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Tirupati Balaji temple: बुजुर्ग महिला ने 3 मिनट में 35 साल की बचत को किया दान

तिरुपति बालाजी मंदिर न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक सेवा का भी एक बड़ा केंद्र है। सी मोहना जैसी दानकर्ताओं की कहानियाँ यह दर्शाती हैं कि लोगों की आस्था और मानवता के प्रति उनका समर्पण किस हद तक जा सकता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 05 Feb 2025 07:01:01 AM IST

Tirupati Balaji temple

Tirupati Balaji temple - फ़ोटो Tirupati Balaji temple

Tirupati Balaji Temple: आंध्र प्रदेश के तिरुपति में स्थित भगवान वेंकटेश्वर का मंदिर, जिसे तिरुपति बालाजी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है। तिरुमाला की पहाड़ी पर स्थित यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि समाज सेवा और मानव कल्याण के लिए भी अद्वितीय योगदान देता है। हाल ही में, एक 70 वर्षीय महिला की प्रेरणादायक कहानी ने इस मंदिर और इसके प्रबंधन की चर्चा को और बढ़ा दिया है।


35 वर्षों की बचत का दान

रेनिगुंटा की रहने वाली सी मोहना नामक महिला ने अपनी पूरी जीवनभर की बचत, जो कि 50 लाख रुपये थी, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के श्री वेंकटेश्वर सर्व श्रेयस (एसवी बालामंदिर) ट्रस्ट को दान कर दी। 3 मिनट में 35 सालों की सेविंग्स को दान कर दिया। मोहना ने संयुक्त राष्ट्र सहित कोसोवो, अल्बानिया, यमन, सऊदी अरब और भारत में विकास और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया। अपने 35 साल के लंबे करियर के दौरान उन्होंने जो भी बचत की, उसे समाज के गरीब और अनाथ बच्चों के कल्याण के लिए समर्पित कर दिया।


अनाथ और गरीब बच्चों की सहायता

टीटीडी की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, मोहना ने अपनी पूरी बचत तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के शैक्षणिक संस्थानों में पढ़ने वाले अनाथ और गरीब बच्चों की भलाई के लिए दान दी। उन्होंने यह राशि टीटीडी के अतिरिक्त कार्यकारी अधिकारी सीएच वेंकैया चौधरी को डिमांड ड्राफ्ट के रूप में सौंपी। टीटीडी, जो भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का आधिकारिक संरक्षक है, इस धनराशि को उन बच्चों की शिक्षा और कल्याण पर खर्च करेगा, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं।


तिरुपति बालाजी मंदिर की संपत्ति और प्रबंधन

तिरुपति बालाजी मंदिर का प्रबंधन तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) करता है। यह संगठन मंदिर के दान और चढ़ावे का उचित उपयोग सुनिश्चित करता है। अनुमान के अनुसार, मंदिर की कुल संपत्ति 35,000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकती है, जो इसे विश्व के सबसे धनी धार्मिक स्थलों में से एक बनाती है। इस संपत्ति का उपयोग धार्मिक आयोजनों के साथ-साथ सामाजिक कल्याण, स्वास्थ्य सेवाओं, और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी किया जाता है।


आस्था और सेवा का आदर्श

तिरुपति बालाजी मंदिर केवल पूजा-अर्चना का केंद्र नहीं, बल्कि मानवता और सेवा का भी एक आदर्श प्रतीक है। सी मोहना जैसी दानकर्ताओं की कहानियाँ हमें यह सिखाती हैं कि किस तरह धर्म और सेवा को एक साथ जोड़ा जा सकता है। यह मंदिर न केवल लोगों की आस्था को शक्ति देता है, बल्कि समाज के कमजोर वर्गों को भी सहारा प्रदान करता है।


तिरुपति बालाजी मंदिर और इसका प्रबंधन यह दर्शाता है कि धर्म का असली उद्देश्य केवल पूजा-अर्चना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज के कल्याण के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है। सी मोहना का यह दान न केवल एक व्यक्तिगत त्याग की कहानी है, बल्कि यह समाज के प्रति जिम्मेदारी और सेवा भावना का जीता-जागता उदाहरण है। यह प्रेरणा हर उस व्यक्ति के लिए है, जो समाज को बेहतर बनाने के लिए कुछ करना चाहता है।