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Chhath Puja 2025: छठ पूजा में नाक से मांग तक सिंदूर क्यों लगाती हैं महिलाएं? जान लें क्या है इसका कारण

Chhath Puja 2025: छठ पर्व की एक अनोखी विशेषता यह है कि यह पूरी दुनिया का ऐसा पर्व है जिसमें डूबते सूर्य की भी पूजा की जाती है। इसके साथ ही, इस पर्व की परंपराओं में सुहागिन महिलाओं द्वारा नाक से मांग तक सिंदूर लगाना शामिल है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 16 Oct 2025 02:13:59 PM IST

Chhath Puja 2025

छठ पूजा - फ़ोटो GOOGLE

Chhath Puja 2025: छठ पर्व की एक अनोखी विशेषता यह है कि यह पूरी दुनिया का ऐसा पर्व है जिसमें डूबते सूर्य की भी पूजा की जाती है। इसके साथ ही, इस पर्व की परंपराओं में सुहागिन महिलाओं द्वारा नाक से मांग तक सिंदूर लगाना शामिल है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महिलाओं का नाक से मांग तक सिंदूर लगाने का उद्देश्य अपने पति की लंबी आयु और घर-परिवार में सुख-समृद्धि सुनिश्चित करना है। ऐसा माना जाता है कि जो महिलाएं यह परंपरा निभाती हैं, उनके पति दीर्घायु और सम्मानित रहते हैं।


सिंदूर को सुहाग का प्रतीक माना जाता है और इसे मांग से लेकर नाक तक भरने से सुहागिन महिलाओं का अपने पति के प्रति प्रेम, समर्पण और सम्मान भी जाहिर होता है। धार्मिक मान्यता यह भी है कि अगर सिंदूर कम या छिपा दिया जाए तो पति समाज में कमजोर पड़ सकता है या उसकी तरक्की प्रभावित हो सकती है। इसलिए छठ पूजा के दौरान महिलाओं द्वारा नाक से मांग तक सिंदूर भरना पति की लंबी आयु, परिवार की खुशहाली और वंश वृद्धि का प्रतीक माना जाता है।


सिंदूर की लंबाई और मात्रा को भी महत्वपूर्ण माना जाता है। जितना लंबा और व्यवस्थित सिंदूर होगा, उतना ही परिवार में सुख-समृद्धि और घर की समृद्धि बनी रहेगी। इसके अलावा, यह परंपरा महिलाओं के जीवन में सजगता, धार्मिक आस्था और परंपराओं का पालन दर्शाती है। इस प्रकार, न केवल यह धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखती है, बल्कि यह परिवार और समाज में सम्मान, प्रेम और एकता का संदेश भी देती है।


छठ पूजा में नाक से मांग तक सिंदूर लगाने की प्रथा सदियों से चली आ रही है और यह परंपरा आज भी बिहार और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में श्रद्धा और आस्था के साथ निभाई जाती है। इस पूजा के दौरान सिंदूर का प्रयोग न केवल पति की लंबी आयु और समृद्धि के लिए किया जाता है, बल्कि यह महिलाओं की आस्था, समर्पण और परिवार के प्रति उनकी जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।


इस दिव्य पर्व के दौरान महिलाएं कठोर उपवास करती हैं, सूर्य को अर्घ्य देती हैं और अपनी प्राचीन परंपराओं का पालन करती हैं, जिससे यह पर्व धार्मिक, सामाजिक और पारिवारिक रूप से महत्वपूर्ण बन जाता है। छठ पूजा के दौरान नाक से मांग तक सिंदूर लगाने की यह प्रथा आधुनिक समय में भी अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक महत्ता बनाए हुए है।