में स्थित बुटाटी धाम एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है, जहां संत चतुरदास जी महाराज का मंदिर स्थित है। यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि पैरालिसिस (लकवा) के मरीजों के लिए एक चमत्कारी इलाज का केंद्र बन चुका है। मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां सात दिन तक नियमित रूप से आरती और परिक्रमा करने से लकवे के मरीज ठीक होकर जाते हैं या बहुत हद तक उनकी स्थिति में सुधार होता है।
मंदिर का महत्व
बुटाटी धाम में श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं, खासकर वे लोग जो पैरालिसिस या लकवे के मरीज होते हैं। मंदिर के प्रबंधन कमेटी का कहना है कि यहां इलाज पूरी तरह से मुफ्त होता है। मरीजों को सात दिन तक यहां रुकने के लिए कहा जाता है, और इन सात दिनों के दौरान उन्हें सुबह और शाम की आरती में भाग लेना होता है, साथ ही मंदिर के अंदर और बाहर परिक्रमा करनी होती है। इन सभी गतिविधियों को नियमित रूप से करने के बाद, यहां आने वाले मरीजों को लकवे में बहुत हद तक सुधार मिलता है।
परिक्रमा की प्रक्रिया
मंदिर में आने वाले मरीजों को विशेष रूप से परिक्रमा करने के लिए कहा जाता है। सुबह की आरती के बाद, मरीजों को मंदिर के बाहर पहली परिक्रमा करनी होती है और शाम की आरती के बाद दूसरी परिक्रमा मंदिर के अंदर करनी होती है। दोनों परिक्रमा मिलकर एक पूरी परिक्रमा कहलाती है, और यह प्रक्रिया सात दिन तक जारी रहती है।
श्रद्धालुओं की भीड़
मकर संक्रांति के आसपास, बुटाटी धाम में भक्तों की संख्या में अचानक वृद्धि हो जाती है। पिछले कुछ दिनों से संध्या काल में आरती दर्शन के दौरान हजारों श्रद्धालु मंदिर में आकर शामिल हो रहे हैं। मंदिर परिसर में सुरक्षा के मद्देनजर पुलिस जवानों ने भी अपनी ड्यूटी संभाली है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। इस समय श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने का अनुमान है, खासकर मकर संक्रांति के बाद।
बुटाटी धाम तक पहुंचने का रास्ता
बुटाटी धाम, नागौर जिले के देगाना तहसील में स्थित है और यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन मेढ़ता रोड है, जो लगभग 45 किमी दूर है। यह स्टेशन जयपुर और जोधपुर रूट पर स्थित है। यहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए जीप, ऑटो रिक्शा और अन्य स्थानीय परिवहन सेवाएं उपलब्ध हैं। ठहरने के लिए मंदिर परिसर में भी सुविधाएं मौजूद हैं, जबकि गेस्ट हाउस अजमेर-कोटा रोड पर है जो मंदिर से आधे किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
बुटाटी धाम सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं बल्कि एक चिकित्सा केंद्र भी बन चुका है, जहां लाखों लोग आस्था के साथ आकर उपचार प्राप्त करते हैं। यहां की विशिष्ट पूजा विधि और परिक्रमा से न केवल शारीरिक कष्टों से राहत मिलती है, बल्कि मानसिक शांति और आस्था की भी प्राप्ति होती है। इस मंदिर के प्रति लोगों की श्रद्धा और विश्वास ने इसे एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बना दिया है, जहां आने वाले हर भक्त को राहत और संतुष्टि मिलती है।