बेगूसराय में बाढ़ का कहर: 12 घंटे में 7 की मौत, प्रशासन पर लापरवाही का आरोप BIHAR: गंगा नदी में 100 KM बहकर बचा शख्स, बेंगलुरु से आने के बाद पटना में लगाई थी छलांग Bihar News: बिहार में पानी में डूबने से दो सगी बहनों की मौत, छोटी सी गलती और चली गई जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar Crime News: बिहार में एक धुर जमीन के लिए हत्या, चचेरे भाई ने लाठी-डंडे से पीट-पीटकर ले ली युवक की जान Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: बिहार में दर्दनाक सड़क हादसे में देवर-भाभी की मौत, मायके से लौटने के दौरान तेज रफ्तार वाहन ने रौंदा Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: पुनौरा धाम को देश के प्रमुख शहरों से जोड़ने की कवायद शुरू, सड़क, रेल और हवाई मार्ग से होगी कनेक्टिविटी Bihar News: बिहार के स्कूल-कॉलजों में खुलेगी डिजिटल लाइब्रेरी, इतने करोड़ खर्च करेगी नीतीश सरकार
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 01 Mar 2025 07:30:27 AM IST
Durgashtami - फ़ोटो Durgashtami
Durgashtami: हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है और इस दिन मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को शुभ फल की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भी श्रद्धालु इस दिन विधिपूर्वक माता रानी की पूजा करता है और व्रत रखता है, उसे जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है।
मासिक दुर्गाष्टमी 2025 का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 06 मार्च को सुबह 10:50 बजे से प्रारंभ होकर 07 मार्च को सुबह 09:18 बजे तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार, 07 मार्च 2025, शुक्रवार को फाल्गुन माह की दुर्गाष्टमी मनाई जाएगी। इस दिन मां दुर्गा की विधिवत पूजा-अर्चना और व्रत करने से भक्तों को विशेष लाभ प्राप्त होता है।
मासिक दुर्गाष्टमी का महत्व
शक्ति और सकारात्मक ऊर्जा की प्राप्ति: दुर्गाष्टमी व्रत करने से व्यक्ति के जीवन में नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव समाप्त होता है और शक्ति एवं सकारात्मकता का संचार होता है। संकटों से मुक्ति: जो भी भक्त मां दुर्गा का स्मरण करके व्रत करता है, वह जीवन की कठिनाइयों से मुक्ति पाकर सफलता प्राप्त करता है। परिवार में सुख-शांति: इस दिन की गई पूजा से घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और देवी की कृपा सभी पर बनी रहती है। आध्यात्मिक लाभ: मां दुर्गा की साधना करने से साधक को आध्यात्मिक बल मिलता है और उसकी साधना सिद्ध होती है।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत की विधि
स्नान और संकल्प: प्रातःकाल स्नान करने के बाद व्रत और पूजा का संकल्प लें।
मां दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें: एक साफ स्थान पर देवी दुर्गा की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
पूजा सामग्री तैयार करें: लाल पुष्प, चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य, नारियल, फल, पंचामृत आदि का उपयोग करें।
मंत्र जाप और पाठ:
दुर्गा चालीसा, दुर्गा सप्तशती, सिद्ध कुंजिका स्तोत्र आदि का पाठ करें।
"ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" मंत्र का जाप 108 बार करें।
आरती करें: धूप, दीप जलाकर मां दुर्गा की आरती करें और प्रसाद वितरण करें।
व्रत का समापन: अगले दिन ब्राह्मणों या जरूरतमंदों को भोजन कराकर व्रत का समापन करें।
सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ
शिवजी ने पार्वती माता को सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का महत्व बताया था। इस स्तोत्र का पाठ करने से दुर्गा सप्तशती का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।
शिव उवाच:
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि, कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम्।
येन मन्त्रप्रभावेण चण्डीजापः शुभो भवेत॥
यह स्तोत्र अत्यंत गोपनीय माना गया है और इसे श्रद्धा एवं नियमपूर्वक पढ़ने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
मासिक दुर्गाष्टमी व्रत मां दुर्गा की कृपा प्राप्ति का एक उत्तम अवसर है। इस दिन की गई पूजा और व्रत से न केवल जीवन की समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि व्यक्ति को शक्ति, साहस और समृद्धि की प्राप्ति होती है। अतः श्रद्धालुओं को इस पावन दिन पर सच्चे मन से माता रानी की आराधना करनी चाहिए।